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12 हजार हार्स पावर वाले लोकोमोटिव इंजन के साथ लोको पायलटों ने किया प्रेक्टिकल

देश का सबसे शक्तिशाली स्वदेशी लोकोमोटिव इंजन हिसार पहुंच चुका है। डब्ल्यूएजी- 12बी इंजन 12 हजार हॉर्स पावर की शक्ति रखता है। यह पूरी तरह से भारत में ही मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। इस इंजन का विभिन्न स्टेशनों पर लोको पॉयलटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुधवार को हिसार रेलवे स्टेशन पर लोको पॉयलटों को इस इंजन के साथ प्रेक्टिकल कराया गया। इस इंजन का प्रयोग भविष्य में रेलवे मालगाड़ियों को चलाने के लिए करेगा इसीलिए लोको लॉबी की सुविधा से लैस स्टेशनों पर इसको चलाने की पॉयलटों को ट्रेनिग दी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 08:49 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 08:49 AM (IST)
12 हजार हार्स पावर वाले लोकोमोटिव इंजन के साथ लोको पायलटों ने किया प्रेक्टिकल
12 हजार हार्स पावर वाले लोकोमोटिव इंजन के साथ लोको पायलटों ने किया प्रेक्टिकल

जागरण संवाददाता, हिसार : देश का सबसे शक्तिशाली स्वदेशी लोकोमोटिव इंजन हिसार पहुंच चुका है। डब्ल्यूएजी- 12बी इंजन 12 हजार हॉर्स पावर की शक्ति रखता है। यह पूरी तरह से भारत में ही मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है। इस इंजन का विभिन्न स्टेशनों पर लोको पॉयलटों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बुधवार को हिसार रेलवे स्टेशन पर लोको पॉयलटों को इस इंजन के साथ प्रेक्टिकल कराया गया। इस इंजन का प्रयोग भविष्य में रेलवे मालगाड़ियों को चलाने के लिए करेगा, इसीलिए लोको लॉबी की सुविधा से लैस स्टेशनों पर इसको चलाने की पॉयलटों को ट्रेनिग दी जा रही है। जोनभर के लोको पायलटों को दी जा रही है ऑनलाइन ट्रेनिग

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चीफ लोको इंस्पेक्टर जितेंद्र कमल ने बताया कि इस इंजन को चलाने के लिए मालगाड़ी चलाने वाले जोन के सभी लोको पायलटों को ट्रेनिग दी जा रही है। जिसमें हिसार से छह पायलट ट्रेनिग ले भी चुके हैं। सभी को ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में उन्हें इंजन में लगे कलपुर्जो के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही बुधवार को प्रेक्टिकल कराया गया, ताकि आगे चले पायलट चलाएं तो कोई दिक्कत न आए। 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता

इस इंजन की सामान्य गति भी 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। लेकिन इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी चलाया जा सकता है। लोकोमोटिव तीन फेज इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव है। इसकी लंबाई 35 मीटर है। इसमें एक हजार लीटर हाई कंप्रेसर कैपेसिटी के दो टैंक हैं। इसकी दो यूनिट हैं। जिसके प्रत्येक यूनिट में ट्विन बो-बो प्रकार की बोगियां हैं तथा उनमें आठ ट्रैक्शन मोटर आठ एक्सलो पर स्थापित है। इन लोकोमोटिव की संरचना के कारण यह अन्य लोकोमोटिव की तुलना में न केवल अत्यधिक उन्नत हैं, बल्कि ऊर्जा का व्यय एवं अनुरक्षण का खर्च भी कम है । यह इंजन पारंपरिक ओएचई लाइनों वाली पटरियों के साथ ही ऊंचे ओएचई लाइनों वाले (फ्रेट डेडिकेटेड) समर्पित माल गलियारों पर भी परिचालन करने में सक्षम है। इंजन पुनरुत्पादक ब्रेकिग सिस्टम से लैस है जो परिचालन के दौरान पर्याप्त ऊर्जा बचत सुनिश्चित करता है। ये उच्च हॉर्स पावर वाले इंजन मालवाहक ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाकर अत्यधिक इस्तेमाल वाली पटरियों पर मदद करेंगे।

हिसार रेलवे स्टेशन की वर्तमान स्थिति

हिसार से चलने व गुजरने वाली कुल ट्रेनें - 60

कोविड-19 के दौरान संचालन- 1 गाड़ी

एक दिन का यात्री भार- करीब 13000 फरवरी 2019 से फरवरी 2020 तक रिजर्वेशन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या- 377624

बिना रिजर्वेशन सफर करने वाले यात्री- 4790969 एक वर्ष में कुल यात्री - 5168593

नोट- यह आंकड़े हिसार स्टेशन पर टिकट बुकिग के हिसाब से हैं। इसमें ऑनलाइन टिकट बुकिग जोड़ ली जाए तो यह संख्या और भी बड़ी होगी।


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