किसान आंदोलन स्थगित : केस वापसी मांग मानने के बावजूद ये तीन दागदार करने वाले केस नहीं होंगे वापस
किसानों की मांगे मानने के बावजूद अभी भी कई बड़े ऐसे केस हैं जिन्हें वापस सरकार भी नहीं ले पाएगी। महज वापस ही नहीं ले पाएगी बल्कि ये तीन ऐसे बड़े केस हैं जिनसे आंदोलन पूरी तरह से दागदार रहा।
जागरण संवाददाता, हिसार। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और अब एमएसपी सहित अन्य मांगे माने जाने पर एक साल और दस दिन बाद किसान आंदोलन खत्म होने जा रहा है। एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने के साथ किसानों पर दर्ज हुए मुकदमे भी वापस लेने की आंदोलनकारियों की बड़ी मांग रही। सरकार ने इसे मान भी लिया है और करीब 45 हजार केस वापस भी लिए जाएंगे। मगर अभी भी कई बड़े ऐसे केस हैं जिन्हें वापस सरकार भी नहीं ले पाएगी। महज वापस ही नहीं ले पाएगी बल्कि ये तीन ऐसे बड़े केस हैं जिनसे आंदोलन पूरी तरह से दागदार रहा।
आंदोलन का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। आंदोलन के बीच जिस तरह के जघन्य अपराध हुए और अराजकता का माहौल बना, उसकी वजह से आंदोलन के प्रति किसी भी तरह की सहानुभूति शून्य हो गई थी। अब आंदोलन के जल्द खत्म होने की संभावना के बीच वे तमाम घटनाक्रम लोगों की मस्तिष्क में उभर आए हैं। तीन दागदार करने वाले केसों के अलावा अन्य भी बड़े केस हैं, जिन्हें वापस नहीं लिया जाएगा, जिसमें 26 जनवरी के दिन लालकिला पर झंडा फहराने का केस भी है। मगर अपराध से जुड़ी तीन घटनाओं को कोई नहीं भूल सकता।
ये वो बड़े तीन केस केस जो नहीं होंगे वापस, दागदार हुआ था आंदोलन
9 मई, 2020 : पश्चिम बंगाल से आई युवती के साथ दुष्कर्म हुआ और वह कोरोना संक्रमित हुई और फिर उसकी मौत हो गई थी। मरने के बाद दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया। सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में किसान सोशल आर्मी के चार नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया। मुख्य आरोपित अनिल मलिक गिरफ्तार हो चुका है। बाकी फरार हैं। अब इन आरोपितों के समर्थन में ही कुछ लोग खड़े हो गए।
16 जून, 2020: आंदोलन स्थल पर कसार गांव के मुकेश मुदगिल को तेल डालकर जिंदा जलाने का आरोप लगा। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर दो आरोपित आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया। मामले की जांच के लिए पुलिस ने एसआइटी का गठन किया। मुकेश मुदगिल पर आंदोलन को लेकर टिप्पणी करने का आरोप लगा था, इसके बाद कई वीडियो भी वायरल हुई थी। इसके बाद मुकेश को जिंदा जलाने की घटना सामने आई।
15 अक्टूबर, 2020: सिंघु बार्डर में मंच के पास एक युवक का क्षत-विक्षत शव मिला। युवक की बेरहमी से हत्या करने के बाद उसका एक हाथ काटकर शव को बैरिकेड से लटका दिया गया था। युवक के शरीर पर धारदार हथियार से हमले के निशान भी थे। यह घटना गुरुवार रात हुई थी। वहीं, जब शुक्रवार की सुबह आंदोलनकारियों के मुख्य मंच के पास युवक का शव लटका दिखा तो धरनास्थल पर हड़कंप मच गया। इसके बाद एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें निहंग युवक से सवाल जवाब कर रहे थे। हाथों में तलवारें थी। इस घटना की पूरी दुनिया में आलोचना हुई। निहंगो ने मृतक पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने का आरोप लगाया था और तीन निहंगो ने गिरफ्तारी भी दी है।
ये भी रहे विवादित केस
22 फरवरी, 2020 : आंदोलन में आए पंजाब के तीन युवकों ने पिस्तौल के बल पर पहले बहादुरगढ़ के सौलधा गांव के पास पेट्रोल पंप से 30 हजार कैश लूटा। अगले दिन शहर के अंदर एक ज्वेलर्स शाप में लूट की कोशिश की। ऐन वक्त पर दुकानदारों ने दो को काबू कर लिया। तीसरा फरार हो गया था।
26 मार्च, 2020: आंदोलन में आए पंजाब के किसान हाकम सिंह की टिकरी बार्डर पर गला रेतकर हत्या कर दी गई। वारदात में मृतक की भाभी व उसका प्रेमी संलिप्त मिले। आंदोलन स्थल को उन्होंने वारदात के लिए चुना था।
3 अप्रैल, 2020 : पंजाब के आंदोलनकारियों में शराब के पैसों को लेकर झगड़ा हुआ। उसमें एक आंदोलनकारी गुरप्रीत की पंजाब के किसानों ने ही लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।