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जानें हिसार की छह सीटों पर भाजपा ने नए और पुराने चेहरों पर क्‍यों खेला दाव, आदमपुर पर संशय

हांसी और नलवा से दूसरी पार्टी से आए विनोद भ्याणा और रणबीर गंगवा पर जताया भरोसा। बरवाला से सुरेंद्र पूनियां उकलाना से आशा खेदड़ को टिकट हिसार से कमल गुप्‍ता नारनौंद से कैप्‍टन

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 05:06 PM (IST)
जानें हिसार की छह सीटों पर भाजपा ने नए और पुराने चेहरों पर क्‍यों खेला दाव, आदमपुर पर संशय
जानें हिसार की छह सीटों पर भाजपा ने नए और पुराने चेहरों पर क्‍यों खेला दाव, आदमपुर पर संशय

हिसार, जेएनएन। भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए हिसार जिले की छह विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस बार भाजपा ने अपने पिछली बार के विधायक डा. कमल गुप्ता और कैप्टन अभिमन्यु पर फिर से विश्वास जताया है। वहीं इनेलो की टिकट पर नलवा के विधायक बने रणबीर गंगवा को भाजपा ने नलवा से ही टिकट दिया है। हांसी में कांग्रेस के बड़े चेहरे और हुड्डा सरकार में सीपीएस रहे विनोद भ्याणा को हांसी से टिकट दिया गया है।

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इसी प्रकार पिछली बार बरवाला से चुनाव लड़े जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया पर भाजपा ने फिर से विश्वास जताया है। उकलाना से इस बार भाजपा ने आशा खेदड़ को टिकट दिया है। मगर भाजपा ने इन्‍हीं चेहरों पर दाव क्‍यों खेला है, पढि़ये पूरी खबर.....

वहीं एक आदमपुर ही ऐसा हलका है, जहां से भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा आदमपुर से बिश्नोई परिवार को टक्कर देने के लिए किसी बड़े चेहरे की तलाश में है। वहीं कांग्रेस नेता संपत्त सिंह के भी भाजपा के संपर्क में होने और आदमपुर से चुनाव लडऩे की चर्चाएं जोरों पर हैं।

शाम साढ़े चार बजे जैसे ही टिकटों का ऐलान हुआ वैसे ही टिकट मिलने वाले उम्मीदवारों के चेहरे खुशी से खिल उठे। टिकट नहीं मिलने वालों के चेहरे मायूसी से लटक गए। जहां टिकट मिलने वालों के घर ढोल नगाड़े बज रहे थे और लोग बधाई देने आ रहे थे। वहीं टिकट कटने वालों के घर समर्थक सांत्वना देने के लिए इकट्ठे हुए। टिकट मिलने की खुशी में भाजपाइयों ने जश्न मनाया।

डा. कमल गुप्ता (हिसार)

आरएसएस और भाजपा से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। पिछले चुनाव में डा. गुप्ता ने सावित्री ङ्क्षजदल को हराया था। डा. कमल गुप्ता ने अपने कार्यकाल में अनेक विकास के कार्य करवाए। इसमें से हिसार एयरपोर्ट का शुरू होना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि रही है। उनके विधायक रहते हिसार में पहली बार भाजपा ने मेयर का चुनाव जीता। इसके अलावा दूसरी पार्टियों से बड़े नेता भाजपा में शामिल करवाए और संगठन को मजबूत बनाया। हिसार में टिकट देने के लिए भाजपा हाईकमान को अधिक सोचने की जरूरत नहीं पड़ी। यहां डा. कमल गुप्ता के अलावा कोई ऐसा चेहरा भाजपा के सामने नहीं था, जो सावित्री ङ्क्षजदल के सामने चुनाव लड़ सके। इस कारण भाजपा ने डा. कमल गुप्ता को टिकट दिया।

रणबीर गंगवा (नलवा)

इनेलो में बड़ा चेहरा रहे पूर्व राज्यसभा सदस्य रणबीर गंगवा 2014 में इनेलो की टिकट पर नलवा से चुनाव लड़कर जीते। रणबीर गंगवा ने भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन और संपत ङ्क्षसह जैसे दिग्गजों को हराया था। इसके बाद इनेलो में परिवार के बीच मतभेद होने और अजय चौटाला द्वारा नई पार्टी जजपा बनाने के बाद इन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। रणबीर गंगवा पिछड़े वर्ग से आते हैं। हिसार जिले में पिछड़ा वर्ग के काफी अधिक वोट हैं। रणबीर गंगवा को टिकट देने से आदमपुर और बरवाला में इसका असर दिखेगा। इसलिए भाजपा ने नलवा से रणबीर गंगवा को टिकट दिया।

कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद)

हरियाणा में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री के बाद सबसे पावरफुल नेता कैप्टन अभिमन्यु रहे। नारनौंद क्षेत्र में कैप्टन अभिमन्यु ने सबसे अधिक काम करवाए। हालांकि लोकसभा चुनाव में जजपा के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला ने नारनौंद हलके में भाजपा से अधिक वोट लिए थे, मगर फिर भी भाजपा को भरोसा है कि नारनौंद में भाजपा के अभिमन्यु ही कैप्टन बनेंगे। कैप्टन अभिमन्यु भाजपा का सबसे बड़ा जाट चेहरा हैं। जाटों का प्रभाव पूरे हिसार क्षेत्र में है। इसके अलावा रोहतक में भी कैप्टन का अच्छा प्रभाव है। ऐसे में कैप्टन को टिकट देकर भाजपा ने सभी समीकरणों को साधने की कोशिश की है।

विनोद भयाणा (हांसी)

सरपंच के पद से अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की और फिर 2009 के चुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी की टिकट पर विधायक बने। हालांकि बाद में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे व सीपीएस भी रहे। इसके बाद 2014 के चुनाव में विनोद भयाना को रेनुका बिश्नोई ने हजकां की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए हरा दिया था। दिसंबर 2018 में सीएम की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा। प्रोफेसर छत्रपाल टिकट की दौड़ में थे। मगर भाजपा ने कुछ महीने पहले आए विनोद भ्याणा पर विश्वास जताया। विनोद भ्याणा हांसी में बड़ा पंजाबी चेहरा हैं। हिसार जिले में पंजाबी वोटर बहुसंख्यक में हैं। हिसार, आदमपुर, बरवाला में इनका सीधा प्रभाव है।

आशा खेदड़ (उकलाना)

अनुसूचित वर्ग में भाजपा का जिले में बड़ा चेहरा हैं। उनकी पांच सालों में उकलाना क्षेत्र में काफी मेहनत की। आशा खेदड़ वर्तमान में पिछले तीन वर्षों से भाजपा की जिला महामंत्री हैं और पिछले विधानसभा चुनावों से पहले उकलाना हलके की राजनीति में सक्रिय हो गई थीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दो वर्षीय प्रशिक्षित हैं। वह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व कन्या शक्ति योजनाओं की जिला संयोजक रही हैं। पैतृक गांव खेदड़ होने के कारण उन्हें बड़ा फायदा मिल रहा है। खेदड़ उकलाना हलके के सबसे बड़े गांव के तौर पर माना जाता है, जिससे चुनावी समीकरण बनते हैं। लोकल भाजपा नेताओं से लेकर प्रदेश हाईकमान में उनकी अच्छी पकड़ है और बताया जा रहा है कि आरएसएस, मुख्यमंत्री व पार्टी संगठन द्वारा उनके नाम की पैरवी की गई थी। वह पीएचडी की छात्रा हैं और कालेज समय से एबीवीपी से भी जुड़ी रही हैं।

सुरेंद्र पूनिया (बरवाला)

भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं। इन्होंने अपनी मेहनत से हिसार में पार्टी के संगठन को मजबूत किया। कई बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल करवाने का श्रेय इनको जाता है। बरवाला में कई विकास कार्य भी करवाए। 42 वर्षीय सुरेंद्र पूनिया पेशे से किसान हैं। समाज के हर वर्ग में इनकी पकड़ है। सुरेंद्र पूनिया ने हर्ष मोहन भारद्वाज और जोगीराम सिहाग जैसे नेताओं को टिकट की दौड़ में पछाड़ा है। इसके पीछे संगठन के प्रति इनकी निष्ठा और समर्पण को माना जा रहा है। इसी कारण इनको बरवाला से टिकट दिया गया है। पिछले चुनाव में भी सुरेंद्र पूनिया बरवाला से खड़े हुए थे और इनेलो के वेद नारंग से हार गए थे।


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