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हिसार में आटो यूनियन और सिटी बस के बीच खींची लक्ष्मण रेखा बारिश में धूली, अब कैसे होगा पालन

हिसार में सीमा रेखा को पीछे खींचने को लेकर आटो यूनियन रोडवेज विभाग व आरटीओ अधिकारियों से मिल चुकी है। हालांकि यह सीमा रेखा पीछे करने को लेकर आरटीओ के साथ बातचीत की जाएगी। पहले भी आरटीओ ने ही सीमा रेखा खींचवाई थी।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:54 AM (IST)
हिसार में आटो यूनियन और सिटी बस के बीच खींची लक्ष्मण रेखा बारिश में धूली, अब कैसे होगा पालन
सीमा रेखा को लेकर आरटीओ से दोबारा मिलेंगे आटो यूनियन प्रधान।

हिसार, जागरण संवाददाता। हिसार में शहर बस अड्डा पर सिटी बस यूनियन और आटो यूनियन के बीच खींची गई लक्ष्मण रेखा बारिश में धूल गई है। उनके बीच कोई सीमा रेखा नहीं है। अब नियमों का पालन कैसे होगा। इस सीमा रेखा को न तो आटो यूनियन वाले भी मानने को तैयार है और सिटी बस संचालकों को कोई आपत्ति नहीं है।

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अधिकारियों से आटो यूनियन पहले ही सीमा रेखा को पीछे करने को लेकर मिल चुकी

इस सीमा रेखा को पीछे खींचने को लेकर आटो यूनियन रोडवेज विभाग व आरटीओ अधिकारियों से मिल चुकी है। हालांकि, यह सीमा रेखा पीछे करने को लेकर आरटीओ के साथ बातचीत की जाएगी। पहले भी आरटीओ ने ही सीमा रेखा खींचवाई थी, ताकि दाेनों यूनियन अपने-अपने दायरें में रहे और एक-दूसरे की सवारियों को बैठाने को लेकर झगड़ा ना करें। इसलिए रोडवेज बस अड्डा प्रभारी ने यह सीमा आधी-अधूरी ही खींची और अगले ही दिन बारिश हो गई। इस वजह से सीमा रेखा भी धूल गई। आटो यूनियन सीमा रेखा को लेकर काफी नाराज थी और उनका कहना था कि यह सीमा रेखा उनकी ओर खींची गई है। इससे सिटी बस वालों को फायदा है, जबकि उनको ही नुकसान है।

आटो को खड़ा करना मुश्किल होगा

आटो यूनियन प्रधान मानसिंह दुग्गल का कहना है कि वह सीमा रेखा को लेकर आरटीओ से दोबारा से मिलेंगे। रोडवेज अधिकारियों से मिल चुके है, पर कोई फायदा नहीं हुआ। सीमा रेखा उनके ही दायरे में है। उनके पास पहले ही जगह कम है और आटो को खड़ा करना मुश्किल होगा। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। अब आरटीओ ही मामले को सुलझा सकता है। उनके साथ बैठक के लिए यूनियन जाएंगी।

सिटी बसें चलाई जाएं

सिटी बस यूनियन से राजबीर का कहना है कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। प्रशासन जैसा चाहे, आदेश देंगे। उनका पालन करेंगे। आटो यूनियन को सिटी बसों से आपत्ति है, क्योंकि अधिकतर सवारी सिटी बसों में सफर करना पसंद करती है और किराया भी कम लगता है। हमारी बसें निर्धारित रूटों पर ही चल रही है। प्रशासन से मांग है कि आमजन के लिए और सिटी बसें चलाई जाएं।


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