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विदेशी छात्रों के हास्टल में तीन मंजिल में बनेंगे ज्वाइंट शौचालय व स्नानघर

तीन मंजिल पर 24 कमरों में होगी 48 छात्रों के ठहरने की व्यवस्था

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 08:53 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 08:53 PM (IST)
विदेशी छात्रों के हास्टल में तीन मंजिल में बनेंगे ज्वाइंट शौचालय व स्नानघर
विदेशी छात्रों के हास्टल में तीन मंजिल में बनेंगे ज्वाइंट शौचालय व स्नानघर

फोटो - 20, 21

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- तीन मंजिल पर 24 कमरों में होगी 48 छात्रों के ठहरने की व्यवस्था

- गुजवि प्रशासन का कहना, हमारे पास विदेश के इससे भी कम होते हैं छात्र

जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर तकनीक एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के लिए बने रहे हास्टल की ऊपरी तीन मंजिल पर ही कमरों में साथ ज्वाइंट शौचालय, स्नानघर व मैस की सुविधाएं होगी। बाकी नीचे की दो मंजिल पर सामान्य व्यवस्थाएं होगी। हास्टल की तीन मंजिल पर 24 कमरों में 48 छात्रों के रहने की व्यवस्था होगी। अगर विदेशी छात्रों की संख्या अधिक बढ़ती है तो उनको सामान्य बच्चों के साथ ही शौचालय व स्नानघर शेयर करना होगा। उन्हीं के साथ मैस में भोजन खाना पड़ेगा।

इस बारे में गुजवि प्रशासन का कहना है कि हमारे पास विदेशी छात्र इतने ज्यादा नहीं आते है। फिर भी हमने 48 विदेशी छात्राओं के रहने की व्यवस्था की है, ताकि उनको रहने की परेशानी ना हो। वरना सामान्य छात्राओं के साथ रहने से उनका आपस में झगड़ा होने का भी डर रहता है, क्योंकि उनकी भाषा व रहना-खाना अलग होगा। इसे देखते हुए यह कदम उठाया गया है। जानकारी के अनुसार पहले विदेशी छात्राओं के हास्टल में प्रत्येक कमरे में ज्वाइंट शौचालय, स्नानघर व किचन बनना था। हर कमरे में 2 छात्राओं के रहने की व्यवस्था थी। हालांकि, पूरे भवन का नक्शा भी इसी आधार पर तैयार किया गया है और दो ही बच्चों के सामान रखने के लिए अलमारी बनी थी। अब केवल तीन मंजिल पर ही यह व्यवस्था होगी और अलमारी भी तीन बनाई जा रही है। बताया जा रहा है कि पहले अंतराष्ट्रीय हास्टल बनाया जाना था, लेकिन बजट के चलते यह बदलाव हुआ है। अब इसी हास्टल में गुजवि प्रशासन अंतराष्ट्रीय सुविधा देने की योजना बना रहा।

दोनों भवनों में अंतर

खास बात यह है कि सामान्य छात्रों व विदेश छात्रों के हास्टल के भवन में काफी अंतर है। सामान्य छात्रों का हास्टल सामान्य बनाया गया है। वहां पर हर मंजिल पर एक ही जगह शौचालय व स्नानघर है और मैस से बच्चों को भोजन खाना होगा। मगर विदेशी छात्रों के हास्टल माडल के तौर पर बनाया गया है।

पांच से छह माह का लगेगा समय

इन दोनों हास्टल में कुल 80 कमरे होंगे। इनमें 300 के आसपास बच्चों के रहने की व्यवस्था होगी। हास्टल को तैयार में करीब पांच से छह माह का समय लगेगा। अगले सत्र तक छात्रों को हास्टल की सुविधा मिल सकेगी। इससे पहले भी गुजवि में छात्र-छात्राओं के अलग-अलग हास्टल बने है।

वर्जन

हास्टल के ऊपर की तीन मंजिल पर ज्वाइंट शौचालय व स्नानघर की सुविधा होगी। वहां के 24 कमरे में 48 छात्रों के रहने की सुविधा होगी। हमारे पास विदेशी छात्र कम ही होते है। फिर भी यह व्यवस्था की है, ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने काम आए। इसलिए नीचे की दो मंजिल पर सामान्य व्यवस्थाएं होगी।

सुनील ग्रोवर, एसई।

वर्जन

मेरे आने के बाद हास्टल के नक्शे में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कुछ दिन पहले मैंने खुद हास्टल का दौरा किया था। मेरे ज्वाइन करने से पहले क्या नक्शा बना था। इसकी कोई जानकारी नहीं।

प्रो. अवनेश वर्मा, रजिस्ट्रार, गुजवि।


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