सर्दियां आते ही जोड़ों में दर्द और शरीर जकड़न हो तो तुरंत छोड़ दें फास्टफूड, करें ये उपाय
खान-पान को लेकर विशेष सावधानी बरतें। लापरवाही बरतने का परिणाम जोड़ों में दर्द जैसे परेशानी बढ़ा सकता है। इसके साथ ही फास्ट फूड का सेवन भी छोड़ दें। फास्ट फूड में विशेषज्ञ मानते हैं कि फैट और कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है। इससे मोटापा बढ़ता है।
रोहतक, जेएनएन। सर्दियों का सीजन शुरू हो गया तो सावधान हो जाएं। अपने खान-पान को लेकर विशेष सावधानी बरतें। लापरवाही बरतने का परिणाम जोड़ों में दर्द जैसे परेशानी बढ़ा सकता है। इसके साथ ही फास्ट फूड का सेवन भी छोड़ दें। फास्ट फूड में विशेषज्ञ मानते हैं कि फैट और कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है। इससे मोटापा बढ़ता है। इस वजह से शरीर में आलस्य आता है। स्फूर्ति न होने से शरीर के सभी जोड़ों की मूवमेंट कम हो जाती है। जब मूवमेंट कम होती है तो जोड़ों के दर्द की तकलीफें लगातार बढ़ती चली जाती हैं। जितना तापमान गिरेगा उतनी ही तकलीफ बढ़ेगी।
यह करें तीन इंतजाम
1. बफीर्ले और पहाड़ी इलाकों में बारीक शिराएं होने लगती हैं बंद
सिविल अस्पताल में तैनात डा. शिव कुमार का कहना है कि बर्फीले और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान चार-पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंचते ही शरीर की कैपेलरी यानी बारीक शिराओं में बहने वाला ब्लड जमने लगता है। इससे फ्रॉस्ट बाइट की बीमारियां सामने आने लगती हैं। इससे नाखून तक गल जाते हैं। टिश्यू में भी ब्लड के साथ आक्सीजन पहुंचने की मात्रा कम होती चली जाती है। इस कारण टिश्यू काम करना बंद कर देते हैं।
यह करें उपचार : इस तरह की बीमारी या फिर परेशानियों का सामना करने वालों को सभी जोड़ों की गरम पानी की दिन में चार-पांच बार सिकाई करनी चाहिए।
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2. पुरानी चोट में करें तौलिये से सिकाई
यदि पुरानी चोट ठंड के कारण उबर रही है तो जैसे कमर, कंधा, कोहनी, पैर के जोड़ आदि में तो तौलिए से सिकाई करें। जिन स्थानों पर दर्द है वहां नमी वाली सिकाई यानी गरम पाई में तौलिए को डालें। तौलिए को बाहर निकालकर जोड़ों वाले स्थानों पर लगातार सिकाई करें। दिन में चार-चार यही करें।
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3. जोड़ों में लगातार करें मूवमेंट
जोड़ों के दर्द के दौरान अक्सर लोग जोड़ों का मूवमेंट बंद कर देते हैं। चिकित्सक डा. शिव कुमार कहते हैं कि जोड़ों के दर्द और परेशानी बढ़ाने के लिए यह लापरवाही भी जिम्मेदार होती है। दरअसल, मूवमेंट बंद होने से जोड़ शिथिल पड़ते चले जाते हैं। यहां सूजन और स्फूर्ति भी कम हो जाती है। इसलिए जोड़ में दर्द के दौरान लगातार मूवमेंट बनाए रखें। हलके हाथ से दर्द निवारक दवा लगाकार मालिश करें। तौलिए वाली सिकाई भी दिन में तीन-चार बार करें।
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खान-पान में फास्ट-फूड छोड़े हरी सब्जियां खाएं
जोड़ों के दर्द से बेहाल हैं तो अपने जीवन में फास्ट फूड खाने की आदत से छुटकारा पा लें। फास्ट फूड आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। डा. शिव कुमार के मुताबिक, फास्ट फूड के बजाय स्थाई तौर से हरी सब्जियां-साग को खाने की आदत बना लें। यदि शुगर की बीमारी नहीं है तो गुड़ नियमित तौर से खाएं। शरीर से कमजोर बच्चे, बुजुर्ग या अन्य हों तो उन्हें घी खिलाएं। सर्दियों में सीजन में घी लड्डुओं के अलावा सब्जियों में डालकर या अन्य माध्यमों से खिलाएं।
धूप से बेहतर नहीं कोई विकल्प
हड्डियों की कमजोरी को दूर करने के लिए सबसे उपयुक्त है धूप। धूप विटामिन डी का नेचुरल स्रोत है। इसलिए नियमित तौर से लोग कम से आधा घंटा धूप अनिवार्य रूप से लें। इससे हड्डियां मजबूत होंगी। जोड़ों के दर्द में भी फायदा होगा। सर्दियों के सीजन में त्वचा खुश्क हो जाती है। इसलिए पहले साबुन से स्नान करें। फिर शरीर और बालों में नारियल का तेल खूब मलें। इसके बाद फिर से स्नान कर लें। इससे अतिरिक्त तेल पानी के साथ बह जाएगा। ऐसा करने से त्वचा खुश्क नहीं रहेगी।
जोड़ों की मूवमेंट कम करेंगे तब ग्रीस होता है खत्म
डा. शिव कहते हैं कि जोड़ों को कम उपयोग करेंगे तो कई बार देखने में आता है कि ग्रीस कम हो जाता है। ग्रीस कम होने का मतलब है कि साइनोबिल फ्लूड कम होना। इसलिए मूवमेंट बनाएं रखें। वहीं, उम्र अधिक होने से ओस्ट्रियो फाइड बढ़ जाता है। इसलिए मूवमेंट करें और खान-पान के अलावा गुनगुना दूध भी पिएं।