किसान आंदोलन : संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आज किया जाएगा अगली रणनीति का ऐलान
26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद बिखरे आंदोलन को एक बार तो तेज करने की कवायद की गई मगर अब दोबारा से आंदोलन में उपस्थिति कम नजर आ रही है। प्रदेश भर में महापंचायतों का दौर भी अब खत्म हो चुका है।
बहादुरगढ़, जेएनएन। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रविवार को आगामी रणनीति का ऐलान किया जा सकता है। सरकार से वार्ता को लेकर बने गतिरोध के बीच अब मोर्चा की ओर से प्रभावी कदम उठाए जाने का किसानों को भी इंतजार है। बातचीत के इंतजार में एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है। अभी तक संयुक्त मोर्चा की ओर से 27 फरवरी तक के ही कार्यक्रम तय किए गए थे। अब आंदोलन को धार देकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए विचार विमर्श किया जाना है।
26 जनवरी के बाद बिखरे आंदोलन को एक बार तो तेज करने की कवायद की गई मगर अब दोबारा से आंदोलन में उपस्थिति कम नजर आ रही है। प्रदेश भर में महापंचायतों का दौर भी अब खत्म हो चुका है। छुट्टी के दिन तो गांव से ट्रैक्टर ट्राली में महिलाएं भी ज्यादा आती है लेकिन बाकी दिनों में आंदोलन स्थल पर डटे किसान ही सभा में दिखाई देते हैं।
गर्मी के मौसम में गंदगी और मच्छरों से निपटने की चुनौती होगी ज्यादा
माना जा रहा है कि गर्मी के मौसम में आंदोलन स्थल पर स्वच्छता की ज्यादा दरकार होगी। अब मौसम में बदलाव के कारण मच्छरों के कारण भी परेशानी आएगी। इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। खालसा एड की तरफ से आंदोलन स्थल पर रोजाना फॉगिंग करवाई जा रही है। आंदोलन स्थल पर डटे डाक्टर भी मान रहे हैं कि अब स्वच्छता की तरफ ज्यादा ध्यान देना होगा। कैलिफोर्निया से आए डा. सवाई मान सिंह का कहना है कि अब तापमान बढ़ रहा है। ऐसे में मच्छर भी पनपेंगे और गंदगी भी ज्यादा परेशान कर सकती है।
टिकैत के कथन किसान नेताओं को कर रहे असहज
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के कथन भी किसान नेताओं को असहज कर रहे हैं। फसल को नष्ट करने से संबंधित कथन के कारण कई जगहों पर किसान यह कदम उठा चुके हैं। फसल नष्ट करने को खाप प्रतिनिधि भी गलत मान रहे हैं। संयुक्त मोर्चा के नेता राकेश टिकैत की ज्यादातर बातों को उनकी निजी राय बता चुके हैं, लेकिन एक के बाद एक नई बात सामने आ रही है।