प्रेमिका के साथ मिल किसान की हत्या करने के आरोपित ने झज्जर की दुलीना जेल में लगाई फांसी
बहादुरगढ़ में चल रहे किसान आंदोलन में कुछ दिन पहले एक किसान की हत्या कर दी गई थी। मगर जांच में सामने आया कि किसान की हत्या उसकी भाभी और उसके प्रेमी ने अवैध संबंधों का पता चलने पर की थी। आरोपित अभी जेल में बंद था।
बहादुरगढ़, जेएनएन। पंजाब के बठिंडा जिले के किसान हाकम सिंह की हत्या के मामले में पकड़े गए आरोपित ने जेल में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच में जुटी हुई है। पंजाब के किसान की बहादुरगढ़ में धरनास्थल पर हत्या की गई थी। इस मामले में खुलासा हुआ था कि किसान की हत्या के पीछे खुद उसकी भाभी की साजिश थी। उसने अपने प्रेमी से मिलकर देवर हाकम सिंह को ठिकाने लगवाया और खुद इस मामले में मुदई बन गई, लेकिन फिर पूरा मामला खुल गया। प्रेमी को तो पुलिस ने काबू कर लिया था और कोर्ट में पेश कर जेल में भेज दिया गया था। मगर आज यह घटना घट गई।
मृतक हत्या के मामले में जेल में बंद था। दुलीना जेल के स्नानघर में नहाने के लिए गया था। रोशनदान में गमछा नुमा चद्दर से फांसी लगा ली। काफी देर तक जब वह बाहर नहीं निकला तो भीतर झांककर देखा गया। दुलीना चौकी प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि कुलवंत जो कि पंजाब के मोगा जिला का रहने वाला था। गांव के सरपंच से बातचीत कर सूचना दी गई है। परिजनों ने बताया कि वह उसे पहले ही बेदखल कर चुके हैं। परिवार के आने तक शव को नागरिक अस्पताल में रखा जाएगा। बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
आरोपित का नाम कुलवंत था। वह पंजाब के माेगा जिले के गांव लोपो का रहने वाला था। पुलिस ने बताया कि मृतक हाकम सिंह बठिंडा जिले के रामपुरा क्षेत्र के पत्ती गुद्दू का रहने वाला था। वह 25 मार्च को घर से आंदोलन में आया था। उसी दिन शाम को बहादुरगढ़ बाईपास से करीब आधा किमी दूर खेतों में उसका खून से लथपथ शव मिला था। उसका गला रेत दिया गया था। इस मामले में कुलवंत को काबू किया गया था। मगर उसने आत्महत्या कर ली।
एसआइटी ने सुलझाया मामला
इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस अधीक्षक राजेश दुग्गल की ओर से एसआइटी का गठन किया गया था। इसमें शहर थाना प्रभारी विजय कुमार, सीआइए-प्रथम प्रभारी रवींद्र कुमार, सेक्टर-9 चौकी प्रभारी पवन कुमार और साइबर सैल प्रभारी सुनील कुमार को शामिल किया गया था। पुलिस ने बारीकी जांच से पूरे मामले का खुलासा कर दिया।
यह थी वजह
पुलिस ने बताया कि हाकम सिंह की हत्या में उसकी भाभी कर्मजीत कौर की ही साजिश मिली। आरोपित कुलवंत और कर्मजीत कौर के बीच काफी समय से अवैध संबंध थे। कुलवंत ट्रक ड्राइवर था। उसी सिलसिले में आते-जाते समय दोनाें के बीच संबंध बने थे। इधर, हाकम को इसका पता चल गया था। ऐसे में उसे रास्ते से हटाया गया। जब वह पंजाब से यहां आंदोलन में आया तो कुलवंत उसके साथ था। दोनाें बहादुरगढ़ स्टेशन पर ट्रेन से उतरे। आंदोलन स्थल पर पहुंचने से पहले शराब की बोतल ली। पहले से प्लानिंग के चलते हाकम को कुलवंत सुनसान जगह ले गया। वहां पर उसे शराब पिलाई और फिर चाकू से उसका गला रेत दिया। उसकी जेब से पैसे भी निकाल ले गया। वह आंदोलन में ही छिपता रहा। पंजाब भागने की कोशिश में उसे रेलवे स्टेशन पर काबू किया गया।