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बालसमंद में किसानों की महापंचायत

बालसमंद गांव में चल रहा किसानों का धरना तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को धरनास्थल पर 19 गांवों के किसानों की महापंचायत हुई। उन्होंने सरकार से आह्वान किया कि जल्द मांग पूरी करे अन्यथा किसान बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:50 AM (IST)
बालसमंद में किसानों की महापंचायत
बालसमंद में किसानों की महापंचायत

संवाद सहयोगी, बालसमंद : बालसमंद गांव में चल रहा किसानों का धरना तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को धरनास्थल पर 19 गांवों के किसानों की महापंचायत हुई। उन्होंने सरकार से आह्वान किया कि जल्द मांग पूरी करे, अन्यथा किसान बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।

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वहीं सायं पांच बजे उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी से किसान मिले। डीसी ने उप तहसील से स्टाफ बदलने का आश्वासन दिया। साथ ही किसानों को बताया कि जो फसलें पानी में डूबने से खराब हुई थी, उसकी गिरदावरी के आदेश आ गए हैं। सफेद मक्खी से हुए नुकसान के आदेश नहीं आए हैं संभवत: दो से चार दिन में यह भी आ जाएं। ऐसे में किसानों को लिखित रूप से कोई आश्वासन नहीं मिला है। उनका कहना है कि जब तक लिखित में कुछ नहीं मिलता, धरना जारी रहेगा।

बता दें कि बालसमंद उप तहसील के किसान खराब फसलों के मुआवजे को लेकर सैकड़ों की संख्या में धरनारत हैं। उनमें फसल में मात्र दस फीसद खराबा दिखाने वाले अधिकारी के खिलाफ गुस्सा है। वह लगतार इन अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोमवार को धरनास्थल पर कूरड़ाराम नंबरदार ने कहा कि 19 गांवों की महापंचायत मात्र ट्रेलर है, अगर सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती है तो हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

किसानों के बीच पहुंचे महम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि तीनों कृषि अध्यादेश किसान, कमेरे और मजदूर वर्ग को बर्बाद कर देंगे। सरकार मनमाने कानून बनाकर आप लोगों को बड़े पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है।

इन गांवों के किसानों ने किया प्रदर्शन

बालसमंद, बुड़ाक, बंडाहेड़ी, डोभी, खारिया, सलेमगढ़, सुंडावास, चौधरीवाली, घुड़साल, तेलनवाली, कुतियावाली, किरतान, सीसवाला, धीरणवास, रावलवास कलां, भिवानी रोहिल्ला, गोरछी, सरसाना और गावड़ शामिल हैं। पूर्व सीएम हुड्डा ने दिया समर्थन

प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि सरकारी नीतियों, टिड्डियों, बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि के बाद अब किसान फसल खराब होने की मार झेल रहे हैं। किसान कपास, मूंग, ग्वार, बाजरे के खराबे का मुआवजा लेने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मैं बालसमंद के धरनारत किसानों का समर्थन करता हूं। सरकार जल्द मुआवजे का ऐलान करे।

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तीन बजे तालाबंदी की घोषणा के बाद पहुंचे अधिकारी

किसान सोमवार सुबह से ही धरनास्थल पर एकत्रित होने शुरू हो गए। दोपहर तक इंतजार के बाद किसानों ने तीन बजे सब तहसील के मुख्य गेट पर तालाबंदी की घोषणा की तो तुरंत तहसीलदार उनसे बातचीत करने के लिए पहुंचे। तहसीलदार के आश्वाशन से किसान असंतुष्ट हुए तो हिसार से एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। बाद में 31 सदस्यों की कमेटी को बातचीत के लिए हिसार बुलाया गया।

हो जाएंगे बर्बाद

किसानों ने बताया कि उन्होंने बालसमंद क्षेत्र में 50 हजार एकड़ में मूंग और अन्य फसलों की बिजाई की हुई है। वह फसलों पर अब तक हजारों रुपये खर्च कर चुके हैं, लेकिन इसके खराब होने से नाममात्र उपज की आशा भी नहीं है। किसानों ने गलत रिपोर्ट पेश करने वाले अधिकारियों पर उचित कार्यवाही ओर सभी फसलों की गिरदावरी व मुआवजे की मांग की है।


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