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जूलॉजी कोर्स करवाने वाला प्रदेश का पहला कालेज बनेगा हिसार का जाट कालेज

जाट कॉलेज में शुरू होने वाले एमएससी जूलॉजी कोर्स में शुरुआत में 40 सीटें रखी गई है। स्‍टूडेंटस कोर्स कर जूलॉजिस्ट के तौर पर भारतीय वन सेवा आइएफएस में करियर बना सकते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 10:20 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 10:20 AM (IST)
जूलॉजी कोर्स करवाने वाला प्रदेश का पहला कालेज बनेगा हिसार का जाट कालेज
जूलॉजी कोर्स करवाने वाला प्रदेश का पहला कालेज बनेगा हिसार का जाट कालेज

हिसार [सुभाष चंद्र] प्रदेश के युवा सीआरएम जाट कॉलेज से भी एमएससी जूलॉजी कोर्स कर सकेंगे। जाट कालेज को इस कोर्स को शुरू करने के लिए सरकार से एनओसी मिल गई है, जिसके बाद आने वाले सेशन में यह कोर्स शुरू किया जाएगा। जाट कालेज प्रदेश का ऐसा पहला कालेज होगा, जो एमएससी जूलॉजी कोर्स शुरू करेगा। खास बात यह है कि यह कोर्स हिसार में सिर्फ एचएयू में उपलब्ध है, लेकिन वहां भी काफी कम सीटें हैं, जिसके कारण विद्यार्थियों को इस कोर्स को करने के लिए जिले से बाहर जाना पड़ता था। लेकिन अब शहर के ही नहीं आसपास जिलों के युवा यह कोर्स जाट कॉलेज में कर सकेंगे।

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कोर्स में मिलेगी 40 सीटें

जाट कॉलेज में शुरू होने वाले एमएससी जूलॉजी कोर्स में शुरुआत में 40 सीटें रखी गई है, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी यह कोर्स कर सकेंगे। अगर बात करें एचएयू की तो वहां सिर्फ 6 सीटें उपलब्ध हैं। ऐसे में यह कोर्स करने के लिए एचएयू में दाखिले के लिए मारामारी रहती थी। लेकिन अब विद्यार्थियों को दाखिले के लिए अधिक सीटें मिल सकेंगी।

जानिये, जूलॉजी में पढ़ाई के बाद कहां मिल सकती है जॉब

इस कोर्स में स्टूडेंट्स को जीव-जन्तु और पेड़-पौधों के बारे में पढ़ाया जाता है। पढ़ाई के दौरान जीव-जन्तुओं में पीढ़ी-दर-पीढ़ी आ रहे बदलाव, वर्गीकरण और उनके रहन-सहन आदि के बारे में बताया जाता है और इनके साथ दुर्लभ और विलुप्त प्राणियों के बारे में भी जानकारी दी जाती है। जूलॉजी में ग्रेजुएशन करने के बाद आपके लिए विभिन्न ऑप्शन खुल जाते हैं। जूलॉजी में मास्टर डिग्री के बाद पीएचडी भी की जा सकती है।

ज्‍यादा सेलरी का विकल्‍प

कोर्स पूरा होने के बाद 30 से 40 हजार रुपये प्रति माह कमा सकते हैं और अगर किसी खास विषय पर रिसर्च की जाए तो इनकम और अधिक हो सकती है। कोर्स के बाद सरकारी या निजी क्षेत्र में करियर के ऑप्शन खुल जाते हैं।

इनमें क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर

जूलॉजिस्ट के तौर पर भारतीय वन सेवा आइएफएस में करियर बना सकते हैं। इकोलॉजिस्ट, एनवायर्नमेंटल कंसल्टेंट, फील्ड ट्रायल्स ऑफिसर, मरीन साइंटिस्ट, नेचर कंजर्वेशन ऑफिसर, रिसर्च साइंटिस्ट लाइफ साइंस को भी चुन सकते हैं। कृषि एवं मत्स्य पालन में एक सर्च साइंटिस्ट के रूप में भी करियर शुरू किया जा सकता हैं।

---कोर्स शुरू करने के लिए लैब डेवलप की गई है। लैब के साथ-साथ कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया गया है। बीएससी में मेडिकल व बायोटेक विद्यार्थी यह कोर्स कर सकेंगे।

डा. सुरेश, जाट कॉलेज।

---कोर्स के लिए पिछले काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे। इस कोर्स को शुरू करने के लिए हायर एजुकेशन से एनओसी मिल चुकी है।

बलबीर सहारण, प्रिंसिपल, जाट कॉलेज, हिसार।


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