Kargil War: कारगिल युद्ध में शहीद हुए महावीर बूरा का स्कूल के बोर्ड से हटाया नाम, ग्रामीणों में रोष
मामले में ग्रामीणों का कहना है कि दो-तीन बार मुख्य अध्यापक से मिल चुके लेकिन मुख्य अध्यापक की तरफ से ग्रामीणों को रिस्पांस नहीं मिल रहा है। शहीद महावीर सिंह के लड़के करण सिंह बूरा ने कहा कि पिताजी ने कारगिल की लड़ाई में शहादत दी थी
हिसार/हांसी, जागरण संवाददाता। 1999 में कारगिल युद्ध में घिराए गांव निवासी महावीर बूरा दुश्मनों से लड़ते हए शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर के बाद 2001 में गांव के राजकीय उच्च विद्यालय के मुख्य गेट पर शहीद महावीर सिंह बूरा का नाम लिखा गया था। यहीं नहीं हरियाणा शिक्षा बोर्ड की ओर दी जाने वाली अंक तालिका में भी उनका नाम अंकित है। परंतु कुछ समय पहले ज्वाइन किए नए प्रधानाचार्य के आदेशों के बाद गेट पर पहले लिखे शहीद महावीर सिंह की जगह अब राजकीय उच्च विद्यालय लिखवा दिया गया। जिसका ग्रामीणों ने एतराज किया है।
ग्रामीणों ने जताया रोष
जब ग्रामीण राजकीय स्कूल पहुंचे और उन्होंने स्कूल के मुख्य शिक्षक से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसमें हमारी कोई गलती नहीं हैं, हम शहीदों का सम्मान करते हैं मुख्य शिक्षक रोहतास ने तर्क दिया यह शिक्षा विभाग का मामला है और विभाग की साइट पर यहीं नाम दर्ज है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है यदि जल्द से जल्द गांव के राजकीय स्कूल के ऊपर शहीद का नाम अंकित नहीं किया गया तो ग्रामीणों को मजबूर आंदोलन करना पड़ेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि दो-तीन बार मुख्य अध्यापक से मिल चुके लेकिन मुख्य अध्यापक की तरफ से ग्रामीणों को रिस्पांस नहीं मिल रहा है। शहीद महावीर सिंह के लड़के करण सिंह बूरा ने कहा कि पिताजी ने कारगिल की लड़ाई में शहादत दी थी उनके नाम को मिटाया जा रहा है उन्होंने कहा कि यह अपमान नहीं तो और क्या है।ग्रामीणों के नाराजगी देखते हुए मुख्य शिक्षक की ओर से अपने उच्च अधिकारियों को इस बारे पत्र लिखा है। मुख्याध्यापक रोहतास के अनुसार उच्च अधिकारियों के आदेशों की पालना की जाएगी।
गेट से नाम हटाने का हुआ बहुत दुख : कर्ण बूरा
शहीद महावीर के बेटे कर्ण सिंह बूरा ने कहा कि पिताजी का नाम मुख्य गेट से हटाने पर मुझे बहुत दुख पहुंचा। उन्होंने कहा कि अभी तक इस बारे में मेरी मां को भी मालूम नहीं है कि उनके स्वर्गीय पति का नाम मुख्य गेट पर जो अंकित किया गया था वह किस वजह से हटाया गया अगर मां को पता चला तो काफी दुख होगा क्योंकि पिता ने देश के लिए अपनी जान दी थी आज उनके नाम को ही मिटाया जा रहा है सरकार इस पर संज्ञान ले।
सरकारी रिकार्ड के अनुसार बदला गया बोर्ड : मुख्य अध्यापक
वही स्कूल के मुख्य शिक्षक हेड मास्टर रोहतास ने कहा है कि मैं शहीदों का सम्मान करता हूं मैंने कुछ समय पहले यहां पर ज्वाइन किया है, इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले जो बार्ड लगाया गया था वह पूरी तरह से टूटा चुका था। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक स्कूल गेट पर नाम लिखवाया गया है इसमें हमारा कोई फाल्ट नहीं।
संज्ञान में नहीं मामला : डीईओ
जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिहाग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। इस बारे में मुख्य अध्यापक से बात कर लूंगा मामले की जानकारी।