बढ़ते तापमान का पशुओं पर भी असर, दूध में आई कमी, इन बातों का रखें विशेष ख्याल
पशु चिकित्सक पशुओं के रहने और खानपान पर विशेष ध्यान देने की दे रहे सलाह। गर्म हवाओं से हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा। दूध में बीस से तीस फीसद की कमी आने से पैकिंग के दूध की डिमांड बढ़ी।
झज्जर, जेएनएन। निरंतर बढ़ रहे तापमान और गर्म हवाओं ने ना सिर्फ इंसानों को परेशान किए हुआ है, बल्कि पशुओं के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। पशुओं के दूध देने की क्षमता में पहले की अपेक्षा बीस से तीस फीसद की कमी आई है। जिसके चलते बाजार में थैली के दूध की डिमांड बढ़ गई है। पशु चिकित्सक पशुपालकों को पशुओं के खानपान और रहने का उचित प्रबंध करने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टर मनीष डबास ने बताया कि नहाने से लेकर पानी पीने तक और बांधने से लेकर खाने तक सभी का विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक है, नहीं तो पशु हीट स्ट्रोक की चपेट में भी आ सकते है।
पशुओं को लू से बचाने के उपचार
- जिस जगह भी पशुओं को रखे उस जगह हवा को आने जाने के लिए जगह मिले और शेड खुला हवादार हो।
- अगर शेड लोहे की टीन का है तो उसपर किसी अन्य वस्तु की भी एक परत चढ़ा दे ताकि गर्मी अधिक ना बने।
- पशुओं को प्रतिदिन कम से कम दो बार नहलाना चाहिए।
- पशुओं को ताजा पानी दे और ज्यादा देर तक रखा हुआ पानी नहीं पिलाएं।
- डेयरी संचालक अपने पशुओं के रहने के स्थान पर पंखे, कूलर और फव्वारा सिस्टम लगा सकते हैं।
- पशुओं को धूप में बिल्कुल भी ना बांधे।
- लू की चपेट में आने पर पशु को तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
पशुओं में लू के लक्षण
- गाय-भैंस की नाक का सूखना।
- तेज बुखार।
- चारा ना खाना।
- आंख का लाल होना।
- पतला दस्त आना।
- मुंह के आसपास झाग आ जाना।
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