Move to Jagran APP

हरियाणा में ये मेयर हैं निराले, कोरोना मरीजों को पिलाते हैं काढ़े के प्याले

कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही मेयर ने मदद के हाथ आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। अभी तक मेयर कार्यालय की तरफ से 1100-1200 कोरोना मरीजों या फिर उनके स्वजनों तक काढ़े के पैकेट पहुंचाए जा चुके। मेयर कहते हैं कि मेरे पिता मंत्री थी ऐसे ही सेवा करते थे

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 10:59 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 10:59 AM (IST)
हरियाणा में ये मेयर हैं निराले, कोरोना मरीजों को पिलाते हैं काढ़े के प्याले
मेयर कार्यालय की तरफ से 1100-1200 कोरोना मरीजों या फिर उनके स्वजनों तक काढ़े के पैकेट पहुंचाए जा चुके

रोहतक [अरुण शर्मा] जब आप कोरोना की चपेट में आते हैं तो अपने भी मुंह मोड़ लेते हैं। आपके पास मदद के लिए कोई फोन आए तो यह संबल का काम करेगा। फिलहाल कोरोना मरीजों को नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल सहारा बने हैं। किसी भी व्यक्ति की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आती है तो उसके चंद घंटों बाद ही मेयर कार्यालय से फोन आएगा। आपकी सेहत के बारे में पूछा जाएगा। आपसे काढ़ा पीने की इच्छा भी पूछी जाएगी। हां में जवाब होता है तो चंद मिनट बाद ही आपके पास काढ़े के पैकेट पहुंच जाएंगे।

loksabha election banner

कोरोना संक्रमण बढऩे के साथ ही मेयर ने मदद के हाथ आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। अभी तक मेयर कार्यालय की तरफ से 1100-1200 कोरोना मरीजों या फिर उनके स्वजनों तक काढ़े के पैकेट पहुंचाए जा चुके हैं। मेयर कहते हैं कि मेरे पिता स्वर्गीय सेठ किशनदास पूर्व मंत्री रह चुके हैं। जब 1995-1996 में बाढ़ का कहर बरपा तो उन्होंने रात-दिन शहर की सेवा की। उन्होंने आखिरी वक्त में यही कहा कि भगवान ने हमें दूसरों की मदद के लिए सक्षम बनाया है। उनकी कही बातें मैंने संकल्प के तौर पर अपनाई।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और पीजीआइ के विशेषज्ञों से ली अनुमति

कोरोना संक्रमण का जब प्रभाव बढऩे लगा तो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और पीजीआइ रोहतक के विशेषज्ञों से वार्ता की। उन्हीं की अनुमति के बाद काढ़ा पिलाने का कार्य शुरू किया गया। मेयर का कहना है कि शहर में कुल 22 वार्ड हैं। इन सभी वार्डों में जो भी वर्कर या फिर समाजसेवी हैं उनकी मदद से काढ़े के पैकेट पहुंचाए जाते हैं।

इस तरह काढ़े का कर सकेंगे सेवन

काढ़े में मुख्य तौर से छह औषधियों का मिश्रण है। इसमें नागरमोथा, खस, सौंठ, रक्त चंदन, पितपापड़ा, सुगंध बाला औषधियों की समान मात्रा लेते हैं। इन्हें कूट-पीसकर चूर्ण रूप में तैयार कर लेते हैं। 70-70 ग्राम के पैकेट तैयार कराए हैं। काढ़ा तैयार करने के लिए पांच-पांच ग्राम चूर्ण प्रतिदिन एक-एक लीटर पानी में मिलाया जाता है। एक लीटर पानी को गैस-चूल्हे पर गरम करेंगे। 750 ग्राम तक यह पानी शेष बचेगा। इसी पानी को गुना-गुना होने पर नियमित तौर से घूंट-घूंट कर पीएं। कम से कम 14 दिन इस काढ़े का सेवन कोराना पॉजीटिव के अलावा स्वस्थ्य व्यक्ति भी सेवन कर सकते हैं।

-----प्रतिदिन सीएमओ कार्यालय से कोरोना पॉजीटिव मरीजों की लिस्ट मंगाते हैं। फिर मैं खुद अपने कार्यालय से अपनी मौजूदगी में संबंधित मरीजों के पास फोन कराता हूं।

---मनमोहन गोयल, मेयर, नगर निगम, रोहतक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.