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फतेहाबाद में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से बिना अनुमति लिए ही खोल लिए होटल, तीन के डीजल जरनेटर किए सील

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से फतेहाबाद के 15 होटल रिसोर्ट गार्डन मालिकों को नोटिस दिया गया है। यहां पर भी इस तरह की गड़बड़ी मिली है। अगर एक महीने के अंदर प्रदूषण बोर्ड से अनुमति नहीं लेते है तो उनके यहां भी जनरेटरों को सील कर दिया जाएगा।

By Naveen DalalEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 05:39 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 05:39 PM (IST)
प्रदूषण बोर्ड ने फतेहाबाद के 15 होटल, गार्डन व मैरिज पैलेस को जारी किया नोटिस।

फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में इन दिनों शहर हो या गांवों में होटल व गार्डन खुल रहे है। लेकिन इन मालिकों को यह पता नहीं होता हे कि होटल चलाने के लिए एनजीटी के नियमों का पालन भी करना होता है। यहीं कारण है कि अब एनजीटी ने आदेश दिए है कि जो नियमों को नहीं मान रहा है उनके खिलाफ कार्रवाई जाए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस ओर कदम उठाना शुरू कर दिया है। यहीं कारण है कि जिले के 18 होटल, गार्डन, रिसोर्ट मालिकों को नोटिस दिया गया है। वहीं शहर के तीन रिसोर्ट केंद्रों में मिले जनरेटर को सील कर दिया गया है।

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अगर नोटिस का जवाब नहीं देते है तो इनके यहां पर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करेगी कार्रवाई

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से रिसोर्ट, होटल मालिकों व गार्डन मालिकों को नोटिस दिया गया था कि आपने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई। यहीं कारण है कि रतिया रोड स्थित शीश महल, रतिया रोड हंसराज रिसोर्ट व कुलदीप रिसोर्ट में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ सुनील कुमार ने निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि यहां पर बिना अनुमति के डीजल युक्त जनरेटर लगाए गए थे जो नियमों के विरुद्ध थे। उसे में इन जनरेटरों को सील कर दिया गया है। अब इन जनरेटरों को चलाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।

नोटिस का जवाब नहीं दिया तो होगी कार्रवाई

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जिले के 15 होटल, रिसोर्ट, गार्डन मालिकों को नोटिस दिया गया है। यहां पर भी इस तरह की गड़बड़ी मिली है। अगर एक महीने के अंदर प्रदूषण बोर्ड से अनुमति नहीं लेते है तो उनके यहां भी जनरेटरों को सील कर दिया जाएगा। इसके अलावा एनजीटी के आदेशों की अवहेलना हो रही है। लेकिन विभाग के दूसरे अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। अनेक रिसोर्ट व होटल के मालिक पालीथिन आदि का निस्तारण भी नहीं कर रहे है। ऐसे में इन पर और कार्रवाई हो सकती है। नगरपरिषद अगर कूड़ा उठाता है तो उसे रुपये देने होते है, लेकिन होटल मालिक ऐसा कुछ नहीं कर रहे है। ऐसे में कार्रवाई हो सकती है।

ये मानक करने होंगे पूरे

  • अगर सीवर लाइन समीप है तो होटल के सीवरेज को सीधे सीवर लाइन में पहुंचाना पड़ेगा।
  • होटल से सीवरेज कम निकलता है तो सेप्टिक टैंक बनाना होगा।
  • होटल बड़ा है, सीवरेज ज्यादा निकलता है और सीवर लाइन भी नजदीक नहीं है तो होटल संचालक को अनिवार्य रूप से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाना होगा।
  • प्रदूषण बोर्ड ने एनओसी लेनी होगी।
  • जल बोर्ड से भी एनओसी लेनी पड़ेगी।
  • प्लास्टिक का निस्तारण कैसे करते है इसकी जानकारी भी होनी चाहिए।

जल-वायु प्रदूषण के अलग-अलग मानक

होटल या रेस्टारेंट संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति भी जरूरी है। जल व वायु प्रदूषण को लेकर अलग- अलग मानक हैं। कारोबारियों के आवेदन करने पर टीम निरीक्षण कर चेकिंग करती है। इसमें देखा जाता है कि गंदे पानी का निस्तारण कैसे किया जाता है। इसके अलावा किचन आदि से निकलने वाले धुएं की मात्रा भी जांची जाती है। अगर जनरेटर लगाया गया है तो इसकी चिमनी की ऊंचाई ज्यादा होना चाहिए। अगर ये मानक पूरे नहीं होते है तो लाइसेंस निरस्त कर दिया जाता है।

होटल मालिकों को एनजीटी के आदेशों की करनी होगी पालना

तीन रिसोर्ट के यहां जनरेटर मिला। जिसकी अनुमति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से नहीं ली गई थी। ऐसे में नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन फिर भी कोई सुधार न हुआ तो तीन रिसोर्ट के यहां जनरेटर को सील कर दिया गया है। इसके अलावा 15 अन्य को भी नोटिस जारी किया गया है। एनजीटी के जो आदेश है उनका पालन करना होगा।

----सुनील कुमार, एसडीओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।


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