नशा रोगी ठीक होने की उम्मीद से आ रहे हिसार सिविल अस्पताल, दवा न मिलने से मायूस हो लौट रहे
ओएसटी सेंटर में पिछले 10 दिनों से नशा रोगियों को दवा मुहैया नहीं हो पा रही है। इन दिनों मरीज ओएसटी सेंटर में दवा लेने तो आते हैं। लेकिन दवा न आने के कारण मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, हिसार। शहर में स्थित सिविल अस्पताल में बनाए गए ओएसटी सेंटर में पिछले 10 दिनों से नशा रोगियों को दवा मुहैया नहीं हो पा रही है। इन दिनों मरीज ओएसटी सेंटर में दवा लेने तो आते हैं। लेकिन दवा न आने के कारण मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में करीब पांच साल पहले नशा रोगियों के उपचार के लिए ओएसटी सेंटर शुरू किया गया था। यहां पर सेंटर शुरू करने के बाद सेंटर में काउंसलर और एक अन्य कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी।
सेंटर में कार्यरत काउंसलर ने शहर में ढूंढ- ढूंढ कर नशा रोगियों की पहचान की थी और उन्हें नशा छुड़ाने के लिए प्रेरित किया था। साथ ही नशा छुड़ाने के लिए लोगों को जागरूक कर सिविल अस्पताल में सेंटर खुलने की सूचना देकर उन्हें वहां से दवा लेने की गुजारिश की थी। इसके बाद सेंटर में धीरे-धीरे नशा रोगी आने लगे और अब तक करीब 600 मरीज रजिस्टर्ड हो चुके हैं। इनमें से अब ढाई सौ के करीब मरीज नियमित रूप से दवा लेने के लिए ओएसटी सेंटर में पहुंच रहे थे। लेकिन पिछले 10 दिनों से दवा नहीं आई है।
जिसके कारण रोजाना 30 से 40 मरीज मायूस होकर वापस जाते हैं। ओएसटी सेंटर में मरीजों को बुलाकर यहीं पर सेंटर के कर्मचारियो के सामने ही दवा खिलाई जाती है। प्रतिदिन यह दवा लेने के लिए नशा रोगियों की लाइन लगती थी। नशा छोड़ने के इच्छुक रोगी प्रतिदिन दवा लेने पहुंचते हैं। लेकिन हिसार में मार्च 2020 में कोरोना काल से ही नशा रोगियों का उपचार सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है।
वर्ष 2020 में जब ओपीडी बंद की गई। उस दौरान भी कई मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं हो पाई थी। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में लाकडाउन के दौरान भी मरीजों को दवा के लिए मुश्किल पेश आई थी। वहीं पिछले वर्ष भी अक्टूबर, नवंबर में दो महीने तक दवा नहीं मिली थी। मामले में सीएमओ डा. रत्ना भारती ने बताया कि मरीजों की दवा नहीं आई है। दवा की कमी को उच्च अधिकारियो को अवगत कराया गया है।