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lockdown Hisar 3.0 : प्राइवेट स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क लिया तो होगी कार्रवाई

हिसार मंडल आयुक्त विनय सिंह ने कहा निजी विद्यालय मासिक आधार पर केवल ट्यूशन फीस ही लें। अन्य प्रकार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड रखरखाव फंड प्रवेश शुल्क व कंप्यूटर शुल्क आदि न लें।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 10 May 2020 09:41 AM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 09:41 AM (IST)
lockdown Hisar 3.0 : प्राइवेट स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क लिया तो होगी कार्रवाई
lockdown Hisar 3.0 : प्राइवेट स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क लिया तो होगी कार्रवाई

हिसार, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण आमजन की आजीविका के स्रोत सीमित होने के चलते प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य कोई भी शुल्क लेने पर रोक लगाई है। सरकार के इन आदेशों की जिला में सख्ती से अनुपालना करवाई जाएगी। यदि किसी अभिभावक की ओर से इस संबंध में किसी स्कूल के खिलाफ शिकायत मिलती है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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यह बात हिसार मंडल आयुक्त विनय सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण जब से लॉकडाउन लागू हुआ है तब से प्रत्येक व्यक्ति की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसके दृष्टिगत अभिभावकों को राहत देने के लिए शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों की फीस एवं शुल्क के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ निजी विद्यालयों द्वारा अभी भी अभिभावकों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क वसूलने की कोशिश की जा रही है।

फीस में न करें वृद्धि

मंडल आयुक्त ने स्पष्ट किया कि निजी विद्यालय मासिक आधार पर केवल ट्यूशन फीस ही लें। अन्य प्रकार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रखरखाव फंड, प्रवेश शुल्क व कंप्यूटर शुल्क आदि कोविड-19 जैसी असामान्य परिस्थिति के मद्देनजर स्थगित कर दिए जाएं। निजी विद्यालय मासिक आधार पर ली जाने वाली फीस में किसी प्रकार की वृद्धि न करें। निजी विद्यालय मासिक फीस में किसी प्रकार का हिडन चार्ज भी न जोड़े। इसी प्रकार लॉकडाउन की अवधि के दौरान कोई भी निजी विद्यालय अभिभावकों से किसी प्रकार का यातायात शुल्क नहीं वसूल करेगा और इस साल स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों, कार्य पुस्तकों, अभ्यास पुस्तकों, प्रैक्टिकल फाइल इत्यादि में किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा।

ऑनलाइन शिक्षा से भी नहीं करेंगे वंचित

सभी विद्यालय इस बात का ध्यान रखें कि फीस न देने के कारण किसी विद्यार्थी का नाम न काटें और न ही उन्हें ऑनलाइन शिक्षा देने से वंचित रखेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा फीस एवं अन्य शुल्क से संबंधित दिशा-निर्देश नियम 158 में विस्तृत रूप से अंकित किए गए हैं जिसके अनुसार सभी निजी विद्यालयों द्वारा ली जाने वाली फीस का विवरण प्रतिवर्ष फार्म-6 में भरकर जमा करवाना अनिवार्य है। मंडलायुक्त ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकार द्वारा जारी सभी हिदायतों की सख्ती से अनुपालना करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई निजी विद्यालय इन आदेशों की उल्लंघना करता पाया जाता है तो उसके विरुद्ध हरियाणा शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 158 के अनुसार कार्रवाई की जाए और की गई कार्रवाई से शिक्षा निदेशालय को अवगत करवाया जाए।


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