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आर्गेनिक फार्मिंग देखनी है तो एचएयू के 139 एकड़ में बने मैकेनाइज्ड फार्म पर आइए

आर्गेनिक फार्मिंग व इनके प्रोडक्ट को देश का मार्केट तरजीह देगा इसको लेकर देशभर में आर्गेनिक फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट के तहत देश का पहला मैकेनाइज्ड आर्गेनिक फार्म एचएयू में तैयार किया जा रहा है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 12:00 PM (IST)
आर्गेनिक फार्मिंग देखनी है तो एचएयू के 139 एकड़ में बने मैकेनाइज्ड फार्म पर आइए
देश का पहला मैकेनाइज्ड आर्गेनिक फार्म एचएयू में तैयार किया जा रहा है

जागरण संवाददाता, हिसार। आने वाले समय में आर्गेनिक फार्मिंग व इनके प्रोडक्ट को देश का मार्केट तरजीह देगा, इसको लेकर देशभर में आर्गेनिक फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट के तहत देश का पहला मैकेनाइज्ड आर्गेनिक फार्म एचएयू में तैयार किया जा रहा है। एचएयू के 139 एकड़ में तैयार हुआ यह फार्म आर्गेनिक खेती के साथ आर्गेनिक वेस्ट को खाद में तब्दील करने की योजना पर भी कार्य कर रहा है। इस फार्म पर सिर्फ एचएयू के वैज्ञानिक ही नहीं बल्कि किसानों को भी आर्गेनिक फार्मिंग सीखने का मौका मिल रहा है।

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इस फार्म पर निर्माण कार्य कुछ समय पहले ही शुरू कर दिया गया था। इसे दीनदयाल उपाध्याय सेंटर आफ एक्सिलेंस फार आग्रेनिक फार्मिंग के नाम से जाना जाता है। यहां अभी फल, सब्जियां सीजन के हिसाब से की जा रही हैं। आर्गेनिक हैं तो लोग इस सेंटर के बाहर से ही सब्जियां खरीदकर ले जाते हैं। इसके साथ किसानों को भी यहां प्रशिक्षण दिया जाता है।

क्या होता है मैकेनाइज्ड फार्म

वह खेत जहां इरीगेशन से लेकर सभी सुविधाएं एक विशेष सिस्टम के तहत लगी हुई होती हैं, इसमें तकनीकी का योगदान हो, उसे मैकेनाइज्ड फार्म कहा जाता है। एचएयू के आर्गेनिक फार्म में भी कुछ इसी प्रकार की व्यवस्था की गई है। इसमें 1.70 करोड़ रुपये का आटोमैटिक सिंचाई प्रणाली का प्रयोग किया गया है। इस सिस्टम के तहत जरूरत के हिसाब से ही पानी का सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाएगा। इससे पानी की बर्बाद तो रुकेगी साथ ही सिंचाई प्रबंधन का कार्य किसान सीख सकेंगे।

वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करना

इस फार्म में फसलों के बेस्ट को एकत्रित किया जाएगा, इसके बाद इससे वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। फिर इसी खाद को आर्गेनिक फार्म में फसलों के लिए प्रयोग किया जाएगा। इससे किसानों को बताया जा रहा है कि किस प्रकार आर्गेनिक वेस्ट से तैयार हुई खाद से उपज अच्छी और सेहत के लिए गुणवत्ता में उच्च रहती है। किसानों को यहां ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां पर प्रदेश सरकार ड्रेनेज सिस्टम भी तैयार करा रही है। इस कार्य को सरकारी डिपार्टमेंट ही करेंगे।


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