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भारतीय हॉकी टीम में ड्रग फ्लिक लगाने वाली हिसार की दीपिका सबसे कम उम्र की खिलाड़ी

भारत की महिला हॉकी टीम में केवल 4 ही ऐसी खिलाड़ी हैं जो ड्रैग फ्लिक तकनीक का इस्तेमाल करती हैं। उनमें से तीन हरियाणा और एक पंजाब की खिलाड़ी हैं।

By manoj kumarEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 12:17 PM (IST)
भारतीय हॉकी टीम में ड्रग फ्लिक लगाने वाली हिसार की दीपिका सबसे कम उम्र की खिलाड़ी
भारतीय हॉकी टीम में ड्रग फ्लिक लगाने वाली हिसार की दीपिका सबसे कम उम्र की खिलाड़ी

हिसार [संदीप बिश्नोई] हॉकी की सबसे मुश्किल तकनीक ड्रैग फ्लिक का इस्तेमाल करने वाली देश की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हिसार की दीपिका बन गई हैं। भारत की महिला हॉकी टीम में केवल 4 ही ऐसी खिलाड़ी हैं जो ड्रैग फ्लिक तकनीक का इस्तेमाल करती हैं। उनमें से तीन हरियाणा और एक पंजाब की खिलाड़ी हैं। हिसार निवासी 15 वर्षीय दीपिका सबसे कम उम्र की ड्रैग फ्लिक तकनीक से खेलने वाली खिलाड़ी है। हाल ही में हिसार में हुई राज्यस्तरीय महिला हॉकी प्रतियोगिता के हिसार के कुरुक्षेत्र के साथ हुए मुकाबले में दीपिका ने पहला ही गोल ड्रैग फ्लिक से किया था।

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सीनियर कोच आजाद मलिक बताते हैं कि भारत के हॉकी टीम के खिलाड़ी संदीप सिंह इस तकनीक का सबसे अधिक और सबसे बेहतरीन उपयोग करते हैं। दीपिका को भी उसकी इसी तकनीक के शानदार उपयोग के कारण सीनियर टीम में भी खिलाया जाता है। जिसका फायदा टीम को मिलता है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा विश्वविद्यालय कैंपस में रहने वाली इस खिलाड़ी के पिता जगदीश सिंह इसी विश्वविद्यालय में लैब अटेंडेंट हैं, जबकि मां जगीता सिंह गृहिणी हैं। दीपिका के भाई प्रवेश सहरावत कुश्ती के खिलाड़ी हैं। दीपिका ने बताया कि वह 6 साल से हॉकी का अभ्यास कर रही है और वर्तमान में हॉकी एस्ट्रोटर्फ पर अभ्यास करती है।

क्या है ड्रैग फ्लिक
यह हॉकी में गोल करने की एक तकनीक है, जिसे सबसे मुश्किल माना जाता है। इस तकनीक में गेंद को स्टिक से हिट करने की बजाय गेंद को स्टिक के साथ स्टाकर शरीर का पूरा जोर लगाते हुए उसे पूरी गति से गोल पोस्ट की तरफ धकेला जाता है। इस तकनीक से गोल करने में शरीर की सबसे अधिक पावर का इस्तेमाल होता है।

यूथ ओलंपियाड में भारतीय टीम में दीपिका को किया गया था शामिल
हॉकी कोच विजेंद्र सहारण बताते हैं कि अप्रैल 2018 में बैंकाक में हुए यूथ ओलंपियाड में पहली बार हुई फाइव अ साइड अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में वह भारत की पांच खिलाडिय़ों की टीम में शामिल थी। इस प्रतियोगिता में दोनों तरफ 5-5 खिलाड़ी होते हैं। 2018 में ही इस खेल की  पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता हुई थी। ड्रैग फ्लिक तकनीक में महारत हासिल होने के कारण दीपिका का चयन इस टीम में किया गया था। 2018 में ही दीपिका को सब जूनियर नेशनल में 13 गोल किए जाने के कारण बेस्ट प्लेयर के खिताब से नवाजा गया था। वह राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर और सीनियर टीम की भी खिलाड़ी है। ड्रैग फ्लिक तकनीक के शानदार उपयोग के कारण वे सीनियर टीम में भी खेलती हैं। उनके अलावा भारत की टीम में पंजाब की गुरजीत कौर कुरुक्षेत्र के शाहबाद की जसप्रीत कौर ही ड्रैग फ्लिक तकनीक का इस्तेमाल करती हैं।


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