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Kisan andolan: नए विवादों से घिरता जा रहा आंदोलन, संयुक्त मोर्चा के शीर्ष नेताओं पर आरोपों की फेहरिस्त हो रही लंबी

किसान आंदोलन में सोमवार को नया विवाद उठा था। हरियाणा के चार किसान नेताओं को निलंबित किया गया था। इसके बाद इन किसान नेताओं ने भी संयुक्त किसान मोर्चा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ सनसनीखेज आरोप जड़ दिए।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 11:50 AM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 11:50 AM (IST)
Kisan andolan: नए विवादों से घिरता जा रहा आंदोलन, संयुक्त मोर्चा के शीर्ष नेताओं पर आरोपों की फेहरिस्त हो रही लंबी
गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी संयुक्त मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े कर चुके हैं।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साढ़े आठ माह से जारी किसान आंदोलन अब नए विवादों से घिरता जा रहा है। हाल ही में हरियाणा के चार बड़े किसान नेताओं को आंदोलन से निष्कासित किए जाने के बाद जिस तरह के आरोप संयुक्त किसान मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व पर लगे हैं, उससे बहुत से लोगों को हैरानी है।

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विपक्षी दलों के हाथों में खेलने से लेकर चंदा बटाेरने, मनमानी और हरियाणा के संगठनों की उपेक्षा समेत संयुक्त मोर्चा पर लग रहे  तमाम तरह के आरोपों की फेहरिस्त अब लंबी होती जा रही है। चार नेताओं के निलंबन से जिस तरह से आंदोलन का माहौल गर्म हुआ है, वह जल्दी से शांत होने वाला नहीं दिख रहा। जाहिर है कि ऐसे में कुछ और आरोप भी सामने आएं।

पिछले दिनों गुरनाम चढ़ूनी ने भी लगाए थे आरोप
दरअसल, पिछले दिनों जिस तरह के आरोप हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढूनी ने पंजाब के नेताओं पर लगाए थे, उसी तरह के सवाल टीकरी बार्डर पर आंदोलन की शुरुआत से डटे चार किसान नेताओं ने भी उठाए थे, मगर उनका तो निष्कासन ही कर दिया गया। अब तक आंदोलन में अनुशासन का हवाला देकर नेताओं को निलंबित किए जाने की कार्रवाई तो होती रही है, मगर हरियाणा के चार किसान नेताओं को इस तरह एक साथ आंदोलन से पूरी तरह निष्कासित किए जाने की कार्रवाई इस आंदोलन के साढ़े आठ माह की अवधि में अपने तरह की पहली है।
चुप नहीं बैठे हरियाणा के किसान नेता, लगाए ये आरोप
मगर ये नेता भी चुप नहीं बैठे। बहुत से ऐसे आरोप लगाए हैं, जिनकी बहुत से लोगों ने कल्पना भी नहीं की। आंदोलनों में चंदे की हेराफेरी के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। इस बार भी संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय कमेटी पर इसी तरह के आरोप लगे हैं। आंदोलन को जानबूझकर लंबा खींचने और बातचीत के साथ समाधान न करके इस संघर्ष को सत्ता परिवर्तन का हथियार बनाने संबंधी आरोप उन्हें किसान नेताओं ने लगाए हैं, जो शुरुआत से ही बार्डर पर सक्रिय रहे हैं। इससे पहले टीकरी बार्डर पर सक्रिय रहे भाकियू घासीराम के अध्यक्ष जोगेंद्र नैन को भी एक माह के लिए निलंबित किया जा चुका है। 
 
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