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Kisan Andolan News: आंदोलन की वर्षगांठ पर लगाया विशाल पंडाल, किसान नेता अनुशासन पर दे रहे जोर

आंदोलन को शुक्रवार को एक साल पूरा हो जाएगा। इस दिन आंदोलनकारियों की ओर से आंदोलन की वर्षगांठ पर टीकरी बार्डर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। टीकरी बार्डर व बहादुरगढ़ बाईपास के पकौड़ा चौक पर सभाएं होंगी। इसके लिए भीड़ जुटाने का आह्वान किया जा रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 08:26 AM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 08:26 AM (IST)
Kisan Andolan News: आंदोलन की वर्षगांठ पर लगाया विशाल पंडाल, किसान नेता अनुशासन पर दे रहे जोर
आंदोलन में भीड़ जुटाने का किया जा रहा आह्वान, मगर ऐसे बंदे भी साथ न लेकर आए जो शरारती हो

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को एक साल पूरा होने के चलते भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से बहादुरगढ़ बाईपास के पकौड़ा चौक के पास करीब 8 एकड़ में पंडाल लगाया गया है। 26 नवंबर शुक्रवार को 1 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में पंजाब के 16 और हरियाणा के 100 से ज्यादा गांव के किसान भाग लेंगे। आंदोलनकारियों की ओर से आंदोलन की वर्षगांठ पर टीकरी बार्डर पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। टीकरी बार्डर व बहादुरगढ़ बाईपास के पकौड़ा चौक पर सभाएं होंगी।

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इसके लिए भीड़ जुटाने का आह्वान किया जा रहा है। मगर साथ में यह भी आह्वान किया जा रहा है कि हमें ये कार्यक्रम शांतिपूर्वक ढंग से करने हैं। जो भी किसान इस कार्यक्रम में आए और वह अपने साथ जो भी बंदे लेकर आए वह शरारती ना हों। जोगेन्दर उग्राह ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर सरकार आमने सामने बात करे। ट्रैक्टर मार्च को लेकर 27 को संयुक्त किसान मार्च की बैठक में फैसला दोबारा लिया जाएगा।

कानूनों की वापसी से हमारी बड़ी जीत हुई है। msp हमारी बड़ी मांग है। लखीमपुर घटना की जांच हो। बिजली बिल खत्म करने की मांग पूरी होने पर ही आंदोलन खत्म होगा। सरकार की कुर्सी की टांग कांप रही है, सरकार अगर टस से मस नहीं होगी तो हम भी नहीं होंगे। एमएसपी से किसी भी तरह समझौता नहीं किया जा सकता। मोदी सारे फैसले खुद लेते हैं किसी से मशविरा नहीं करते हैं। मोदी है तो मुमकिन नहीं है, बल्कि लोग हैं तो मुमकिन हैं।

किसान नेता जोगेंद्र सिंह उगराहा

उगराहा ने कहा कि एक लाख किसान आएंगे, इसमें 50 से 60 हजार महिलाएं होंगी। जब हम कहेंगे तक लोग जाएंगे, जब हम कहेंगे तब आएंगे। हमें पता है कि मोदी जल्दी मांगे पूरी नहीं करेंगे। मगर हम अपनी मांग क्यों छोडें। आंदोलन की दिशा को स्वरूप बदला जा सकता है। ये हम कल की पंचायत में लोगों को बताएंगे कि हम बड़ी लड़ाई जीत चुके हैं। अब जो मांग है उनको कैसे पूरा करवाया जाएगा, उसका स्वरूप उसकी दिशा तय की जाएगी। हम खेती को मुनाफा वाला काम बनाना चाहते हैं। मगर सरकार को ही फैसला लेना होगा। हल निकालना होगा। हमारे और किसानों के बीच कांटे की टक्कर है।

किसान नेता इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक करने के लिए अनुशासन पर जोर दे रहे हैं। कीर्ति किसान यूनियान के सूबा प्रधान गुरनाम सिंह भिकी ने कहा कि 26 नवंबर को हमारे आंदोलन को एक साल पूरा होने वाला है। आप लोग उसी बंदे को लेकर आओ जो शरारती तत्व नही है। जो फेसबुक पर गाली निकालता हो, उसको यहां पर मत लेकर आना। ऐसे व्यक्ति कुछ भी अफवाह फैला सकते हैं जिससे आंदोलन खराब हो सकता है। आपको सतर्क रहना है। मोर्चे पर डटे रहना है। हम मोर्चा जीत चुके हैं।

हिसार से किसान नेत्री सुदेश गोयत किसानों से आह्वान कर रही हैं कि वे अनुशासन और एकता बनाए रखें। यहीं किसानों की सबसे बड़ी ताकत है। गौरतलब है कि किसान नेता अनुशासन पर इसलिए जोर दे रहे हैं कि 26 जनवरी को अनुशासन भंग होने की वजह से ही दिल्ली में लालकिले पर उपद्रव हो गया था। इस बार किसान नेता नहीं चाहते कि अनुशासन भंग हो और इस तरह की कोई घटना दोबारा घटे। इसलिए पहले ही आंदोलनकारियों को सावधान करने में जुटे हुए हैं।

भाकियू उगराहा की स्टेज तैयार, किए जा रहे अन्य प्रबंध

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा की ओर से 26 नवंबर को पकौड़ चौक पर बड़ी महापंचायत होगी। यहां पर 80 हजार से एक लाख लोगों के आने की संभावना है। किसानों के जत्थे पहुंचना शुरू भी हो गए हैं। स्टेज तैयार हो चुकी है। अन्य प्रबंधों भी किए जा रहे हैं। यहां पर आठ एकड़ में पंडाल सजाया जा रहा है।

एक और किसान की मौत

बहादुरगढ़ में दिल का दौरा पड़ने से एक किसान की मौत हो गई। वह बुधवार रात को ही आंदोलन की वर्षगांठ मनाने के लिए यहां पर आया था। सुबह करीब 10:00 बजे बहादुरगढ़ के नए बस स्टैंड के सामने पिलर नंबर 45 के पास अपने तंबू में ठहरा हुआ था और अचानक उसको दिल का दौरा पड़ गया। साथी किसानों ने उसे संभाला और उसे बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल में लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।पंजाब के जिला बरनाला के गांव हरदासपुर निवासी 45 वर्षीय बलबीर के पास तीन बच्चे हैं। एक लड़की और दो लड़के हैं। उनके गांव से ही भारतीय किसान यूनियन दकौंदा के ब्लाक प्रधान जुगराज ने बताया कि वह बुधवार रात को ही हमारे साथ ट्रैक्टर चला कर आया था। रात भर ठंड के मौसम में ट्रैक्टर चलाने की वजह से उसे दिल का दौरा पड़ा है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई है। बलबीर बिना जमीन वाला किसान था और आंदोलन की वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने आया था।


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