किसान आंदोलन : टिकरी बार्डर पर वाहनों का आवागमन शुरू, आज शाम तक एनएच-9 पूरी तरह हो पाएगा क्लीयर
संसद में तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन खत्म हो गया। शनिवार को किसान भी घर वापसी कर गए। इक्का-दुक्का किसान व उनके तंबू सड़क पर रखे हैं। आज वाहनों का आवागमन बार्डर पर शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़: संसद में भी तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद आंदोलन खत्म हो गया। शनिवार को किसान भी घर वापसी कर गए। इक्का-दुक्का किसान व उनके तंबू सड़क पर रखे हैं। किसानों के रोड से हटते ही प्रशासन ने शहर के बस स्टैंड से लेकर दिल्ली-रोहतक रोड पर टीकरी बार्डर तक और फिर एनएच-9 बाईपास लेन पर सफाई अभियान चलाया।
नगर परिषद, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की टीमें सड़क से मलबा हटाने में लगी हुई हैं। नगर परिषद की ओर से 600 सफाई कर्मचारी, 10 से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्राली व दो जेसीबी सड़क की सफाई करने तथा मलबा हटाने में लगी हुई हैं। एसडीएम भूपेंद्र सिंह, नप के कार्यकारी अधिकारी संजय रोहिल्ला, एमई अमन राठी, सफाई निरीक्षक सुनील हुड्डा के नेतृत्व में यह सफाई अभियान चलाया जा रहा है। आज बार्डर पर वाहनों का आवागमन शुरू हो चुका है।
एसडीएम भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह से ही प्रशासन का पूरा अमला सड़क से मलबा हटाने में लगा हुआ है। मगर 380 दिन से किसान यहां पर रह रहे थे। स्थायी स्ट्रक्चर भी यहां बने हुए थे। बैरिकेड व जर्सी बैरियर भी कई स्थानों पर लगे हुए थे। हमने शहर के बस स्टैंड से लेकर टीकरी बार्डर तक दिल्ली-रोहतक रोड क्लीयर कर दिया है। बाईपास की दोनों मुख्य लेन व सर्विस लेन को साफ करने में अभी समय लगेगा। रातभर अभियान चलाकर मलबा हटाया। रविवार शाम तक पूरे राष्ट्रीय राजमार्ग को साफ करने की पूरी-पूरी संभावना है।
टीकरी बार्डर पर ढहा गया पक्का मकान
टीकरी बार्डर पर किसानों की ओर से कच्ची ईंटों से पक्का मकान बनाया गया था। किसान घर वापसी के दौरान यहां बनाए गए मकान से झांकी, जंगले व चौखट तो उखाड़ ले गए लेकिन शेष स्ट्रक्चर को यहीं पर छोड़ गए। ऐसे में दिल्ली पुलिस की ओर से क्रेन व जेसीबी की मदद से इस मकान को तोड़कर सड़क से मलबा हटाया गया।