रोमांस और अहसासों की कहानी से सींचे युवाओं के कुछ भीगे अल्फाज
जागरण संवाददाता, हिसार : सोशल मीडिया। जहां विपरीत स्वभाव और हालात में पड़े आरजे अल्फाज
जागरण संवाददाता, हिसार : सोशल मीडिया। जहां विपरीत स्वभाव और हालात में पड़े आरजे अल्फाज व अर्चना बिना मिले भी प्रेम में डूबते चले जाते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से ही अर्चना ब्लाइंड डेट्स पर जाती है। उनकी मुलाकात कहानी के एक नाजुक मोड़ पर होती है। और..फिर दोनों एक-दूसरे को उनके कठिन हालात से निकलने में मदद करते हैं। यह कहानी है फिल्म कुछ भीगे अल्फाज की, जिसके साथ दैनिक जागरण के 9वें फिल्म फेस्टिवल का शानदार आगाज हुआ। यह फिल्म रोमांस और अहसास के साथ युवाओं को अपने साथ सफर करवाती है। उन्हें बताती है कि कोई भी इंसान संपूर्ण नहीं है, उसमें कोई न कोई कमी अवश्य होती है। जरूरत तो इस बात की है कि कमियों के बावजूद हम लगातार कुछ खूबसूरत करने की कोशिश करते रहें। फिल्म को दर्शकों ने जमकर सराहा।
फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ चौधरी चरण हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी ¨सह और फिल्म अभिनेता जयदीप अहलावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर दैनिक जागरण के संस्थापक स्वर्गीय पूर्णचंद गुप्त और पूर्व प्रधान संपादक स्वर्गीय नरेंद्र मोहन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इससे पहले दैनिक जागरण हिसार यूनिट के महाप्रबंधक राहुल मित्तल ने बुके देकर अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान फिल्म निर्देशक राजीव भाटिया, थिएटर कलाकार धर्मेंद्र ढांगी, लोकेश खट्टर सहित अनेक कलाकार और बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
--- हरियाणवी टच के बिना फिल्में अधूरी : प्रो. ¨सह
जागरण संवाददाता, हिसार :
मुख्य अतिथि एचएयू के कुलपति प्रो. केपी ¨सह ने कहा कि करीब 30 साल पहले वे दैनिक जागरण से जुड़े और जागरण का सफर उनके युवा होने के साथ साथ आगे बढ़ रहा था। इसलिए दैनिक जागरण परिवार की तरह है। फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से भी समाज को जगाया जा सकता है। दैनिक जागरण की यह शुरुआत वास्तव में शानदार है। हरियाणा में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन अपने आप में बड़ी बात है, क्योंकि आज फिल्म में हरियाणवी टच ना हो तो फिल्म पूरी नहीं होती। इसलिए हरियाणा के लोगों को अपने जवानों-किसानों और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए।
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यूथ को सिनेमा की परिभाषा बताता है फिल्म फेस्टिवल : जयदीप अहलावत
कार्यक्रम के शुभारंभ पर फिल्म अभिनेता जयदीप अहलावत दर्शकों से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि कई ऐसी बेहतरीन फिल्में होती हैं जो दर्शकों तक नहीं पहुंच पातीं। इन फिल्मों को युवाओं तक पहुंचना बहुत जरूरी है। दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल के माध्यम से युवाओं को वास्तविक सिनेमा की परिभाषा समझाता है। दर्शकों की मांग पर उन्होंने हरियाणवी लहजे में अपने हिसार से जुड़े अनुभवों को शेयर किया। उन्होंने कहा कि 2005 में गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। फेर तीन-चार महीनों बाद एफटीआइआइ पुणे में दाखिला लिया तो जीजेयू ने काढ़ दिया, ताकि उनका लड़का और बेहतर करै। उन्होंने युवाओं से कहा कि मनोदशा समझने के लिए फिल्में बेहतर जरिया होता है। उनकी आने वाली फिल्म राजी अच्छी शुरुआत है। ऐसी कहानी है जो देशभक्ति को सिर्फ दर्शाती ही नहीं है, बल्कि उसका अहसास भी करवाती है। उन्होंने कहा कि अपनी देशभक्ति दिखानी है तो दूसरों की देशभक्ति पर सवाल उठाना या बुराई करना जरूरी नहीं है।