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मशीन लर्निग की मूल बातों को वैकल्पिक विषयों के रूप में शामिल करें

वीसी ने सुझाव दिया कि मशीन लर्निग की मूल बातें जैसे कि पायथन केरास एसके इमेजिज आदि को अन्य भाषाओं जैसे हिन्दी अंग्रेजी आदि की तरह वैकल्पिक विषयों के रूप में शामिल करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 07:54 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 07:54 AM (IST)
मशीन लर्निग की मूल बातों को वैकल्पिक विषयों के रूप में शामिल करें
मशीन लर्निग की मूल बातों को वैकल्पिक विषयों के रूप में शामिल करें

जागरण संवाददाता, हिसार : गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एलुमनाई रिलेशंस विभाग की तरफ से 'बेसिक थ्योरी एंड इम्पलीमेंटेशन ऑफ मशीन लर्निग एप्रोचिज इन वेरियस डोमेन्स' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित थे।

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उन्होंने विभाग को बधाई दी और सभी क्षेत्रों में मशीन लर्निग की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मशीन लर्निग की मूल बातें जैसे कि पायथन, केरास, एसके इमेजिज आदि को अन्य भाषाओं जैसे हिन्दी, अंग्रेजी आदि की तरह वैकल्पिक विषयों के रूप में शामिल करना चाहिए।

वेबिनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा ने कहा कि एक संस्थान के ब्रांड के निर्माण और विस्तार के लिए पूर्व विद्यार्थी संपर्क श्रृंखला को विकसित करना अति आवश्यक है। उन्होंने इस श्रृंखला को शुरू करने के लिए विभाग को बधाई दी।

यूरोपियन कमीशन 1009 के फेलो, वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिग विभाग के प्रोफेसर आरपी सिंह द्वारा वेबिनार के विषय पर एक ऑनलाइन व्याख्यान दिया गया।

प्रो. सिंह ने व्याख्यान में औषधीय, विनिर्माण, वित्त और विपणन, बैंकिग, प्रतिभूतियों और इंजीनियरिग जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए मशीन लर्निग के विभिन्न अनुप्रयोगों के बारे में उल्लेख किया। उन्होंने आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क के बुनियादी चरणों तथा मल्टी मॉडल कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला। उन्होंने गूगल प्लेटफॉर्म टेंसर फलों के माध्यम से मॉडल के विकास के बारे में प्रतिभागियों को इन हैंड ट्रेनिग दी।

उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, पूर्व विद्यार्थियों, शोधार्थियों, एमटेक व एमएससी विद्यार्थियों को विभिन्न मशीन लर्निग प्लेटफॉर्म जैसे सीबोर्न, पाइकेरेट, एसके इमेज, आर-स्टूडियो, मोडिज सेटेलाइट के बारे में संबोधित किया। विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने प्रो. आरपी सिंह से चर्चा कर अपना ज्ञानवर्धन किया।

एलमुनाई रिलेशंस विभाग के डीन प्रो. राजेश कुमार लोहचब ने पिछले वर्ष के दौरान एलमुनाई एसोसिएशन की उपलब्धियों को साझा किया। समन्वयक प्रो. ऋषिपाल ने कहा कि मशीन लर्निग केवल कंप्यूटर शाखाओं के लिए सीमित नहीं है, कोई भी शाखा या व्यक्ति इसका लाभ उठा सकता है।


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