फतेहाबाद में ब्लैक स्पाट की होगी पहचान, एक सप्ताह में दूर करने के आदेश, हादसों में लगेगा लगाम
फतेहाबाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में कोई भी हादसा होने पर एंबुलेंस कितने समय में दुर्घटना स्थान पर पहुंच जाती है इसका पूर्ण विवरण उपलब्ध हो तथा ट्रामा सेंटर पर दी जाने वाली सुविधाएं बेहतरीन हो इसके लिए उचित व्यवस्था करें।
फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में हर दिन कहीं ने कहीं सड़क हादसे होते हैं। किसी की लापरवाही के कारण तो कहीं पर सड़क में खामियां के कारण सड़क हादसे हो रहे है। जिले में ऐसे ब्लैक स्पाट भी बने हुए है जहां हर समय सड़क हादसे होने का डर लगा रहता है। ऐसे में जिले के अधिकारी ऐसे स्थानों की निगरानी करेंगे और जो कमियां है उसे दूर किया जाएगा। ब्लैक स्पाट की पहचान एक सप्ताह में करने के साथ ही इसे दूर करने के आदेश दिए है।
डीसी ने अधिकारियों की बैइक लेकर दिए दिशा निर्देश
इसके लिए जिला उपायुक्त ने अधिकारियों की बैठक ली। स्वयं सुरक्षित रहें तथा अन्य लोगों का जीवन सुरक्षित रखने में अपना अह्म रोल निभाए। यातायात नियमों के बारे में आमजन मानस को जागरूक करें। यह बात उपायुक्त प्रदीप कुमार ने लघु सचिवालय के सभागार में सडक़ सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में उपायुक्त ने यातायात प्रबंधों व दुर्घटनाओं में कमी लाने बारे अधिकारियों के साथ विचार विमर्श भी किया।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने सभी विभागाध्यक्षों से कहा कि वे आपसी तालमेल से जो भी मुद्दे सडक़ सुरक्षा को लेकर आते हैं, उन्हें निपटाएं। जिला में यातायात के नियमों का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों के चालान के साथ-साथ नियमानुसार सख्त कार्यवाही अमल में लाए।
नाबालिग को न दे वाहन
उपायुक्त ने अभिभावक से अपील करते हुए कहा कि वे अपने नाबालिग बच्चों को वाहन इत्यादि ना दें। बच्चे देश के भावी कर्णधार है और देश का भविष्य है। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि अधिकारी सडक़ सुरक्षा के उपायों के लिए गंभीरता से कार्य करें। इस विषय पर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जिला में जो भी दुर्घटना संभावित क्षेत्र हैं, वहां पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध हो, ताकि संभावित दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
ब्लैक स्पाट की करनी होगी पहचान
दुर्घटना में होने वाली मृत्यु की संख्या में कमी लाना है। संबंधित विभाग अपनी-अपनी सडक़ों की लंबाई अनुसार इसमें ऐसी लोकेशन की पहचान करें जो ब्लैक स्पाट है और उनका समाधान भी करें। इसमें गड्ढों को भरना, सड़कों को चौड़ा करना, अतिक्रमण हटाना शामिल है। ओवरलोडिंग वाहनों, ओवर स्पीड, ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वाले चालकों के चालान होने चाहिए। पिछले दिनों कोई भी दुर्घटना घटी है, उस स्थान पर दुर्घटना के कारणों का पता करके उसे दुरुस्त किया जाए।
जहां पर हादसे होने का डर है उस कमी को दूर करेंगे अधिकारी
राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगे संकेतक बोर्डों को समय-समय पर चैक करते रहें। यातायात सुरक्षा के सभी पुख्ता प्रबंध किए जाए। सभी सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी अपनी सडक़ों की लंबाई में से पांच किलोमीटर का टुकड़ा चयनित करते हुए उसको मॉडल सडक़ के रूप में विकसित करें।
कितने समय में एंबुलेंस पहुंची इसका विवरण भी लेना होगा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में कोई भी हादसा होने पर एंबुलेंस कितने समय में दुर्घटना स्थान पर पहुंच जाती है, इसका पूर्ण विवरण उपलब्ध हो तथा ट्रामा सेंटर पर दी जाने वाली सुविधाएं बेहतरीन हो, इसके लिए उचित व्यवस्था करें। दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति का बेहतर उपचार करें। उपायुक्त ने कहा कि डाटाबेस की तैयारी, सही निगरानी और सडक़ सुरक्षा रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक मूल आवश्यकता है। इस मौके पर आरटीए सचिव संजय बिश्रोई ने बताया कि नियमों की अवहेलना करने वालों के नियमानुसार चालान किए जा रहे हैं। सडक़ सुरक्षा नियमों के लिए आमजन मानस को जागरूक करने के लिए जागरूक किया जाएगा।
ये थे मौजूद
बैठक में एडीसी अजय चोपड़ा, आरटीए सचिव संजय बिश्रोई, एसडीएम अनिल कुमार दून, राजेश कुमार, जीएम रोडवेज शेर सिंह, एनएचएआई के एसई दीपक मोर, डीएसपी चंद्रपाल, डीएफओ राजेश कुमार, डिप्टी सीएमओ डॉ. वीना मेहता, डिप्टी डीईओ प्रदीप सिंह, एसडीओ अक्षय वर्मा, मंगतराम, विनोद कुमार, बलविंद्र सिंह, ओम प्रकाश, मनोज कुमार, आरएसओ से सुखदेव, भूप सिंह, सचिन बिश्रोई, कपिल आदि मौजूद रहे।