एक तंज पर 21 विषयों में एमए कर लिम्का बुक में नाम दर्ज करवाने वाले कश्मीर चंद नहीं रहे
साथी टीचर ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि जेबीटी ही हो कौन सा हिंदी विषय के अध्यापक हो जो बच्चे को डांट दिया। यह बात कश्मीर चंद के मन में इतनी गहरी चोट कर गई कि 21 एमए डिग्री कर ली।
हिसार, जेएनएन। 70 वर्ष के जिंदगी के सफर में 21 विषयों में पीजी डिग्री करने वाले बक्शी नगर निवासी कश्मीर चंद का बुधवार देर रात निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार सुबह 10 बजे ऋषि नगर स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। कश्मीर चंद को उनकी 21 डिग्री करने के लिए याद किया जाएगा। कश्मीर चंद की 21 डिग्रियां हासिल करने की कहानी भी बहुत रोचक रही है। बात 1969 की है, उस दौरान एक प्राइमरी स्कूल में वह अध्यापक थे।
हिंदी के एक पेपर में गलती करने पर एक बच्चे को उन्होंने डांट दिया था। उनके साथी टीचर को उनकी यह बात बर्दाश्त नहीं हुई और साथी टीचर ने उन पर तंज कसते हुए कहा कि जेबीटी ही हो, कौन सा हिंदी विषय के अध्यापक हो, जो बच्चे को डांट दिया। यह बात कश्मीर चंद के मन में इतनी गहरी चोट कर गई कि उन्होंने ठान लिया कि अब तो तंज कसने वाले अध्यापक को हिंदी विषय की विशेषज्ञता हासिल करके ही दिखानी है। इसके बाद उन्होंने हिंदी विषय में विशेषज्ञता के लिए प्रभाकर की। प्रभाकर करने के बाद भी वह नहीं रुके। उन्होंने सोचा कि क्यों ना अन्य विषयों में भी एमए की जाए। उन्होंने अपनी सोच को हकीकत में बदलते हुए एक-एक करके 21 विषयों में एमए कर डाली।
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया नाम
कश्मीर चंद के 21 विषयों में एमए करने पर उनकी इस मेहनत के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था। 1951 में जन्मे कश्मीर चंद 2009 में टीचर के पद से रिटायर हुए। इस बीच उन्होंने कई स्कूलों में अध्यापन कार्य किया।
डा. कश्मीर चंद ने हासिल की यह डिग्रियां
कश्मीर चंद ने 2007 में उर्दू में एमए की। कल्पना चावला कालेज में ¨प्रसिपल भी रहे। मोस्ट पीजी डिग्री हॉल्डर के लिए 2006 में लिम्का बुक में नाम दर्ज हुआ। उन्होंने पिछले वर्ष ही योग में भी एमए की। उनका एक बेटा व बेटी स्कूल में लेक्चरर हैं तो उनकी पत्नी संतोष कुमारी भी टीचर के पद से ही रिटायर हुई हैं।
जानिए..किन विषयों में की कश्मीर चंद ने एमए की डिग्री
लैंग्वेज - एमए इंग्लिश, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू। आर्ट्स - आधुनिक इतिहास, पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, पब्लिक एड, सोशियोलॉजी, फिलोस्फी, साइकोलॉजी, हुमन राइट्स, इनवायरमेंटल एजुकेशन, डिफेंस स्टडीज, मास कम्यूनिकेशन, सिख स्टडी, रिलीजियस स्टडी, म्यूजिक। प्रोफेशनल - बीएड, ओटी, जेबीटी, प्रभाकर, शास्त्री
बच्चों को फ्री में पढ़ाया ट्यूशन
- कश्मीर चंद की इतनी डिग्रियां करने का लाभ गरीब बच्चों को भी हुआ। उन्होंने कई विद्यार्थियों को फ्री में ट्यूशन पढ़ाया। उनसे ट्यूशन पढ़कर कई विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता हासिल की है।