Kisan Andolan: 21 अप्रैल से संघर्ष तेज करने की तैयारी, गदर आंदोलन के स्थापना दिवस पर वापसी करेंगे पंजाब के किसान
किसान 21 अप्रैल के बाद कृषि सुधार कानून विरोधी आंदोलन तेज करेंगे। 21 को गदर आंदोलन का स्थापना दिवस है। उसके बाद पंजाब के किसान बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर पर वापसी करेंगे। किसानों का कहना है कि सरकार यह न समझे कि आंदोलन कमजोर हो गया है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ बाईपास की ऑटो मार्केट में हुई सभा के दौरान किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि कोरोना की आड़ लेकर सरकार उनके आंदोलन को समाप्त करने की काेशिश न करे। फिलहाल किसान गेहूं की फसल काटने में व्यस्त हैं। 21 अप्रैल के बाद पंजाब से किसान बहादुरगढ़ वापसी करेंगे।
21 अप्रैल को गदर आंदोलन के स्थापना दिवस पर पंजाब से बड़ी संख्या में युवा, किसान, मजदूर व महिलाएं टीकरी बॉर्डर पर पहुंचेंगी। इससे सरकार को भ्रम दूर हो जाएगा कि यहां पर आंदोलनकारियों की संख्या कम है। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा के नेता बसंत सिंह कोठा गुरु, हरमिंदर सिंह पथराला, गुरदेव सिंह गज्जू माजरा, नछत्तर सिंह ढांडे, बिट्टू मल्लन, गुरप्रीत सिंह बधनी कलां, परमजीत कौर मिश्रा, राज कौर बरस, राम सिंह कोटगुरु, बहादुर सिंह, बलदेव सिंह, अमर सिंह कालेके, जोगी नगला आदि ने सभा को संबोधित किया।
एसडीएम से हुई बैठक, सुविधाएं देने का आश्वासन
आंदोलन स्थल पर बिजली, पानी व सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर किसान नेताओं व एसडीएम हितेंद्र कुमार की शुक्रवार को बैठक हुई। बैठक में किसान नेताओं ने आंदोलन स्थल पर ये सुविधाएं शुरू कराने की मांग की। एसडीएम ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया कि प्रशासन की ओर से जल्द ही सभी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। बैठक में किसान नेता परगट सिंह, जोगेंद्र नैन, बलदेव सिंह, बूटा सिंह, पुरुषोत्तम सिंह गिल आदि ने कहा कि अगर प्रशासन ने ये सुविधाएं जल्द ही शुरू नहीं की तो वे दिल्ली-रोहतक रोड को भी जाम कर देंगे।
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