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भिवानी में असम की नाबालिग से दुष्कर्म और छेड़छाड़, एलपीओ सस्पेंड, काउंसिलर की जमानत याचिका खारिज

भिवानी में असम की नाबालिग से दुष्कर्म का मामला। महिला बाल विकास विभाग ने एलपीओ को सस्पेंड किया। विभाग ने चीफ सेक्रेटरी को जांच रिपोर्ट सौंपी। बाल कल्याण समिति की सदस्य प्रियंका धूपड़ और जिला बाल संरक्षण अधिकारी को भी सस्पेंड करने की सिफारिश।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 09 Jul 2021 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 09 Jul 2021 07:58 PM (IST)
भिवानी में असम की नाबालिग से दुष्कर्म और छेड़छाड़, एलपीओ सस्पेंड, काउंसिलर की जमानत याचिका खारिज
अप्रैल में असम की नाबालिग से दुष्कर्म और छेड़छाड़ का मामला सामने आया था।

जागरण संवाददाता, भिवानी। असम की नाबालिग से अप्रैल माह में हुए दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ मामले में महिला बाल विकास विभाग की निदेशक ने एलपीओ मनोज को संस्पेंड किया है। इसके अलावा पहले से सस्पेंड चल रहे काउंसिलर हरिकिशन की अग्रिम जमानत याचिका भी भिवानी पोक्सो अदालत मेंं खारिज कर दी गई है।

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विभागीय सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय व हरियाणा राज्य बाल आयोग ने अपनी संयुक्त जांच रिपोर्ट 8 जुलाई को चीफ सेक्रेटरी को सौंपी है। इसमें यह सिफारिश की गई है एक सप्ताह के भीतर बाल कल्याण समिति की सदस्य प्रियंका धूपड़ और जिला बाल संरक्षण अधिकारी को भी तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया जाए। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। 
इस मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष खुद 12 जून को भिवानी आए थे। उनके साथ राज्य बाल आयोग अध्यक्ष भी भिवानी पहुंची थीं। भिवानी और दादरी के जिला पुलिस और अधिकारियों से इस मामले मेंं पूछताछ की गई थी। अब तक कार्रवाई नहीं होने को लेकर उनसे अपडेट भी ली गई थी। इसके बाद लगातार आयोग इस मामले में गंभीरता से काम कर रहा है और जो भी  दोषी हाेगा उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जरूरी कदम उठा रहा है। 
यह था मामला 
इसी साल अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में असम की नाबालिग दादरी के पास खेतों में लावारिस हालत में रोते हुए मिली थी। नाबालिग को इस हालत मे देख कर कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने लड़की से पूछताछ की तो उसने बताया था कि उसके साथ दो लड़कों ने गलत काम किया है। दादरी शहर की एक महिला ने रुपये लेकर दो लड़कों के साथ भेजा था। पुलिस ने इस मामले में एफआइआर दर्ज की थी। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
भिवानी में कोरोना संक्रमित हो गई थी लड़की
इसके बाद अप्रैल के दूसरे सप्ताह में लड़की को भिवानी के बाल सेवा आश्रम में भेजा गया। यहां पर नाबालिग कोरोना संक्रमित हो गई। 16 मई को नाबालिग ने बाल सेवाआश्रम के काउंसलर के माध्यम से हरियाणा बाल आयोग अध्यक्ष को शिकायत की कि बाल संरक्षण विभाग भिवानी के एक सदस्य ने उसके साथ छेड़छाड़ की है और गलत तरीके से सवाल पूछे हैं। उस पर संज्ञान लेते हुए 18 मई को हरियाणा बाल आयोग अध्यक्ष ज्योति बैंदा भिवानी आश्रम पहुंचीं और उस स्टाफ सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। 
यहीं नहीं खत्म हुईं नाबालिग की मुश्किलें
नाबालिग की समस्याओं का यही अंत नहीं हुआ। बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिल कर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया। लड़की को भिवानी में अलग-अलग जगह घुमाया गया। बिना अनुमति के भी कई जगह ले जाया गया। दूसरी और राज्य बाल आयोग अध्यक्ष ज्योति बैंदा ने भी अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल आयोग को भेजी थी। इस पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पुलिस महानिरीक्षक को उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। अभी तक सही मायने में नाबालिग को न्याय नहीं मिल पाया है। 
एलपीओ के बराबर दोषी हैं प्रियंका धूपड़
राज्य बाल आयोग के पूर्व सदस्य सुशील वर्मा ने कहा कि एलपीओ मनोज जितने दोषी हैं, उतनी ही दोषी प्रियंका धूपड़ हैं। उनके खिलाफ भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इनको भी सस्पेंड किया जाए। नाबालिग को न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाने के लिए वह सभी जरूरी कदम उठाएंगे। जरूरत पड़ी तो अदालत का सहारा भी लिया जाएगा। 
नाबालिग को मिलेगा न्याय 
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो फिलहाल में मीटिंग में हूं। असम नाबालिग मामले मेंं न्याय किया जाएगा। दोषी चाहे कोई भी उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। 
 
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