हरियाणा में बिजली कनेक्शन के लिए 20, 25, 30 मीटर भूजल मानक तय हुए तो किसानोंं को लग सकता है झटका
सरकार 20 25 और 30 मीटर भू-जल के मानक तय करने की तैयारी में है। इस बारे में बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह के बयान भी सामने आ चुके हैं उन्होंने कहा था कि भू-जल स्तर के अनुसार कनेक्शन देने के लिए मानक तय किए जाएंगे
ढिगावा मंडी [मदन श्योराण] तालाब और जोहड़ जैसे जल स्रोत हमारे पूर्वजों की अनमोल धरोहर है। जिसका अस्तित्व खत्म होने से तेजी से जलस्तर घट रहा है। राजस्थान बॉर्डर के साथ लगते क्षेत्र में जलस्तर तेजी से घट रहा है। 500 से 600 फीट की गहराई पर पानी जा पहुंचा है। अब उन किसानों के लिए बड़ी आफत पहाड़ बनकर टूट सकती है जिन किसानों ने ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए सपने देख रहे हैं। सरकार अब बिजली कनेक्शन देने के लिए मानक तय करने पर विचार कर रही है। इसके तहत निर्धारित भू-जल स्तर होने पर ही किसानों को बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा।
सिंचाई विभाग, कृषि विभाग और बिजली विभाग मिलकर इस योजना को अमलीजामा पहनाएंगे। खबर मिल रही है कि सरकार 20, 25 और 30 मीटर भू-जल के मानक तय करने की तैयारी में है। इस बारे में बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह के बयान भी सामने आ चुके हैं उन्होंने कहा था कि भू-जल स्तर के अनुसार कनेक्शन देने के लिए मानक तय किए जाएंगे, यह कितने मीटर के होंगे, अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
विशेष तौर पर यह जिले होंगे प्रभावित :-
भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गुड़गांव, महेंद्रगढ़, पानीपत, सिरसा, रेवाड़ी,फरीदाबाद, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र जिले बाहर हो जाएंगे। 25 मीटर के पैमाने में 8 जिले भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गुड़गांव, कुरुक्षेत्र, कैथल, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी बाहर होंगे। 30 मीटर का पैमाना तय किया जाता है तो चार जिले कैथल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी शामिल नहीं होंगे।
----------
प्रदेश सरकार द्वारा साफ कहा है कि किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए एक मानक तय करने पर विचार हो रहा है, निर्धारित भू-जलस्तर होने पर ही कनेक्शन देंगे। अगर ऐसा होता है तो राजस्थान बॉर्डर के साथ लगते कई जिलों के किसानों को गंभीर समस्या से गुजरना पड़ेगा। क्योंकि लोहारू क्षेत्र के दर्जनों गांव में तो पानी 500 से 600 फीट की गहराई तक जा पहुंचा है।