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आपके दूध में हाे सकता है यूरिया व डिटर्जेंट, अब आसानी से कर सकेंगे जांच

मिलावट के कारण दूध जहरीला होता जा रहा है। एक शोध में दूध में यूरिया, सुकरोज व डिटर्जेंट की मिलावट मिली है। इससे निपटने काे जीजेयू के दो विद्यार्थियों ने एक उपकरण बनाया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 06:18 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 02:21 PM (IST)
आपके दूध में हाे सकता है यूरिया व डिटर्जेंट, अब आसानी से कर सकेंगे जांच
आपके दूध में हाे सकता है यूरिया व डिटर्जेंट, अब आसानी से कर सकेंगे जांच

हिसार, [संदीप बिश्नोई]। दूध पीना स्‍वास्‍‍थ्‍य के लिए अच्‍छा माना जाता है और इसे शरीर के पोषण के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। लेकिन, अब यही दूध स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खतरा बनता जा रहा है। यूरिया, डिटर्जेंट और अन्‍य खतरनाक चीजों की मिलावट से यह स्‍वास्‍थ्‍य के लिए धीमा जहर बन रहा है। लेकिन, घबराएं नहीं। एक आसान फार्मूले से आप इसकी जांच कर मिलावट पकड़ सकते हैं। इस फार्मूले का ईजाद किया है हिसार के जीजेयू की एक छात्रा और छात्र ने। इसके उपकरण के महज 80 पैसे के खर्च में दूध की जांच की जा सकेगी।

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जीजेयू के दो विद्यार्थियों ने जांच के लिए ईजाद किया फार्मूला, मामूली खर्च में हाेगी जांच

दूध की मिलावट की जांच के लिए गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के इन विद्यार्थियों ने शोध किया था। एमटेक फाइनल ईयर के विनोद कुमार तिवारी और छात्रा आशु द्वारा किए गए शोध में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इसमें पाया गया है कि दूधियों के दूध में पानी के संग-संग 17 फीसद तक यूरिया की मिलावट होती है। वहीं 17 फीसद में सुकरोज और 17 फीसद सैंपल में डिटर्जेंट मिला है। इसके साथ ही विद्यार्थियों ने दूध की मिलावट की जांच के लिए एक फार्मूला तैयार किया है। इससे आसानी से दूध की जांच की जा सकती है।

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शोध में दूध में पाई गई 17 फीसद यूरिया, 17 फीसद सुकरोज और 17 फीसद डिटर्जेंट की मिलावट

विद्यार्थियों ने शहर से लिए गए सैंपल की जांच की तो यह तथ्‍य उजागर हुआ है। विद्यार्थियों के मुताबिक, उन्‍होंने अभी कम नूमने लेकर उनकी जांच की, यदि अधिक सैंपल लिए जाएं तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिलावट पर की जा रही निगरानी पर भी सवाल उठा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में दूध विक्रेता इन जहर का इस्तेमाल कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

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इन सब के बीच राहत वाली बड़ी बात ये है कि जीजेयू के इन्हीं विद्यार्थियों ने एक ऐसा फार्मूला तैयार करने में कामयाबी हासिल की है, जिससे दूध में एक फीसद की मिलावट को भी पकड़ा जा सकेगा। जीजेयू के खाद्य एवं तकनीकी विभाग के चेयरमैन डा. बीएस खटकड़ के अनुसार गर्मियों में दूध की खपत अधिक होती है, जबकि उत्पादन कम होता है। इस फासले को भरने के लिए ग्वाले दूध में सिंथेटिक दूध मिला देते हैं।

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उन्‍होंने बताया कि पहले हम दूध में 10 फीसद या इससे अधिक की मिलावट का ही पता लगा पाते थे , लेकिन इस फार्मूले से दूध में उक फीसद मिलावट का भी पता लगाया ला सकेगा। जल्द ही इसे पेटेंट करवाया जाएगा।

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तीन मिनट और 80 पैसे के खर्च में कर सकेंगे दूध की जांच

इस फार्मूले पर उपकरण के बाजार में आने के बाद महज 80 पैसे के खर्च पर उपभोक्ता एक से तीन मिनट में दूध की जांच कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने विद्यार्थियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। जीजेयू की तरफ से इसे पेटेंट कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

विश्वविद्यालय के खाद्य एवं तकनीकी विभाग के अध्यक्ष डॉ बीएस खटकड़ ने बताया कि विभाग के एमटेक फाइनल ईयर के विनोद कुमार तिवारी और छात्रा आशु ने मिलकर इस मिल्क टेस्ट उपकरण का ईजाद किया है। यह एक फीसद की मिलावट भी पकड़ लेता है। चाहे वह मिलावट पानी की ही क्यों न हो। मतलब एक लीटर दूध में दस मिलीलीटर पानी या अन्य कोई भी चीज मिलाई गई हो तो डिटेक्ट हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि दूध का केवल दो एमएल सैंपल लेकर मिलावट की जांच की जा सकती है। टेस्ट बेहद विश्वसनीय है और अब तक की सभी टेस्ट तकनीकों से बेहद कम समय लेने वाला व कम खर्चीला है। दोनों विद्यार्थियों के इस फार्मूले की सराहना लाला लाजपतराय पशु विज्ञान एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय हिसार के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. गुलशन नारंग ने भी की है और इसे बड़ी उपलब्धि बताया है।

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परीक्षण के लिए शहर के दूधियों से लिए सैंपल

अपने ईजाद किए गए फार्मूले का परीक्षण करने के लिए दोनों विद्यार्थियों ने हिसार शहर से दूधियों के दूध के नौ सैंपल लिए और तीन नामी गिरामी कंपनी के पैक्ड दूध के लिए। दूधियों के दूध 10 से 40 फीसद तक की मिलावट थी, जिनमें दो में यूरिया, दो में डिटर्जेंट, दो में स्टार्च पाया गया। पैक्ड दूध में से एक में सुक्रोज पाया गया। पैक्ड दूध के अतिरिक्त सभी सैंपल में पानी की मिलावट भी थी।

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'' पशुचारे के माध्यम से दूध में जो यूरिया जाता है, उसको डिटेक्ट नहीं किया जा सकता। सैंपल में यूरिया मिली तो यह मिलावट है।

                                                                                                       -गुलशन नारंग, वरिष्ठ वैज्ञानिक।


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