हिसार में घर में रहकर ही मनाएं जन्माष्टमी, जागरण कराएगा ऑनलाइन दर्शन
कोरोना के खतरे के बीच लोगों को दैनिक जागरण ने शहर के चर्चित मंदिर में हो रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को रात साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे तक ऑनलाइन दिखाने का निर्णय लिया है।
हिसार, जेएनएन। कोरोना के खतरे के बीच प्रदेशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। पहली बार भक्त मास्क में जन्माष्टमी मनाएंगे तो बाल श्रीकृष्ण को माखन खिलाने की परंपरा भी पुजारी समेत एक-दो लोग ही निभाएंगे। मंदिर में थिरकते राधा-कृष्ण रूपधारी बच्चे-बच्चियां भी इस बार शायद ही दिखें। शारीरिक दूरी समेत अन्य बंदिशों के कारण इस बार आयोजनों में एहतियात बरती जा रही है।
दही-हांडी जैसे भीड़भाड़ वाले आयोजन इस बार रद हो चुके हैं, अन्य कार्यक्रमों में भी भीड़ से बचने की सलाह प्रशासन की ओर से लगातार दी जा रही है। मंदिरों में हर साल की भांति इस साल भी श्रीकृष्ण जन्म के मौके पर आवश्यक कार्यक्रम होंगे परंतु शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखकर। इस बार जिला प्रशासन की ओर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी की महत्ता को देखते हुए कुछ नियम व शर्तो के साथ यह पर्व मनाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जन्माष्टमी पर्व के मद्देनजर पुजारियों और दर्शनार्थियों के लिए शारीरिक दूरी (2 गज ) अनिवार्य कर दिया गया है। फेस कवर या मास्क लगाना जरूरी कर दिया गया है। दैनिक जागरण ने शहर के चर्चित मंदिर में हो रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को रात साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे तक ऑनलाइन दिखाने का निर्णय लिया है।
घर पर ऐसे बनाएं प्रसाद
श्री कृष्ण को माखन मिश्री का प्रसाद बहुत अधिक प्रिय है। जन्माष्टमी पर उनको मक्खन मिश्री का प्रसाद चढ़ा सकते हैं। एक बड़े बर्तन में दही डालें। फिर उसे मथनी से मथें। इसके बाद दही से माखन निकल आएगा। माखन को एक कटोरी में निकाल लें और ऊपर से मिश्री डाल दें। सुगंध और स्वाद बढ़ाने के लिए केसर भी डाल सकते हैं। इसके अलावा कई घरों में पंजीरी भी बनाने की परंपरा है। मूंगफली की गिरी, बीज और नारियल को भूनकर उसमें खोया व मीठा डालकर प्रसाद बनाया जाता है।
घर में पूजा कैसे करें
जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालु दिनभर व्रत रखते हैं और अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। जन्माष्टमी का व्रत रखने का अपना अलग विधान है। अगर आप जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं तो सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में कृष्ण जी की मूर्ति को पहले गंगा जल से स्नान कराएं। इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर और शहद के पंचामृत से स्नान कराएं। अब शुद्ध जल से स्नान कराएं। रात 12 बजे भोग लगाकर उनकी पूजा अर्चना करें और फिर आरती करें।
रात साढ़े 11 बजे से लाइव दर्शन
कोरोना के खतरे के बीच लोगों की परेशानियों को देखते हुए दैनिक जागरण ने शहर के चर्चित मंदिर में हो रहे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को रात साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे तक फेसबुक पेज पर Jagran hisar activity पर ऑनलाइन दिखाने का निर्णय लिया है।