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किसान आंदोलन स्‍थगित : टीकरी बार्डर से सामान सहित वापसी कर रोहतक से गुजरने लगे किसान

दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों की अब घर वापसी हाेने लगी है। दिल्ली के टीकरी बार्डर से अपने अपने घरों के लिए वापसी कर रहे किसान शुक्रवार दोपहर बाद रोहतक से होकर गुजरे। यहां रोहतक के खरावड़ गांव में किसानों का क्षणिक ठहराव हो रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 10 Dec 2021 05:06 PM (IST)Updated: Fri, 10 Dec 2021 05:06 PM (IST)
किसान आंदोलन स्‍थगित : टीकरी बार्डर से सामान सहित वापसी कर रोहतक से गुजरने लगे किसान
खरावड़ गांव में चलाए जा रहे लंगर स्थल पर ग्रामीणों से मिलकर आगे बढ़ रहे किसान

जागरण संवाददाता, रोहतक :  एक साल से भी अधिक समय तक दिल्ली बार्डर पर डटे किसानों की अब घर वापसी हाेने लगी है। दिल्ली के टीकरी बार्डर से अपने अपने घरों के लिए वापसी कर रहे किसान शुक्रवार दोपहर बाद रोहतक से होकर गुजरे। यहां रोहतक के खरावड़ गांव में किसानों का क्षणिक ठहराव हो रहा है। यहां चलाए जा रहे लंगर स्थल पर ग्रामीणों से मिलकर व लंगर में खाना खाकर ही किसान आगे बढ़ रहे है। शुक्रवार को दिनभर ऐसी ही स्थिति बनी रही। हालांकि शुक्रवार को दिल्ली से वापसी करने वाले किसानों की संख्या कम रही लेकिन उनका कहना है कि शनिवार को बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से काफिले के साथ वापसी करेंगे।

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जीत के जयकारों के साथ आगे बढ़ने वाले किसानों का शनिवार को खरावड़ में न केवल स्वागत किया जाएगा बल्कि उनके लिए अलग अलग स्थानों पर प्रसाद की व्यवस्था भी की गई है। खरावड़ में ग्रामीणों की ओर से चलाए जा रहे लंगर की समिति के सदस्य जसवंत मलिक ने बताया कि सभी के सहयोग से यहां 27 नवंबर 2020 से किसान लंगर चलाया जा रहा है। शनिवार को रोहतक में अलग अलग स्थानों पर किसानों का स्वागत भी किया जाएगा।

सम्मानपूर्वक हो रही घर वापसी :

दिल्ली से ट्रैक्टर-ट्राली में सामान लेकर अपने घरों को वापसी कर रहे पंजाब के भटिंडा जिला के गांव जोधपुर पाखर गांव निवासी गुरजंत संह, निछत्तर सिंह, जोगेंद्र सिंह, गुरलाल सिंह व बलबीर सिंह ने बताया कि एक साल से भी अधिक समय से वे सब टीकरी बार्डर पर आंदोलन में शामिल रहे। वहीं, पर तंबू लगाकर एक साल से अधिक समय गुजारा है। वाहे गुरु की कृपा से आंदोलन खत्म हो गया है कि सभी किसान सम्मानपूर्वक अपने अपने घरों को वापस जा रहे हैं। हालांकि ज्यादातर किसान शनिवार को ही काफिले में घरों को रवाना होंगे। लेकिन हमारा ट्रैक्टर पुराना है इस कारण हम एक दिन पहले ही वहां से घरों को चल दिए हैं। ट्राली में तंबू, कूलर आदि सब सामान रखकर ही घरों को चले हैं है। उन्होंने बताया कि उनके खेतों को उनके बच्चे या आसपड़ोस के लोग की संभाल रहे हैं। अब घर जाकर अपने खेतों को संभालेंगे।

शनिवार को सामान लेकर लौटेंगे वापस

वहीं, पंजाब के फरीदकोट निवासी शमशेर सिंह, जगतार सिंह, धर्म सिंह, गुरदीप सिंह, जगशीर सिंह, मनजीत व जगमीत सिंह का कहना है कि वे फरीदकोट जिला के मल्लाह गांव के हैं। दो दिन पहले ही टीकरी बार्डर से अपने गांव गए थे। स्वजनों से मिलकर अब वापस टीकरी बार्डर जा रहे हैं। वहां से अपना सामान लेकर काफीले के साथ घरों को वापसी करेंगे। एक साल से भी अधिक समय तक जो आंदोलन चला है, वह हमेशा याद रहेगा। किसानों की जीत होने से सभी में जोश और उत्साह बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वे तो एक साल से आंदोलन पर थे और उनकी खेती को उनके भाईचारे के लोग ही संभाल रहे थे। उधर, मकड़ौली टोल पर चल रहे धरने को लेकर 12 को निर्णय लिया जाएगा। राजू मकड़ाैली ने कहा कि 12 दिसंबर को धरने के समय में आगामी निर्णय लिया जाएगा।


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