हिसार में लाकडाउन में भी नहीं रुकी नाबालिग बेटियों की शादी, 11 मामलों में शादियां रुकवाई
कोरोना महामारी को लेकर लागू लाकडाउन में भी नाबालिग बेटियों की शादियां नहीं रुकी। इस बात का खुलासा बाल विवाह निषेध विभाग से मिले आंकड़े से हो रहा है। हिसार में अकेले मई और जून माह में इस साल 11 शादियां विभाग रुकवा चुका है।
जागरण संवाददाता, हिसार। लाकडाउन में भी नाबालिग बेटियों की शादियां नहीं रुकी। इस बात का खुलासा बाल विवाह निषेध विभाग से मिले आंकड़े से हो रहा है। अकेले मई और जून माह में इस साल 11 शादियां विभाग रुकवा चुका है। यह शादियों चोरी छिपे की जा रही थी। वहीं जुलाई तक यह काम जारी है। इस महीने भी 5 मामले विभाग को मिल चुके हैं। यह तो वह मामले हैं जो विभाग के संज्ञान में आए मगर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि हिसार में नाबालिग बेटियों के कम उम्र में ही ब्याहन का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। पूर्व के वर्षों में इसमें गिरावट दर्ज की गई थी मगर अब फिर से हर महीने इसे बढ़ता हुआ देख सकते हैं।
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इन दो मामलों से समझिए बाल विवाह कैसे रुकवाए
दो दिनों में तीन नाबालिग बेटियों की शादी प्रशासन द्वारा रुववाई जा चुकी है। इन बेटियों की शादी गुपचुप तरीके से परिजन कर रहे थे। बारात आती इससे पहले ही लोगों ने जिला बाल विवाह निषेध कार्यालय को सूचित कर दिया। लोगों की सूचना पर विभाग ने पुलिस के साथ छापा मारा तो हकीकत देखकर हैरान रह गए। ताजा मामले बधावड़ गांव से जुड़ा हुआ है। यहां एक 17 वर्षीय बेटी को भुन्ना के समीप एक गांव के शख्स के साथ ब्याहा जा रहा था। बारात आती इससे पहले ही जिला बाल विवाह निषेध बबिता चौधरी, सहायक सचिन मेहता व बरवाला पुलिस के साथ पहुंच गईं। यहां बयान लेकर शादी को रुकवाया गया। इसके साथ ही परिवार की काउंसलिंग भी की गई।
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लुदास में पहले भी मिल चुका है ऐसा मामला
लुदास गांव में दो नाबालिग बेटियों को ब्याहने की तैयारी चल रही थी। जिसमें एक 15 वर्ष की और दूसरी 17 वर्ष की उम्र की बेटियां थी। दूसरी बेटी की शादी 20 जुलाई को जींद में होनी थी। यह बारात आनी थी इससे पहले ही शादी को रुकवा दिया गया। वहीं छोटी बेटी की शादी चंडीगढ़ तय की गई और गोद भी भर दी गई थी। विभाग की टीम ने दोनों शादी रुकवा कर दोबारा से निरीक्षण करने की बात कही है।