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Kisan Andolan: घर वापसी की तैयारियाें में जुटे किसान, सामान समेटना शुरू, ट्रैक्टरों पर जमी धूल कर रहे साफ

आंदोलन अब तक भले ही खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब किसानों की घर वापसी की तैयारियां तेज हो गई हैं। सात दिसंबर की बैठक के बाद आंदोलन के समापन को लेकर कोई फैसला होगा लेकिन इससे पहले ही किसान उत्साह के साथ अपना सामान समेटने लगे हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 03:24 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 03:24 PM (IST)
Kisan Andolan: घर वापसी की तैयारियाें में जुटे किसान, सामान समेटना शुरू, ट्रैक्टरों पर जमी धूल कर रहे साफ
हरियाणा के फतेहाबाद जिले से कई किसानों ने रात के अंधेरे में समेटा अपना सामान, उखाड़ ले गए तंबू

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन अब तक भले ही खत्म नहीं हुआ है लेकिन अब किसानों की घर वापसी की तैयारियां तेज हो गई हैं। सात दिसंबर की बैठक के बाद आंदोलन के समापन को लेकर कोई फैसला होगा लेकिन इससे पहले ही इन कानूनों की वापसी के साथ ही अब किसान उत्साह के साथ अपना सामान समेटने लगे हैं। उन्हें भी अंदाजा हो गया है कि अब यह आंदोलन कुछ ही दिनों का रह गया है। ऐसे में टीकरी बार्डर से लेकर बहादुरगढ़ बाईपास पर करीब 11 किलोमीटर लंबे काफिले में किसानों द्वारा अपना सामान समेटने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है।

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यहां ट्रैक्टरों व ट्रालियों से तिरपाल हटाए जा रहे हैं। उन पर जमी धूल साफ की जा रही है। काफी संख्या में ट्रैक्टर करीब एक साल से एक जगह खड़े रहने से खराब हो गए हैं। उन्हें यहां के बाजारों में मैकेनिकों से ठीक कराया जा रहा है। तेल-पानी के साथ-साथ ट्रैक्टर-ट्राली के टायरों की हवा चैक की जा रही है। ट्रैक्टरों को स्टार्ट करके उनकी बैटरी को भी चार्ज किया जा रहा है ताकि आंदोलन समाप्ति की घोषणा होते ही यहां से रवानगी की जा सके। हालांकि जो भी किसान इस तरह की तैयारियों में जुटा है उससे पूछने पर एक ही बात कहता है कि जब तक एमएसपी की मांग पूरी नहीं होगी, तब तक वे घर वापसी नहीं करेंगे।

उधर, हरियाणा के भी काफी संख्या में जत्थों में शामिल किसान रात के अंधेरे में घर वापसी कर चुके हैं। यहां के फतेहाबाद जिले से दिल्ली-रोहतक रोड पर तंबू लगाए बैठे किसान शनिवार रात को अपना सामान समेटकर घर वापसी कर गए। इसके अलावा ट्रेन के माध्यम से पंजाब से टीकरी बार्डर आने वालों की संख्या भी अब कम हो गई है। यहां से पंजाब जाने वालों की संख्या अब ज्यादा है।


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