समलैंगिक संबंधों से भी हो रहा HIV, हिसार के 39 केसों में से पांच पॉजिटिव मिले
डेढ़ वर्ष पहले रेडक्रॉस में शुरू हुए टारगेटेड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम के तहत हिसार जिले का कराया सर्वे। काउंसिलिंग के माध्यम से चिह्नित लोगों को सही दिशा पर लाने का कर रहीं काम
हिसार [वैभव शर्मा] एचआइवी की जागरूकता के बीच यह लोगों में पनप रहा है। हिसार में समलैंगिक संबंध बनाने वालों में एचआइवी पाया गया है। खास बात है कि इन मामलों में मरीजों के उपचार से बड़ी चुनौती तो इन्हें खोजने की है। चूंकि कानून ने जरूर मान्यता दे दी मगर समाज ने अभी तक इस प्रकार के रिश्तों को नहीं अपनाया है। यह जानकर हैरानी होगी कि हिसार में टारगेटिड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम के तहत सर्वे कराया गया, जिसमें समलैंगिक संबंधों को तरजीह देने वालों के 39 केस सामने आए।
इनमें से सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे तो पांच मामलों में एचएआइवी पॉजिटिव मिले। इस सर्वे को करने वाले मानते हैं कि यह आंकड़ा बड़ा भी हो सकता है अगर ऐसे संबंध रखने वाले लोग सामने आएं। बड़े शहरों में अक्सर लोग सामने आ जाते हैं मगर हिसार जैसे शहरों में लोगों को सामने लाना पड़ता है।
काउंसिलिंग के जरिए पहुंच रही टीम
सबसे पहले टारगेटेड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए चुनौती ऐसे मरीजों को खोजने की है। इसके बाद इन मामलों में अक्सर समझाया जाता है। खास बात है कि महिला कर्मचारी इस काम को आसानी से कर पा रही हैं। एक बार मरीज मिला फिर वह धीमे-धीमे कर समझाते हैं कि उन्हें आगे क्या करना है, समय-समय पर टेस्ट कराना है, दवा कैसे लेनी है और बिना किसी झिझक के सेंटर तक कैसे पहुंचना है। यह सभी जानकारी काउंसलर द्वारा उन्हें दी जाती है। मगर सबसे बड़ी चुनौती यही है कि लोग आसानी से सामने नहीं आते।
चैन सिस्टम के माध्यम से पहुंच रही टीम
टारगेटेड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम की प्रोजेक्ट मैनेजर बिंदिया गौतम बताती हैं कि डेढ़ वर्ष में लोगों को खोजना काफी मुश्किल रहा है। अब समलैंगिक संबंधों को रखने वालों को जागरूक करने के लिए हम एक व्यवस्था के तहत काम कर रहे हैं। जिसमें अगर हमारे शिविर में कोई व्यक्ति आता है और बात जाहिर करता है तो उसे हम ट्रीटमेंट तो दिलाते ही हैं, साथ ही उसके जैसे साथियों को खोजने का काम करते हैं। ऐेसे में कार्यक्रम के तहत कई बार शिविर आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाता है कि वह आगे आएं और उपचार कराएं। इस काम काम को 5 लोग करते हैं।
क्या है टारगेटेड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम
हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम उन लोगों या महिलाओं के लिए है जो असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं या एक ही सुई के जरिए नशा करते हैं। इस कार्यक्रम में एचआइवी के संबंध में निश्शुल्क परामर्श दिया जाता है। गुप्त रोगों का निशुल्क उपचार भी उपलब्ध कराया जाता है। टीबी के संबंध में भी जानकारी दी जाती है। एचआइवी आदि रोगों में निश्शुल्क जांच होती है। नशा करने वालों के लिए भी उपचार उपलब्ध कराया जाता है। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि आपके आसपास अगर ऐसे लोग हैं तो उन्हें रेडक्रॉस में ला सकते हैं। जहां काउंसलिंग के साथ उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं।