ऐसा क्या हुआ कि अब महिला टीचर वॉट्स एप पर प्रोफाइल फोटो लगाने से करने लगी परहेज
कोराेना वायरस के संक्रमण के चलते ऑफलाइन की जगह अब ऑनलाइन पढ़ाई ने ली ली है। इससे बच्चों को आंखों और सिरदर्द संबंधी दिक्कते भी हो रही हैं मगर इससे भी ज्यादा दिक्कत महिला शिक्षिकाओं को झेलनी पड़ रही है।
सिरसा, जेएनएन। कोरोना वायरस ने जिंदगी को एक दम से बदल कर रख दिया है। इस बीच सबसे ज्यादा प्रचलनों में बदलाव आया है और पढ़ाई के तरीके भी बदल गए हैं। ऑफलाइन की जगह अब ऑनलाइन पढ़ाई ने ली ली है। इससे बच्चों को आंखों और सिरदर्द संबंधी दिक्कते भी हो रही हैं, मगर इससे भी ज्यादा दिक्कत महिला शिक्षिकाओं को झेलनी पड़ रही है।
कभी कोई ग्रुप में गलत मैसेज भेज देता है। किसी ने कोई वीडियो ग्रुप में भेज दिया। ऐसी घटनाओं से अब स्कूलों की महिला टीचर परेशान नजर आने लगी है। इससे कई महिला टीचर तो मोबाइल फोन में प्रोफाइल पर फोटो लगाने से भी परहेज करने लगी है। गौरतलब है कि सरकारी व निजी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है। जिसके लिए अध्यापकों ने वाट्सएप पर ग्रुप बनाए हुए हैं। इससे अध्यापकों के फोन नंबर सार्वजनिक हो गये हैं।
--- कड़ी नंबर 1
ग्रुप में भेज दिया गलत मैसेज
जिले के एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने वाट््सएप ग्रुप बनाया हुआ है। इस ग्रुप में रात्रि के समय किसी बच्चे के परिवार सदस्य ने गलत मैसेज लिख दिया। इससे मैसेज सभी सदस्यों के पास चला गया। इस पर रात्रि के समय ग्रुप को डिलीट करना पड़ा। इसके बाद बच्चे को स्कूल में बुलाया गया। जिस पर बच्चे ने स्कूल में माफी मांगी।
---कड़ी नंबर 2
ग्रुप में भेज दी अश्लील वीडियो
जिले के एक सरकारी स्कूल में ग्रुप के अंदर अश्लील वीडियो भेज दी। यह अश्लील वीडियो शिक्षकों व विद्यार्थियों के ग्रुप में भेजी गई। इसके बारे में छात्रों ने अपने अभिभावकों को बताया दिया। इस बारे में जैसे ही स्कूल प्रशासन को सूचना मिली तुरंत प्रभाव से ग्रुप को डिलीट किया गया। इसके बाद जांच कमेटी से जांच भी करवाई गई।
महिला अध्यापकों को झेलनी पड़ती है परेशानी
स्कूलों में तैनात महिला अध्यापकों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावक रात्रि के समय भी फोन कर देते है। इसी के साथ रात्रि के समय कई बार ग्रुप को जाग कर चैक करना पड़ता है। कई अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। ऐसे में किसी दूसरे व्यक्ति का छात्र फोन लेते हैं। वह भी ग्रुप में कुछ न कुछ भेज देते हैं।