बहादुरगढ़ में कैसे मिलेगा साफ पानी, जलघर को ही कूड़ाघर बना रहे साथ लगती कालोनियों के लोग
जलघर में कालोनियों के लाेग कूड़ाघर बना रहे हैं। वाटर टैंकों के आसपास कूड़े-कचरे का ढेर लगा है। यह कूड़ा इन टैंकों में ही गिरता है। फिर इस पानी को साफ करना भी विभाग के लिए और मुश्किल हो जाता है।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : शहर के जलघर को ही साथ लगती कालोनियों के लाेग कूड़ाघर बना रहे हैं। वाटर टैंकों के आसपास कूड़े-कचरे का ढेर लगा है। यह कूड़ा इन टैंकों में ही गिरता है। फिर इस पानी को साफ करना भी विभाग के लिए और मुश्किल हो जाता है। फिलहाल इस स्थिति पर न तो लोगों को ही कोई परवाह है और न ही विभाग की तरफ से काेई ध्यान दिया जा रहा है। शहर का मुख्य जलघर परशुराम मार्ग पर है। इसके दो तरफ महाबीर पार्क कालाेनी और एक तरफ मोहन नगर है। इस जलघर परिसर में दो वाटर टैंक बने हैं। बाकी तीन वाटर टैंक जलघर के सामने हैं। खास बात यह है कि जलघर परिसर में जो दो वाटर टैंक है। उनके तीन तरफ के हिस्से में साथ लगती कालोनियों के जो घर हैं।
उनमें से कई ने तो जलघर परिसर में ही पीछे की तरफ अनाधिकृत दरवाजा खोल रखा है। जलघर की चारदीवारी कहीं पर तो पूरी तरह गिर चुकी है और कहीं पर है तो वह काफी छोटी है। महाबीर पार्क की कुछ गलियां तो आखिर में जलघर की तरफ खुली छोड़ दी गई थी। बाद में जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से यहां पर दीवार करवाई गई। अब परेशानी यह है कि जलघर के साथ लगती कालोनियों के घरों से रोजाना कूड़ा-कर्कट जलघर की जमीन पर फेंका जाता है।
इससे जलघर के वाटर टैंकों के पास प्लास्टिक कचरे का ढेर लगा देखा जा सकता है। दूसरी तरह का कचरा भी यहां पर जमा है। जब-तब यह कूड़ा-कचरा इन वाटर टैंकों में ही गिरता है। स्थिति पर विभाग भी एक तरह से लाचार बना हुआ है। बाजारों में तो पालीथिन का प्रयोग करने वालों के प्रशासन की ओर से चालान काट दिए जाते हैं, लेकिन जलघर में इस प्लास्टिक कचरे को फेंकने वालों पर कोई सख्ती नहीं हाे रही।
विभाग द्वारा नहीं लिया जा रहा संज्ञान
जलघर के अंदर इस तरह से कूड़ा-कचरा फेंके जाने को लेकर जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी कोई संज्ञान अभी तक नहीं लिया गया है। प्रशासन को भी कोई पत्र नहीं लिखा गया है। विभागीय कर्मचारी एक ही बात कहते हैं कि जलघर से तो उन्हीं लोगों को पानी मिलता है जो यहां पर कूड़ा-कचरा अपने घरों की छत और खिड़कियों से फेंकते हैं। जब लोग अपनी जिम्मेदारी ही भूल रहे हैं तो जाहिर है कि उन्हें साफ पानी कैसे मिलेगा।
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लोगों को चाहिए कि वे जलघर के अंदर कूड़ा-कचरा न डालें। अपनी जिम्मेदारी निभाएं। ऐसा करने वालों से अब सख्ती से निपटा जाएगा।
--संदीप दुहन, एसडीओ, जन स्वास्थ्य विभाग, बहादुरगढ़