बसों-ट्रेनों की भीड़ व जाम से बचे, नोजपिन के लिए तकरार
जागरण संवाददाता हिसार पिछली बार परीक्षा दी थी तो सुनार से नोजपिन कटवा के देनी पड़ी थी
जागरण संवाददाता, हिसार: पिछली बार परीक्षा दी थी तो सुनार से नोजपिन कटवा के देनी पड़ी थी, लेकिन इस बार राहत है। वहीं पिछली बार जाम, भीड़ व बसें ने मिलने से जींद, रोहतक, करनाल पहुंचने में ही कई घंटे लग गए थे। यह प्रतिक्रियाएं उन महिला अभ्यर्थियों ने दी जो पिछली बार एचटेट सहित एचएसएससी के परीक्षा में बसों में खड़े होकर सफर करके सिस्टम से परेशान हो चुकी थीं। शनिवार को एचटेट परीक्षा गृहजिला में हुई तो परीक्षार्थियों के चेहरे पर खुशी नजर आ रही थी। साथ ही विवाहिताओं में सिदूर व मंगलसूत्र न निकालने की खुशी भी साफ झलक रही थी। हालांकि कुछ परीक्षा केंद्रों पर नोजपिन उतरवाई गई, इस दौरान नियमों को लेकर परीक्षार्थियों व स्टाफ में थोड़ी बहस भी देखने को मिली।
वहीं रविवार को दो शिफ्ट में परीक्षा होगी। इसमें सुबह दस बजे से साढ़े 12 और दोपहर तीन से साढ़े पांच बजे तक परीक्षा होगी। दोनों शिफ्ट में 15 हजार से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।
अगर छिटपुट घटनाओं को छोड़ दे तो एचटेट परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई है। जिले में पहली बार गृहजिला में एचटेट परीक्षा का आयोजन किया गया। लेकिन इस बार नजारा बदला-बदला था, ना तो बस अड्डे पर परीक्षार्थी बस के लिए धक्का-मुक्की करते छत पर चढ़ते देखे गए और ना ही ट्रेनों के इंजन के साइड में युवा चढ़ते नजर आए।
------------------------7849 में से 7311 अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा
शहर में 26 परीक्षा केंद्रों पर दोपहर 3 से 5.30 बजे तक परीक्षा का आयोजन किया गया, जिनपर कुल 7849 में से 7311 ने परीक्षा दी। वहीं 538 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। हालांकि परीक्षा शुरू होने के कुछ समय बाद कुछेक परीक्षा केंद्रों पर जैमर की प्रॉब्लम आई। लेकिन इसे भी दुरूस्त कर लिया गया था। बाकी सभी परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्वक परीक्षा का आयोजन हुआ। शहर में दी आर्यन पब्लिक स्कूल, दर्शन एकेडमी, विश्वास सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, एफसी कॉलेज, न्यू यशोदा पब्लिक स्कूल सहित अन्य परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया।
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तीन चरणों में हुई जांच
परीक्षा केंद्र में दाखिल होने से पहले तीन चरणों में तलाशी ली गई। परीक्षार्थियों के केंद्र में प्रवेश से पहले प्रथम चरण में उसकी मैटल डिटेक्टर से तलाशी ली गई है और उसके बाद बायोमेट्रिक प्रणाली से जांच के बाद तीसरे चरण में उनके कागजात जांचे गए।
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लक्ष्मीबाई चौक से ऑटो डायवर्ट किए
परीक्षा शुरू होने से पहले जाम से निपटने के लिए लक्ष्मीबाई चौक से मधुबन पार्क की ओर ऑटो को डायवर्ट किया गया। वहीं शाम 5.30 बजे परीक्षा संपन्न हुई तो परीक्षा केंद्रों के बाहर व दिल्ली रोड पर ऑटो की अधिकता होने के कारण शहर में करीब एक घंटे तक जाम लगा रहा। जिसके चलते शहरवासियों को परेशानी जरूर उठानी पड़ी।
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बोर्ड से रखी गई परीक्षा केंद्रों पर नजर
कैमरों के जरिये परीक्षा केंद्रों की लाइव मूवमेंट सीधे भिवानी बोर्ड में देखी गई। एचटेट परीक्षा के लिए सेंटर सुपरिंटेंडेंट से लिखित में शपथ पत्र लिए गए थे कि उनका कोई रिश्तेदार उनके सेंटर में परीक्षा तो नहीं दे रहे।
------------------------एक घंटा पहले ही बंद कर दिए गए थे सेंटर के दरवाजे
एचटेट परीक्षा में करीब 60 मिनट पहले ही अभ्यर्थियों का प्रवेश बंद कर दिया गया। हालांकि कुछ केंद्रों पर 5 से 10 मिनट तक अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश की छूट भी दी गई। अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रोनिक्स आइटम, जैसे घड़ी, कैलकुलेटर, मोबाइल फोन, पेजर, ब्लूटूथ, इलेक्ट्रोनिक्स गैजेट्स, छपा हुआ कागज, लिखी हुई पर्ची आदि ले जाने पर पाबंदी लगाई गई थी। वहीं परीक्षार्थियों को एडमिट कार्ड के साथ आधारकार्ड, वोटरकार्ड, ड्राइविग लाइसेंस के साथ एंट्री दी गई थी। गेट पर मेटल डिटेक्टर से चेकिग की गई। आधार कार्ड की फोटो का एडमिट कार्ड से मिलान भी किया गया।
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छूट मिली लेकिन स्टाफ व परीक्षार्थियों में जानकारी का अभाव भी दिखा -
महिला अभ्यर्थियों को अंगूठी, चैन, बालियां आदि ले जाने की स्वीकृति नहीं थी। लेकिन मंगलसूत्र व नोज पिन पहनने, बिदी व सिदूर लगाने तथा सिख धर्म में दीक्षित अभ्यर्थियों को धार्मिक आस्था के चिह्न ले जाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन शहर के कुछ परीक्षा केंद्रों पर गेट पर डयूटी देने वाले स्टाफ को जानकारी का अभाव था, जिसके चलते पुलिसकर्मी व स्टाफ कर्मचारी परीक्षार्थियों को नोज-पिन व मंगलसुत्र उतारने के लिए उनसे उलझते दिखे।
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पुरुष परीक्षार्थियों के भी कड़े और ब्रेसलेट उतरवाए
पत्नी परीक्षा देने गई, बच्चों को बाहर संभालते दिखे पति व सासकाफी संख्या में विवाहित परीक्षार्थी पहुंची थी। कई तो बच्चों के साथ परीक्षा केंद्र पर पहुंची। जब पत्नी परीक्षा देने केंद्र में चली गई तो बाहर पति बच्चों को संभालते नजर आए। हांसी निवासी निशा अपने 8 महीने के बच्चे के साथ पहुंची थी।
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दर्शन अकादमी में एचटेट देने आई चौधरीवास की कमलजीत को पेन कार्ड व आइडी होने के बावजूद एंट्री नहीं करने दी। जबकि सेंटर के बाहर गेट पर लगाई गई गाइडलाइन में पेन कार्ड को अनिवार्य आइडी लिखा गया है। कमलजीत ने अपने पति सोनू कुंडू को फोन किया। जिसके बाद सोनू आधार कार्ड की फोटोस्टेट लेकर आए तो एंट्री दे दी गई।
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अनीता बाड्या ब्राह्मणान ने कहा कि पहली बार परीक्षा दी है। इसलिए नियम बदले हैं, जो इस बात के लिए काफी अच्छा लगा है। हालांकि पहले कोई परीक्षा नहीं दी।
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अनीता खारिया - पहली बार परीक्षा दी है, नई सुविधाएं मिलने से बहुत खुशी हो रही है। पहले की परीक्षाओं में देखा है हर जगह भीड़ ही भीड़ होती थी, जाम लगा रहता था।
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ऑटो मार्केट निवासी कविता ने बताया कि पिछली एचटेट परीक्षा के लिए रोहतक जाना पड़ा था। भाई को निजी कंपनी से छुट्टी लेनी पड़ी थी। उस समय एक दिन पहले परीक्षा के लिए निकले थे और खर्च भी अधिक हुआ, लेकिन अब घर से परीक्षा केंद्र पहुंचने पर सिर्फ 20 मिनट लगे है।
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हांसी के शेखुपरा गांव से अनिता पिछली बार जींद पेपर दिया था। उस समय पापा साथ गए थे। लेकिन उस दौरान पहुंचने में ही कई घंटे लग गए थे। मेरी नोजपिन नहीं निकली थी। सुनार से नोजपिन कटवानी पड़ी थी, जिसके बाद परीक्षा दी थी।
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आठ माह के बच्चे को लेकर पेपर देने पहुंची महिला
- हांसी निवासी निशा ने बताया कि उसने 2017 में पेपर दिया था। पिछली बार जींद पेपर आया था, तब जाम लगा था बहुत बसों में सीट भी नहीं मिली थी। अब सिर्फ एक घंटे में परीक्षा केंद्र पहुंच गई। निशा अपने 8 माह के बच्चे, पति व सास के साथ आई थी।
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पिछली बार पूरा रास्त खड़े होकर किया था सफर
सेक्टर 15 निवासी शिखा ने बताया कि एचएसएससी की परीक्षा के लिए अकेले ही फरीदाबाद जाना पड़ा था। उस दौरान पुरा रास्ता खड़े होकर सफर करना पड़ा था। वहीं पटियाल में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की परीक्षा के दौरान भी बसों में भीड़ थी। नोजपिन कटवानी पड़ती थी। लेकिन अबकी बार काफी अच्छा रहा है। इस बात की बहुत खुशी है।
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एक घंटे के सफर के लग जाते थे तीन घंटे
हिसार निवासी चारू शर्मा ने बताया कि पहले वाली परीक्षा के दौरान बसों को लेकर समस्या सुबह से चलना पड़ता था, जाम लग जाता था। ट्रेवलिग का खर्च आता था। बटन व मेटल के लिए भी छूट देनी चाहिए। नोजपिन व मंगलसून व सिदूर की जो छूट मिली है। वो काफी अच्छा रहा।
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भिवानी रोहिल्ला की मुकेश ने बताया कि उसने भी गांव से सिर्फ आधे घंटे में परीक्षा केंद्र पहुंच गए। उस समय पापा साथ गए थे। लेकिन अब तो अकेले ही पेपर देने पहुंच गई। काफी अच्छा लगा जो गृहजिला में ही परीक्षा का आयोजन किया गया।
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स्टाफ, शिक्षक व पुलिस के सहयोग से परीक्षा प्रदेशभर में शांतिपूर्वक संपन्न हुई है। इस सफलता को देखते हुए अगली बार भी गृहजिला में ही परीक्षा का आयोजन करवाएंगे। परीक्षार्थियों सहित आमजन में भी इस बात की खुशी झलक रही है।
बोर्ड चैयरमैन, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी।