जमीन से निकल रहे टिड्डियों के लाखों बच्चे, खेतों में पैर रखने की नहीं जगह
टिड्डियों को कंट्रोल करने में जुटा कृषि विभाग विभाग ने टिड्डियों को खत्म करने के लिए स्प्रे करवाया शुरू किया। फोगिंग मशीन नहीं रही कारगर चंडीगढ़ मुख्यालय को लौटाई।
ढिगावा मंडी/भिवानी। लोहारू उपमंडल के गांव चैहड़ कलां, चौहड़ खुर्द, बिठन, अमीरवास में जमीन अब टिड्डियां पैदा कर रही हैं। हालांकि यहां से टिड्डी दल 13 जुलाई को ही उड़ान भर गया लेकिन जमीन में करोड़ों अंडे दे दिए जो अब बच्चे बनकर बाहर निकल आए हैं। तीन दिन से यहां टिड्डियों के करोड़ों बच्चे फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और जमीन पर पैर रखने की जगह नहीं है। छोटी-छोटी टिड्डियां हर जगह नजर आ रही हैं। प्रशासन को भी टिड्डियां खत्म करने में पसीना आ गया है। चंडीगढ़ से फोगिंग मशीन मंगवाई गई लेकिन वह अधिक कारगर नहीं रही। न ही अधिक ऊंचाई पर मार कर पा रही है, दूसरा टैंक छोटा है। अब टिड्डियों के बच्चे हल्की उड़ान भी भरने लगे हैं।
हर रोज निकल रहे बच्चे
11 से 13 जुलाई को टिड्डियां यहां पहुंची तो उन्होंने अंडे दे दिए और एक टिड्डी 70 से 80 अंडे एक साथ देती है। इन गांवों की एक हजार से अधिक एकड़ भूमि में अब टिड्डियों के बच्चे नजर आ रहे हैं। 12 से 15 दिन में अंडे से बच्चे निकलते हैं। हालांकि एक राय यह भी है कि आठ से 10 दिन में भी बच्चे निकल सकते हैं और ये बच्चे पहले पांच दिन उड़ान नहीं भर पाते। इसलिए जहां बैठे हैं वहीं आसपास फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। टिड्डियां उड़ने लगेंगी तो पहले चार से पांच दिन उसकी स्पीड कम होगी और इसके बाद यह तीव्र गति से आगे बढ़ सकती है। यदि समय पर टिड्डियां नहीं मारी गई तो यह बड़ा टिड्डी दल फसलों को नुकसान कर सकता है।
स्प्रे से मर रही हैं टिड्डियां, मुश्किल ये कि अगले दिन उतनी ही बढ़ रही
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्प््रे के प्रभाव में आने के बाद टिड्डियों के बच्चे मर रहे हैं। जहां-जहां स्प्रे हो रहा है वहां टिड्डियों के बच्चे खत्म हो रहे हैं लेकिन समस्या यह है कि इतनी ही टिड्डियां अगले दिन फिर तैयार हो रही हैं। कोई बच्चा अंड से दस दिन में निकल रहा है तो कोई 12वें दिन। सुबह किसान जब खेत जाता है तो उसे फिर से टिड्डियां नजर आती हैं। कृषि विभाग ने अब किसानों की मदद से आपरेशन शुरू किया है। अभी तक 265 हेक्टेयर में स्प्रे किए जाने का दावा किया गया है लेकिन किसानों के अनुसार टिड्डियां काबू नहीं आ रही।
खरपतवार को खा रही टिड्डियां
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार टिड्डियां पहले खरपतवार को खा रही हैं। रेतीली भूमि में होने वाली चौलाई पर इनका आक्रमण अधिक देखा गया है लेकिन जब खरपतवार नहीं मिलता तो दूसरी फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं। जहां खरपतवार नहीं वहां सीधे बाजरे पर आ रही हैं क्योंकि ये टिड्डियां उड़ान नहीं भर पा रही हैं इसलिए फसलों को सीधे नुकसान कर रही हैं। वरना पेड़ पौधों पर अधिक बैठती।
----पांच गांवों में टिड्डियां अंडे दे गई थी। अब वहां बच्चे पैदा हो रहे हैं। अब ये उड़ने की स्थिति में नहीं हैं। स्प्रे कर रहे हैं। किसानों से भी कहा गया है कि वे विभाग से दवाई ले लें और अपने खेतों में स्प्रे करें ताकि टिड्डी को खत्म किया जा सके। जितनी टिड्डियां खत्म कर रहे हैं उतनी पैदा भी हो रही हैं। दिन-रात कर्मचारी लगे हुए हैं। किसानों से भी आग्रह किया गया है कि वे अपने खेत में निगरानी करें और जहां टिड्डियां नजर आए स्प्रे करें।
डा. प्रताप सिंह सभ्रवाल, उप निदेशक, कृषि विभाग