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किसान आंदोलन का ट्रेन सेवा पर भी असर, शाम को खाेले 4 मेट्रो स्टेशन, 4 अन्‍य ट्रेनों में भी तब्‍दीली

तीन कृषि कानूनों को लेकर शुरू किए किसान आंदोलन के कारण दिल्ली पुलिस ने बोर्डरों पर पहरा कड़ा कर दिया है। इससे आम लोगों को दिल्ली जाने में परेशानी हो रही है। मेट्रो में भीड़ को बढ़ता देख 4 स्टेशनों को बंद किया गया शाम को खोले गए

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 10:55 AM (IST)
किसान आंदोलन का ट्रेन सेवा पर भी असर, शाम को खाेले 4 मेट्रो स्टेशन, 4 अन्‍य ट्रेनों में भी तब्‍दीली
किसान आंदोलन को लेकर बहादुरगढ़ दिल्ली बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है

बहादुरगढ़, जेएनएन। किसान आंदोलन को लेकर राजधानी की सीमाओं पंर दिल्ली पुलिस की किलेबंदी के बाद प्रमुख रास्ते बंद हो गए हैं। ऐसे में दिल्ली जाने के लिए लोगों के पास मेट्रो ही बेहतर विकल्प बनी।  मगर सुरक्षा कारणों के चलते आज ग्रीन लाइन (बहादुरगढ़ से इंद्रलोक) पर चार मेट्रो स्टेशन करीब पौने 10 बजे बंद करने के आदेश जारी किए गए। इनमें से तीन स्टेशन बहादुरगढ़ के हैं और एक स्टेशन आंदोलन स्थल के नजदीक दिल्ली का है। उससे आगे के स्टेशन चालू रहे। शाम करीब पांच बजे इन स्‍टेशनों को खाेला गया। मेट्रो सेवा शुरू की गई।

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वहीं किसान आंदोलन के चलते दिल्‍ली जाने वाली चार ट्रेनों में से एक को रद कर दिया गया है। वहीं दो को बीच में ही रोकना पड़ा है। वे अपने निर्धारित गंतव्‍य तक नहीं पहुंच पाई। एक ट्रेन का रूट डायवर्ट किया गया है।

- दिल्‍ली से पंजाब जाने वाली इंटर सिटी ट्रेन रद कर दी गई है।

- पंजाब से दिल्‍ली की ओर जाने वाले इंटर सिटी ट्रेन बहादुरगढ़ तक सीमित कर दी गई है, वह दिल्‍ली नहीं पहुंची।

- बंठिंडा से चलकर दिल्‍ली जाने वाली किसान एक्‍सप्रेस को रोहतक खाली करवा लिया गया है। इसके आगे यह ट्रेन नहीं गई।

- दिल्‍ली की ओर जाने वाली पंजाब मेल का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। इसे वाया रेवाड़ी से भेजा गया है।

दरअसल, किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर जो घटना हुई और हिंसा ने लोगों को दहलाया, उसके बाद से राजधानी की पुलिस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसीलिए 26 जनवरी के बाद से ही दिल्ली की सीमाओं पर तगड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। रोजाना किलेबंदी हो रही है। पुलिस का मानना है कि अब आंदोलनकारियों की किसी बात पर विश्वास करना मुश्किल है। ऐसे में अपने पुख्ता इंतजाम जरूरी हैं। किसानों ने 1 फरवरी के संसद मार्च को तो रद करने का ऐलान किया था लेकिन पुलिस का कहना है कि अब कोई ऐलान हो या रद हो, इंतजाम तो मजबूत रखने ही हैं।

इसी वजह से बहादुरगढ़ से दिल्ली के दो प्रमुख बॉर्डरों टीकरी और झाड़ौदा पर रोजाना सुरक्षा इंतजामों को बढ़ाया जा रहा है। जितनी लेयर बनाई गई हैं सभी को मजबूत किया जा रहा है। एक दिन पहले झाड़ौदा बॉर्डर पर तो सीसी की दीवार बना दी गई। निजामपुर की तरफ से भी जो रास्ते दिल्ली में जाते हैं वे अस्थायी तौर पर बंद किए गए हैं। हालांकि लोग इधर-उधर से कच्चे रास्तों से किसी तरह दिल्ली में पहुंच रहे हैं। मगर परेशानी बहुत ज्यादा झेलनी पड़ रही है। अधिकारियों काे आशंका है कि किसान आंदोलन किसी और राह पर भी जा सकता है इसीलिए इंतजाम हो रहे हैं। इधर किसानों की सभा में हरियाणा की ओर से सक्रियता बढ़ाई जा रही है।


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