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अक्षर ज्ञान से दूर हुए बच्चों के जीवन में फिर से भरेगा शिक्षा का उजियारा, झज्‍जर में शुरू हुई अनोखी पहल

पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को फिर से स्कूलों में भेजा जाएगा। इसके लिए सबसे पहले पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को खोजा गया है। इन बच्चों को स्कूल में दाखिला लेने योग्य शिक्षित करके स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। ताकि पढ़ाई ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह ही पढ़ाई करें

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 09:26 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 09:26 AM (IST)
अक्षर ज्ञान से दूर हुए बच्चों के जीवन में फिर से भरेगा शिक्षा का उजियारा, झज्‍जर में शुरू हुई अनोखी पहल
पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को ढूंढकर शिक्षित किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता,झज्जर : अक्षर ज्ञान से दूर हुए बच्चों के जीवन में फिर से शिक्षा का उजियारा भरा जाएगा। ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा के अभाव में अनपढ़ता के बोझ तले ना दबे। हर कदम पर शिक्षा की आवश्यकता के समय बच्चा पूरे आत्मविश्वास के साथ काम करे और अपने जीवन को रोशन करे। इसी उद्देश्य से पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को फिर से स्कूलों में भेजा जाएगा। इसके लिए सबसे पहले पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को खोजा गया है। इन बच्चों को स्कूल में दाखिला लेने योग्य शिक्षित करके स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा। ताकि पढ़ाई ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह ही पढ़ाई करके अपने जीवन में कामयाब हो पाएं। जिससे कि बच्चे बिना शिक्षा के दूसरों से ना पिछड़ें।

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पढ़ाई के दौरान बच्चों के जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिसके कारण काफी बच्चे बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। चाहे गरीबी हो या कोई अन्य कारण। किसी भी बच्चे को पढ़ाई से वंचित ना रहने दिया जाए, इसके लिए सबसे पहले पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को खोजा गया है। इस मुहिम के लिए समग्र शिक्षा विभाग द्वारा सितंबर माह में स्पेशल अभियान चलाया गया था।

जिसके तहत जिले में कुल 395 बच्चे मिले हैं, जो किसी ना किसी कारण से अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ गए और स्कूल से दूरी बन गई। अब ऐसे बच्चों को वापस स्कूल में भेजने की तैयारी चल रही है। इनमें से 42 बच्चों को विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया जा चुका है। वहीं अन्य बचे हुए 353 बच्चों को ब्रिज कोर्स के तहत पढ़ाया जा रहा है। इसके बाद सभी बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा।

9 महीने होगी पढ़ाई

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पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स चलाया जा रहा है। जिसमें एजुकेशन वालंटियर बच्चों को उनकी योग्यता के अनुसार पढ़ाई करवाएंगे। 9 माह तक बच्चों को तैयारी करवाई जाएगी। ताकि बच्चे को उसकी योग्यता अनुसार कक्षा में दाखिला दिलाया जा सके। ब्रिज कोर्स का उद्देश्य जो बच्चे पढ़ाई भूल चुके हैं या पढ़ाई में पिछड़े हुए हैं, उनके इस अंतर को दूर करना है। ताकि वे स्कूलों में दाखिला लेकर पढ़ाई कर पाएं।

14 ट्रेनिंग सेंटर बनाए

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जिले में बच्चों को ब्रिज कोर्स देने के लिए 14 सेंटर बनाए गए हैं। जहां पर पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को एजुकेशन वालंटियर पढ़ाई करवाएंगे। इसके लिए बहादुरगढ़ में 10, झज्जर में 2 व मातनहेल में 2 सेंटर बनाए गए हैं। वहीं करीब 25 बच्चों पर एक एजुकेशन वालंटियर नियुक्त किया जाता है। जिसका उद्देश्य बच्चों को पढ़ाई करवाना होता है। हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले कुछ दिनों से सेंटर में ट्रेनिंग नहीं चल रही।

-पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को फिर से स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए अभियान चलाया गया है। जिसके तहत 42 बच्चों को दाखिला दिलाया जा चुका है। अन्य बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि उन्हें भी जल्द ही दाखिला दिलाया जा सके।

सुभाष भारद्वाज, जिला परियोजना अधिकारी, झज्जर।


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