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किसानों और पुलिस की झड़प में 350 किसानों पर हत्या प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज

जागरण संवाददाता हिसार चौधरी देवीलाल संजीवनी कोविड अस्पताल के बाहर शरारती तत्वों द्वारा

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 May 2021 07:00 AM (IST)Updated: Thu, 20 May 2021 07:00 AM (IST)
किसानों और पुलिस की झड़प में 350 किसानों पर हत्या प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज
किसानों और पुलिस की झड़प में 350 किसानों पर हत्या प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज

जागरण संवाददाता, हिसार:

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चौधरी देवीलाल संजीवनी कोविड अस्पताल के बाहर शरारती तत्वों द्वारा पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के मामले में 350 किसानों और शरारती तत्वों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने धारा 109, 147, 248, 149, 186, 188, 283, 353, 427, 307 के तहत केस दर्ज किया है। केस अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी की शिकायत पर अर्बन एस्टेट थाना में दर्ज किया गया है। हमले में पांच महिला पुलिसकर्मियों सहित 20 पुलिसकर्मी घायल हुए है। शरारती तत्वों के साथ मुख्यमंत्री के हिसार से जाने के 45 मिनट बाद झड़प हुई थी। साउथ बाईपास पर आंदोलनरत किसान नहर पुल पर लगे नाके को तोड़कर शहर के अंदर की तरफ आ रहे थे। उस वक्त डीआइजी ने लाउडस्पीकर द्वारा बार-बार अनाउसमेंट कर किसानों को सूचना थी कि मुख्यमंत्री हिसार से जा चुके है। अब विरोध-प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है।

किसानों नेताओं ने शरारती तत्वों को आगे बढ़ने से रोका था

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि उस दौरान वरिष्ठ किसान नेताओं ने आंदोलन में सम्मिलित शरारती तत्वों को उस रास्ते पर जाने से रोकने का प्रयास किया। परंतु आंदोलनकारियों ने किसी की नहीं सुनी और उन्होंने जिदल पुल के पास लगाए नाके को तहस-नहस किया। उन्होंने आगे बढ़ते हुए डीएसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की और संजीवनी अस्पताल के प्रवेश द्वार तक पहुंचे। वहां जब आंदोलनरत शरारती तत्वों को एएसपी और पुलिस उपअधीक्षक ने अन्य पुलिस बल सहित रोकने का प्रयास किया तो शरारती तत्वों ने अधिकारियों व पुलिस कर्मियों पर कई बार गाड़ियों और ट्रैक्टर से टक्कर मार घायल करने का प्रयास किया। जब उनको रोकने का प्रयास किया गया तो आंदोलनरत किसानों में सम्मिलित शरारती तत्वों ने वहां पर उपस्थित अधिकारियों व पुलिस कर्मचारियों पर भारी पथराव कर दिया।

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नेताओं को बातचीत के लिए बुलाने की बात को नकारा

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और इन शरारती तत्वों को अस्पताल मे घुसने से रोकने के लिए मजिस्ट्रेट के आदेश पर प्रथम आंसू गैस का प्रयोग किया और उसके बाद हल्का बल प्रयोग किया। यह तथ्य निराधार है कि किसान नेताओं को पुलिस ने बातचीत के लिए बुलाया और उन पर लाठीचार्ज किया।

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आइजी ने केस दर्ज करने के बारे में आश्वासन नहीं दिया, लाठीचार्ज पर अफसोस जताया

आंदोलनरत किसान नेताओं द्वारा अधिकारियों से शाम को सात बजे के बाद बात हुई। जबकि यह घटना दोपहर 12.30 बजे की है। इस घटना से संबंधित सभी प्रविष्ठियां भी कंप्यूटर में दर्ज की जा रही थी और एफआइआर से संबंधित सभी प्रविष्ठियां दर्ज की जा चुकी थी। बैठक के दौरान आइजी द्वारा इस प्रकरण बारे एफआइआर दर्ज नहीं होगी, ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया था।


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