आत्मनिर्भर भारत के लिए विज्ञान को आत्मसात करना जरूरी : डा. कुलदीप
जागरण संवाददाता हिसार आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार हो पाएगा जब हम समय के साथ विज्ञ्
जागरण संवाददाता, हिसार :
आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार हो पाएगा जब हम समय के साथ विज्ञान के बदलते सिद्धांतों को आत्मसात करेंगे। आत्मनिर्भर बनने के लिए हमें अपनी शिक्षा में हर स्तर पर आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और आत्मचितन को अपनाना होगा। आने वाला समय विज्ञान का है और 21वीं सदी में वो लोग अनपढ़ नहीं होंगे जो पढ़ और लिख नहीं सकते बल्कि उन्हें अनपढ़ माना जाएगा जो सीखेंगे नहीं, सीखे हुए को भूलेंगे नहीं और नए बदलते परिवेश में दोबारा से नए तरीके से सीखने की कोशिश नहीं करेंगे। ये विचार अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विज्ञानी एवं मौलिक एवं मानविकी महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डा. कुलदीप सिंह ढींढसा ने व्यक्त किए। वे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की एचएयू साइंस फोरम द्वारा आयोजित वर्चुअल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने की जबकि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के रसायन विभाग से प्रोफसर किरण सिंह मुख्य वक्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डा. आशा क्वात्रा ने कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने कहा कि आने वाला समय विज्ञान का है और युवा पीढ़ी को विज्ञान के प्रति प्रेरित करते हुए उन्हें अवसर दिए जाने चाहिए।
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शिक्षण संस्थानों ने लिया भाग
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, ड्राइंग और पेंटिग जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें जिलेभर से करीब 12 स्कूलों और 6 कॉलेजों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। एचएयू साइंस फोरम के सचिव डा. बलजीत सहारण ने बताया कि प्रत्येक स्पर्धा में तीन वर्ग बनाए गए थे। प्रत्येक वर्ग में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान एचएयू साइंस फोरम के संयुक्त सचिव डा. जयंत सिधु और डा. उर्वशी नांदल ने सक्रिय रूप से कार्यक्रमों में भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. बीआर कंबोज आदि अधिकारी उपस्थित रहे।