Kisan Andolan News: टीकरी बार्डर पर आंदोलनकारियों के दो टेंटों में आग लगाने का प्रयास, अब रोजाना रात को देंगे पहरा
आंदोलनकारियों के दो टेंटों में कुछ युवकों ने आग लगाने का प्रयास किया। आग लगती देख आंदोलनकारी टेंट की तरफ दौड़े तो आरोपित युवक भाग निकले। आंदोलनकारियों ने तुरंत आग पर काबू पाया। आग से कोई नुकसान नहीं हुआ है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: टीकरी बार्डर पर आंदोलनकारियों के दो टेंटों में कुछ युवकों ने आग लगाने का प्रयास किया। आग लगती देख आंदोलनकारी टेंट की तरफ दौड़े तो आरोपित युवक भाग निकले। आंदोलनकारियों ने तुरंत आग पर काबू पाया। आग से कोई नुकसान नहीं हुआ है। टेंटों को भी जलने से बचा लिया गया। मगर इस घटना से आंदोलनकारियों ने कड़ा सबक लेते हुए आह्वान किया है कि अब हर जत्थेबंदी रोजाना रात को पहरा देंगी। आंदोलन में शामिल स्वयंसेवकों की ओर से पहरा दिया जाएगा।
टीकरी बार्डर स्टेज से पंजाब से महिला विंग की अध्यक्ष जसवीर कौर नट ने बताया कि रविवार रात को टेंटो में आग लगाने की कोशिश की गई। मैं इस घटना की निंदा करती हूं। भविष्य में ऐसी घटना ना हो, इसके लिए टीकरी बार्डर कमेटी ने फैसला लिया है कि आंदोलनकारी ध्यान रखें कि भविष्य में कोई बाहर का शरारती तत्व ऐसी घटना को अंजाम न देने पाए। उसको पकड़े और पुलिस के हवाले करें। 31 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने रास्ता खोलने की कोशिश की थी।
रात को कमेटी ने उसको भी उसी समय बंद करवा दिया था। अगले दिन कमेटी ने साथ मिलकर पांच फीट का रास्ता खुलवाया ताकि आने जाने वालों को कोई परेशानी ना हो। ऐसे में यहां से काफी लोगों का आवागमन हो गया है। इसलिए हमें सचेज रहते हुए रात के समय अपने-अपने टेंटों में एक आदमी की ड्यूटी लगानी चाहिए।
वो रात को जागकर पहरा दे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए कि यहां पर स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही हैं। न सफाई हो रही है। ऐसे में डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। उधर, किसान नेता जियालाल डुंडवा ने भी इस तरह की घटनाओं से सावधान होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हमें रात को पहरेदारी करनी है और शरारती तत्वों को पकड़ना है।