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Kisan Andolan News: दिल्ली के बार्डर खोलने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में हो रही है सुनवाई, आंदोलनकारी बेचैन

दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के रास्ते खोलने को लेकर सुनवाई हो रही है। इधर आंदोलनकारी सुप्रीम कोर्ट की ओर से खुद के खिलाफ फैसला आने की आशंका में बार्डर पर भीड़ बढ़ाने की कवायद में जुटे हुए हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 07:52 AM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 07:52 AM (IST)
Kisan Andolan News: दिल्ली के बार्डर खोलने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में हो रही है सुनवाई, आंदोलनकारी बेचैन
दिल्‍ली के साथ लगते 10 महीनों से बंद बार्डर खोलने को लेकर आज सुनवाई हो रही है

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन के बीच आज बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के रास्ते खोलने को लेकर सुनवाई हो रही है। इधर आंदोलनकारी सुप्रीम कोर्ट की ओर से खुद के खिलाफ फैसला आने की आशंका में बार्डर पर भीड़ बढ़ाने की कवायद में जुटे हुए हैं। मंगलवार को भी आंदोलन के बीच सभाओं से लेकर इंटरनेट मीडिया तक पर आंदोलनकारी नेताओं ने किसानों से बुधवार को बार्डर पर जुटने का आह्वान किया था।

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इस अपील में ये नेता साफ तौर पर यह कहते सुने गए थे कि कानूनी फैसले की आड़ में सरकार द्वारा आंदोलन खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए सभी किसान अपना खेतों का कामकाज छोड़कर बुधवार को दिल्ली के टीकरी और सिंघु बार्डर पर जुट जाएं, ताकि किसानों की ताकत देखकर किसी भी तरह के आंदोलन के विपरीत फैसले की आशंका न रहे। आंदोलनकारियों की इस कवायद को लेकर आम आदमी अब फिर सवाल उठा रहे हैं।

उनका कहना है कि एक तरफ तो आंदोलनकारी दिल्ली के बार्डरों को दिल्ली पुलिस द्वारा बंद किए जाने का दावा कर रहे हैं और दूसरी तरफ आंदोलनकारी इस तरह की कोशिश भी कर रहे हैं कि कोर्ट के फैसले से दिल्ली के बार्डर न खुल पाए। यदि आंदोलनकारी चाहे तो बार्डर खुल सकते हैं, जिससे कि आवागमन का रास्ता मिल जाए। अब त्योहारों का मौसम है। ऐसे में उद्योग और व्यापार को पटरी पर लाने की जरूरत है, ताकि जो नुकसान हो चुका है उसकी भरपाई की जा सके।

साथ ही हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित न रहे। मगर अांदोलनकारियों की मंशा भी यही है कि यदि दिल्ली के मुख्य रास्ते खुल गए तो उसके बाद आंदोलन कमजोर होता चला जाएगा। अभी तक तो बार्डर बंद होने से आंदोलनकारी सड़क पर जमे हुए हैं लेकिन बार्डर खुलने के बाद उनके लिए भी समस्या बढ़ सकती है।


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