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Kisan Andolan News: टोलों पर सरकार के खिलाफ आक्रोश हुआ कम, अब खुशी मना रहे किसान

तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद किसानों ने खुशी मनाई थी। किसानों के धरना स्थल पर हालात बदले-बदले नजर आ रहे हैं। हिसार में चार टोल हैं जिस पर किसानों ने धरना स्थल बना रखा है। इन स्थानों पर शनिवार को शांति दिखाई दे रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 11:30 AM (IST)
Kisan Andolan News: टोलों पर सरकार के खिलाफ आक्रोश हुआ कम, अब खुशी मना रहे किसान
टोल नाकों पर तीन कृषि कानून वापस होने के बाद आक्रोश हल्‍का कम हुआ है

जागरण संवददाता, हिसार। केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद किसानों ने खुशी मनाई थी। अब इस फैसले के दूसरे दिन किसानों के धरना स्थल पर हालात बदले-बदले नजर आ रहे हैं। हिसार में चार टोल हैं जिसपर किसानों ने धरना स्थल बना रखा है। इन स्थानों पर शनिवार को शांति दिखाई दे रही है। इससे पहले सुबह से ही भाषण और सरकार विरोधी नारे यहां से सुनने को मिलते रहते थे। मगर अब किसान शांत हैं और फैसले को लेकर खुशी मना रहे हैं। अग्रोहा स्थित लांधड़ी टोल, रामायण टोल, बाडोपट्टी टोल और चौधरीवास टोल पर यही स्थिति दिखाई दे रही है। किसानों का यहां आना जाना लगा हुआ है। पहले की तरह ही किसानों का समय बीत रहा है मगर अब आगे की रणनीति पर किसान चर्चा करते दिख रहे हैं। शनिवार सुबह लंबे समय बाद किसानों के चेहरे खिले दिखाई दिए।

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पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं किसान

इस फैसले के आने के बाद किसान पूरी तरह आश्वस्त नहीं दिख रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक आधिकारिक रूप से इसे नहीं हटा लिया जाता है तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इसके साथ ही किसानों की अन्य मांगों को भी अब वह आगे रख रहे हैं। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर भी हिसार में किसान आंदोलन के दौरान हुई झड़पों को वीडियो के माध्यम से एक दूसरे से साझा कर खुशी मनाने किसान नजर आए।

कई मांगें अभी बाकी, आंदोलन जारी रहेगा : किसान सभा

खराब फसलों के मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर लघु सचिवालय पर किसानों का चल रहा बेमियादी धरना शनिवार को 207वें दिन मे प्रवेश कर गया। इस दौरान जिला प्रधान शमशेर सिंह नम्बरदार ने कहा कि यह दिन किसान विजय दिवस के रुप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापिस लेना स्वागत योगय कदम है परंतु बिजली विधेयक 2020 व एमएसपी का खरीद कानून, किसान पूर्ण रुप से कर्जमुक्त व बिमारी के इलाज आदि मुद्दे अभी भी बाकी हैं इसलिये आंदोलन जारी रहेगा।धरने को किसान नेता हनुमान जोहर, आनंद देव सांगवान, दिनेश सिवाच, सूबेसिंह बूरा, सुभाष कौशिक, पृथ्वी सिहं पूनिया, दिलबाग गिल, ओमप्रकाश शर्मा, महेन्द्र नम्बरदार, नरेन्द्र लाडवा, प्रेम सिंह व कामरेड कृष्णा सातरोड़ आदि ने संबोधित किया।


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