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जमानत पर आए जाट नेता सांगवान बोले- मैं आज भी अपनी बात पर कायम, राव तुलाराम पर सही की टिप्‍पणी

हवासिंह सांगवान ने कहा जब सरकारी दस्तावेजों में राव तुलाराम को भगौड़ा और माफी मांगने वाला लिखा है तो उनको हैरानी हुई। मुझे क्‍यों गिरफ्तार किया गया समझ नहीं आया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 08:34 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:34 PM (IST)
जमानत पर आए जाट नेता सांगवान बोले- मैं आज भी अपनी बात पर कायम, राव तुलाराम पर सही की टिप्‍पणी
जमानत पर आए जाट नेता सांगवान बोले- मैं आज भी अपनी बात पर कायम, राव तुलाराम पर सही की टिप्‍पणी

भिवानी, जेएनएन। जमानत पर बाहर आए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व कमाडेंट हवासिंह सांगवान ने कहा जब सरकारी दस्तावेजों में राव तुलाराम को भगौड़ा और माफी मांगने वाला लिखा है तो उनको हैरानी हुई। इस सूचना को उन्होंने अपनी फेसबुक पर डाल दिया। उसे लेकर उन पर सरकार के इशारे पर कुछ लोगों ने इसकी शिकायत साइबर सेल, गुरूग्राम में कर दी। गुरूग्राम पुलिस कमिश्नर के आदेश के मुताबिक उनके खिलाफ ए$फआईआर दर्ज की गई तथा उन्हें 24 जुलाई को तुरंत गिरफ्तार कर शाम को जमानत दे दी। यह पूरा घटनाक्रम 12 घंटे में आननफानन में पूरा किया गया। सोमवार को जाट धर्मशाला में पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद राजकुमार सैनी समाज विशेष पर टिप्पणी करते आ रहे हैं आज तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। मैने तथयों के आधार पर फेसबुक पर टिप्पणी कर दी तो कानून व्यवस्था का खतरा हो गया। यह सब साजिश का हिस्सा है। इस तरह की राजनीति समाज में नहीं होनी चाहिए।

शहीद की परिभाषा को लेकर वह न्यायालय जाएंगे

सांगवान ने कहा कि देखने में आया है आजतक हमारे देश में शहीद की कोई भी परिभाषा नहीं है। आर्मी वालों की अपनी परिभाषा है तो दूसरों की कुछ और है। यह जानकर हैरान होंगे कि मेरे एक साथी द्वितीय कमांड अधिकारी दिवंगत चेतराम कौहाड़ वर्ष 2004 में श्रीनगर में आतंकवादियों के हाथों मौत का शिकार हो गए थे। उनको भारत सरकार ने अभी 16 साल बाद वर्ष 2020 में शहीद का दर्जा दिया है। हम शहीद की परिभाषा आदि को लेकर न्यायालय जाएंगे।

पूर्व कमांडेंट हवासिंह सांगवान ने कहा कि फेसबुक पर मेरी यह टिप्पणी पढ़ कर कुछ लोगों को बुरा लगा और भाईचारे की दुहाई देने लगे। जबकि इन्हीं में से कुछ लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय से केंद्र में नो राज्यों के जाटों का आरक्षण खत्म करवाया। उस समय भी भाई चारा देखा जाना चाहिए था। फेसबुक पर की गई टिप्पणी पर माफी मांगने के सवाल पर सांगवान ने कहा कि माफी किस बात की। उन्होंने फेसबुक पर जो लिखा है वह सब सरकारी दस्तावेजों के आधार पर लिखा है। वह आज भी अपनी बात पर कायम हैं।


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