रक्तदान से जान बची तो 500 लोगों का ग्रुप बनाया
डेंगू मरीजों के लिए संकटमोचक बने ढाणी कुतुबपुर के जयबीर।
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जज्बे को सलाम::::
डेंगू मरीजों के लिए संकटमोचक बने ढाणी कुतुबपुर के जयबीर तुरकिया
सुभाष चंद्र, हिसार
गंभीर मरीज को रक्तदान करने से उसकी जान बची तो एक युवक ने इस बात से प्रेरित होकर लोगों की मदद करने की ठानी, जिसके बाद पिछले आठ सालों से यह युवक कभी रक्तदान करके तो कभी रैंडम डोनर प्लेटलेट्स के लिए डोनर उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही पांच सौ डोनर को वाट्सएप ग्रुप के जरिए जोड़कर डेंगू मरीजों के लिए संकटमोचक की भूमिका भी निभा रहा है। हम बात कर रहे गांव ढाणी कुतुबपुर निवासी जयबीर तुरकिया की। जयबीर ने डेंगू केस बढ़ने पर बिना किसी संस्थान से जुड़े अपने स्तर पर ही एक वाट्सग्रुप बनाया। जिससे अब तक वह सैकड़ों मरीजों को डोनर उपलब्ध करवा चुके हैं। इनमें हिसार और हिसार से बाहर के मरीजों को भी उन्होंने डोनर उपलब्ध करवाए है और खुद भी प्लेटलेट्टस डोनेट की है। चार बेटियों के पिता जयबीर का कहना है कि वे आगे भी इसी तरह लोगों की मदद करना जारी रखेंगे। फिलहाल जयबीर हिसार में ओर्थोमेड अस्पताल में आपरेशन थियेटर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है और मैनेजमेंट का काम भी देखते है।
महिला की जान बची तो हुए प्रेरित
जयबीर ने बताया कि वह 2013 में मेडिकल लाइन में आए थे, उस दौरान वह शहर के एक निजी अस्पताल में आपरेशन थियेटर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत थे। एक दिन वहां काम करते हुए उनके गांव की एक महिला को ब्लड की जरुरत पड़ी। इमरजेंसी में गंभीर हालत में उस महिला को ब्लड दिया। जिससे उसकी जान बच गई। उस दिन से पता चला कि ब्लड देकर किसी की जान बचाई जा सकती है। जयबीर ने बताया कि इसी बात से प्रेरित होकर वह लोगों की मदद करने लग गए और ब्लड देकर और अन्य मेडिकल सहायता से लोगों की मदद करने लगे।
डेंगू के इन मरीजों की मदद की
हाल ही में जींद से एक डेंगू मरीज को शहर के निजी अस्पताल में दाखिल किया गया था। स्वजन मरीज को हांसी, हिसार, जींद में कई अस्पतालों में लेकर घुम चुके थे, उस दौरान जयबीर ने रात 11 बजे आरडीपी के लिए डोनर एकत्रित किए। जिसके बाद व्यक्ति की हालत में सुधार हुआ।
गंभीर युवक को उपलब्ध करवाया डोनर
शहर के निजी अस्पताल में दाखिल 20 वर्षीय हिसार निवासी एक युवक को बीते रविवार को बुखार हुआ था। स्वजनों ने अस्पताल में दाखिल करवाया तो डेंगू के लक्षण मिलने पर टेस्ट करवाया गया तो युवक डेंगू पाजिटिव मिला। वीरवार को युवक की प्लेटलेट्स 18 हजार पर पहुंच गई। इस दौरान ग्रुप बनाकर अपने स्तर पर ही डोनर ढूंढ रहे जयबीर नाम के युवक ने डोनर उपलब्ध करवाया। कलिगा गांव के 19 वर्षीय युवक को डेंगू के कारण वहां के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। इसके बाद 10 नवंबर को हिसार में दाखिल करवाया गया।
हिसार निवासी करीब सात साल की एक लड़की को डेंगू होने पर शहर के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। वहां उसकी प्लेटलेट डाउन हुई तो सिगल डोनर प्लेटलेट्स की जरुरत पड़ी, लेकिन एसडीपी किट न होने से रैंडम डोनर प्लेटलेट्स लगाकर काम चलाना पड़ा। रैंडम डोनर प्लेटलेट्स के लिए डोनर भी जयबीर ने उपलब्ध करवाए।
अब दो वाट्सग्रुप के जरिये उपलब्ध करवा रहे डोनर
अब दो वाट्सग्रुप के जरिये जयबीर डोनर उपलब्ध करवा रहे है। इनमें एक ग्रुप में 200 के करीब सदस्य है और दूसरे ग्रुप में 220 के करीब सदस्य है। जरुरत पड़ने पर ग्रुप से जुड़े लोग ब्लड डोनेट करने पहुंच रहे हैं।