अब नहीं सताएगी डीजे की तेज आवाज, भिवानी में इजाद हुई ऐसी तकनीक, साउंड कर सकते हैं कम
प्रदेश के विश्वविद्यालय और कालेज में लगातार रिसर्च होती रही है। कुरुक्षेत्र के एनआइटी से एमटेक करते हुए इस प्रोजेक्ट पर प्रदीप रंगा ने काम शुरू किया। अपनी डिग्री हासिल करते हुए उनकी तरफ से इस तकनीक को पूरा किया।
भिवानी, जागरण संवाददाता। ध्वनि को कम करने के लिए रिसर्च होती रही है। उसी कड़ी में कुछ समय पूर्व बिजली निगम में जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात हालुवास के प्रदीप रंगा ने काम किया है। कुरुक्षेत्र एनआइटी से एमटेक करते हुए होने वाली साउंड को अपनी तकनीक से 90 प्रतिशत तक कम करे सकेगा। प्रदीप ने अपने गाइड डा. मोनिका मित्तल और डा. विकास मित्तल के साथ मिलकर इस तकनीक को पेटेंट भी करवाया है। इसका फायदा घर की मोटर के अलावा बाहर कोई मशीन यदि ज्यादा आवाज करती है उस पर लगाकर उसकी आवाज को कम किया जा सकेगा। इस का नाम रिडक्शन आफ हारमोनिक इन थ्री फेज इंडक्शन मोटर यूसिंग हारमोनिक इंजेक्शन मैथोड दिया गया है। इस तकनीक को पढ़ाई करते हुए बनाया और प्रदीप 2020 में ही पास आउट हुए।
युवक की तरफ से बनाई गई तकनीक थोड़ी होने वाले साउंड को और कम कम कर देती है
विश्वविद्यालय-कालेज में लगातार रिसर्च होती रही है। कुरुक्षेत्र के एनआइटी से एमटेक करते हुए इस प्रोजेक्ट पर प्रदीप रंगा ने काम शुरू किया। अपनी डिग्री हासिल करते हुए उनकी तरफ से इस तकनीक को पूरा किया। इसको लेकर एक पेपर भी लिखा गया।
युवक प्रदीप रंगा ने अपने गाइड डा. मोनिका मित्तल के साथ मिल तकनीक को पेटेंट भी करवाया
प्रदीप ने बताया कि यह एक तरह का पार्ट बनाया जाता है। जिस मशीन पर इसे लगाना होता है उसके अनुसार इसकी पावर तय होती है। यह पहले से मौजूद उसकी आवाज को 90 से 95 प्रतिशत तक और कम कर देता है। इससे ध्वनि प्रदूषण नहीं होता और शोर से आम आदमी बचा रहता है।
हालुवास के प्रदीप रंगा के अनुसार
इस तकनीक को बनाने के बाद सितंबर 2020 में पेटेंट के लिए भेजा था। यह तकनीक पेटेंट भी हो गई है। उसका सर्टिफिकेट अब उनके पास आया है। वह अभी बिजली निगम के जूनियर इंजीनियर के पद पर काम कर रहे है।