'कुछ भीगे अल्फाज' संग होगा सिनेमा की महफिल का आगाज
इंतजार खत्म.. आज से शुरू होगा जागरण फिल्म फेस्टिवल - सनसिटी सिनेमा में कुछ भीगे अल्फाज से
इंतजार खत्म.. आज से शुरू होगा जागरण फिल्म फेस्टिवल
- सनसिटी सिनेमा में कुछ भीगे अल्फाज से शाम 5 बजे शुरू होगा पहला शो
- शुभांरभ सत्र में फिल्म कलाकार जयदीप अहलावत के अलावा कई बड़े रंगकर्मी और शहर की प्रमुख हस्तियां रहेंगी मौजूद जेएनएन, हिसार : सावन की रिमझिम व मस्ती के बाद अब सिनेमा के रंग बरसेंगे और फिल्मों के उत्सव में कुछ भीगे से होंगे अल्फाज। फिजां में उल्लास के रंग फिर से घुलेंगे और नई जीवन के संघर्षो से जूझने की नई राह भी दिखेगी। साथ ही सितारों की चमक बिखरेगी। शुक्रवार से जागरण फिल्म फेस्टिवल के नौवें संस्करण के साथ सदाबहार और नई श्रेष्ठ फिल्मों का ऐसा काकटेल प्रस्तुत किया जाएगा कि लोग मस्ती से झूम उठेंगे।
शुक्रवार शाम 5 बजे से सनसिटी सिनेमा में तीन दिवसीय जागरण फिल्म फेस्टिवल का आगाज होगा। फेस्टिवल के उद्घाटन सत्र का आगाज चर्चित फिल्मकार ओनीर की फिल्म 'कुछ भीगे अल्फाज' मूवी से होगा। रात के सत्र में इंडियन शार्ट फिल्में दिखाई जाएंगी। यह फिल्में कई मायने में अलग राह दिखाती हैं। इनमें चाइल्ड, क्रटेन, साइलेंट स्क्रीम, तेज बहादुर व जान जिगर अपने विचारों से दर्शकों को सोचने का नया नजरिया देंगी। फिल्म उत्सव में सितारों की महफिल भी लगेगी। शुभांरभ सत्र में फिल्म कलाकार जयदीप अहलावत के अलावा कई बड़े रंगकर्मी और शहर की प्रमुख हस्तियां मौजूद रहेंगी। जयदीप अहलावत इस दौरान दर्शकों से भी रूबरू होंगे। वहीं 25 अगस्त की शाम सवा 6 बजे फिल्म कलाकार यशपाल शर्मा दर्शकों से रूबरू होंगे। इसके बाद बुद्ध फिल्म के प्रीमियर के दौरान फिल्म निर्देशक प्रशांत इंगोले दर्शकों से अपने फिल्मी दुनिया के अनुभव साझा करेंगे। तीन दिन तक चलने वाले इस फिल्म फेस्टिवल में हर उम्र के लिए संदेश देती फिल्में दिखाई जाएंगी। फिल्मी दिवानों के लिए यह फेस्टिवल बेहद खास रहेगा।
लोगों तक पॉजीटिव सिनेमा पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन रहा है जागरण फिल्म फेस्टिवल। युवा पीढ़ी को पुरानी अच्छी फिल्में देखने और उनसे सीखने का मौका मिलता है। फिल्म जगत और मीडिया में जगह बनाने वाले युवाओं को प्लेटफार्म मिलता है। फेस्टिवल में थीम बेस फिल्में होती हैं, शार्ट फिल्में सोचने का अलग नजरिया देती हैं। दैनिक जागरण की यह पहल काबिले तारीफ है।
धमेंद्र डागी, कलाकार जागरण फिल्म फेस्टिवल को प्रशसंक हूं। यह एक यूनीक फेस्टिवल है। विभिन्न फिल्मों को एक मंच देना ही इसको यूनीक बनाता है। ¨सगल स्क्रीन सिनेमा की फिल्में आज दिखाना बेहतर है।
राजीव भाटिया, कलाकार
दैनिक जागरण भारतीय सिनेमा को प्रमोट कर रहा है। समाज को अच्छी फिल्मों से जोड़ रहा है। यह काबिले तारीफ है।
सतीश कश्यप, कलाकार फिल्म फेस्टिवल होते रहने चाहिएं। इससे लोगों को आर्ट फिल्में देखने का मौका मिलता है। कई अच्छी थीम बेस फिल्में बनती है, जो दिल छूने वाली होती है। दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल में इन्हीं फिल्मों से सभी रूबरू होते है और उन कलाकारों को जानने लगते है।
- प्रतिभा ¨सह, कलाकार
जागरण कार्यालय से लें एंट्री पास
सनसिटी में होने वाले इस जागरण फिल्म फेस्टिवल में फिल्म देखने के लिए एंट्री पास के माध्यम से ही होगी। ये पास पूरी तरह से मुफ्त मिलेंगे। सिनेमा प्रेमी इंडस्ट्रियल एरिया हिसार स्थित दैनिक जागरण कार्यालय और सनसिटी के टिकट काउंटर से मुफ्त पास हासिल कर सकते हैं। दोनों जगहों पर पास लेने का समय सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे होगा। पास के बिना किसी भी व्यक्ति की एंट्री नहीं होगी। अधिक जानकारी के लिए दैनिक जागरण कार्यालय में मोबाइल नंबर 7206039399 और फोन नंबर 01662-398400 पर सुबह 10 से शाम 7 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।
बच्चों के साथ नहीं होगी एंट्री
थिएटर हॉल में बच्चों को लेकर आने की मनाही है। फिल्म का पास होने के बावजूद बच्चों के साथ हॉल में एंट्री नहीं होगी। वहीं 18 वर्ष से कम उम्र तक के बच्चों को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। दिनांक : फिल्म का नाम : समय
24 अगस्त : कुछ भीगे अल्फाज : शाम 5 बजे
: इंडियन शॉट मूवीज- चाइल्ड, कर्टेंस,
साइलेंट स्क्रीन, तेज बहादुर, जान जिगर : शाम 7 बजकर 40 मिनट से 25 अगस्त : इंटरनेशनल शॉट मूवीज- दी का¨लग,
टचेबल, 5 सिगारिलस, सो खिन, ड्यू डे : सुबह 10 बजे से
: माचिस : सुबह 11:30 बजे
: तू है मेरा संडे : दोपहर सवा 2 बजे
: करीम मोहम्मद : शाम साढ़े 4 बजे
: यशपाल शर्मा से दर्शकों की बातचीत : शाम सवा 6 बजे
: प्रीमियर ऑफ बुद्ध मूवी : शाम 7 बजे
: रेड : शमा साढ़े 7 बजे
26 अगस्त : एनाटॉलीज ड्रिम : सुबह 10 बजे
: रिबन : दोपहर पौने 12 बजे
: कागज की कश्ती : दोपहर 2 बजे
: सत्या : शाम साढ़े 4 बजे
: मुक्काबाज : शाम साढ़े 7 बजे
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जागरण फिल्म फेस्टिवल के जन्म की मैं साक्षी रही हूं। तब से ही मैं उसके साथ जुड़ी हुई थी। देशभर के कई शहरों मेंवर्ल्ड सिनेमा को पहुंचाने का श्रेय इसको जाता है।
सीमा कपूर, निर्देशक
देश के सोलह शहरों में आयोजित होनेवाले जागरण फिल्म फेस्टिवल का फॉर्मेट सराहनीय है। फिल्म फेस्टिवल्स को महानगरों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसको ज्यादा से ज्यादा छोटे शहरों में जाना चाहिए। जागरण फिल्म फेस्टिवल यह कर रहा है।
स्वरा भास्कर, अभिनेत्री जागरण समूह की खासियत है कि ये देश की जड़ों से जुड़ा है और इसकी पहुंच व्यापक है। जागरण फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से वो सिनेमा और शार्ट फिल्म्स दूरदराज तक पहुंचा रहा है।
टिस्का चोपड़ा, अभिनेत्री जागरण फिल्म फेस्टिवल ने दर्शकों, अभिनेताओं और निर्देशकों को एक दूसरे से जुड़ने का मंच मुहैया करवाया है। दिल्ली के अलावा अन्य छोटे शहरों में जागरण फिल्म फेस्टिवल का आयोजन देश में फिल्म संस्कृति के विकास में सहायक है।
राकेश बेदी, अभिनेता
जागरण फिल्म फ़ेस्टिवल से मैं बहुत पहले से जुड़ी रही हूं। यहां मुझे शुरू से बहुत मान सम्मान मिला है। लीक से हटकर बनी कई बेहतरीन फि़ल्में रीलीज नहीं हो पाती। छोटे बजट की फि़ल्मों को भी रीलीज की मुश्किलें आती हैं। ऐसे में जागरण फिल्म फेस्टिवल की बड़ी भूमिका है।
दिव्या दत्ता, अभिनेत्री
मुझे अमिताभ बच्चन की फिल्में बहुत पसंद आती थीं और मेरे पिताजी को भी। इस वजह से अमिताभ बच्चन की फिल्में दिखाने के लिए वह हमको गाड़ी में बैठाकर लखनऊ ले जाया करते थे। वहा नॉवल्टी पर देखते थे या या बनारस में टक्साल पर देखते थे, मतलब अमिताभ की फिल्में देखने हम थिएटर जाते थे और बाकियों की क्लबों में।
अनुराग कश्यप, फिल्म निर्देशक, जेएफएफ जब मेरी पहली फिल्म फ्लॉप हो गई तो इंडस्ट्री के लोगों ने कहना शुरू किया कि इस बंदे का तो करियर ही खत्म हो गया। लेकिन मैं हताश नहीं हुआ। एक दिन मेरा एक दोस्त मुझे 'बार' में ले गया, वहीं पर मुझे चादनी बार का आइडिया आया। मैंने अपने दस्त को बताया लेकिन इसने मना किया। फिर मैं 50-60 बार 'बार' में जाकर बैठा और छह माह में स्क्रिप्ट तैयार हो गई।
मधुर भंडारकर, निर्देशक, जेएफएफ