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पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंची मानसूनी हवाएं, हरियाणा में 20 को प्री मानसून की संभावना

हरियाणा के लोगों के राहत भरी खबर है। 20 जून को हल्की हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। 24 जून के बाद फिर से बारिश होने की संभावना है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 10:29 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 10:29 AM (IST)
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंची मानसूनी हवाएं, हरियाणा में 20 को प्री मानसून की संभावना
पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंची मानसूनी हवाएं, हरियाणा में 20 को प्री मानसून की संभावना

हिसार, जेएनएन। पिछले चार दिनों से गर्मी सितम ढाह रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि न तो कोई पश्चिमी विक्षोभ बना है और मौसम में भी किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में मौसम साफ रहने के कारण तापमान में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। गुरुवार को भी गर्मी के तेवर सातवें आसमान पर दिखाई दिए। इसमें सबसे अधिक दिन का तापमान सिरसा का 44.3 डिग्री सेल्सियस तो दूसरे स्थान पर हिसार में 44.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। सिर्फ यह ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई शहरों में रात्रि तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। जो दिखाता है कि सुबह सायं कितनी गर्मी पड़ रही है। हालांकि अधिक दिन तक लोगों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मानसूनी हवाएं इस समय मध्य प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के आसपास हैं। सब कुछ ठीक रहा तो प्री मानसून की पहली बारिश 20 जून को होने का अंदेशा है। 

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20 व 21 जून को होगी बारिश 

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि 19 जून रात्रि से गरज चमक के साथ मौसम में परिवर्तन हो सकता है। इसके बाद 20 व 21 जून को हल्की बूंदाबांदी की संभावना है। पहली बारिश होने पर यह मान लिया जाएगा कि प्रदेश में प्री-मानसून की आवक हो चुकी है। इसके साथ ही 22 व 23 जून को आंशिक बादलवाई छाई रह सकती है। 24 जून के बाद फिर से बारिश होगी। 

सामान्य से सात फीसद अधिक बारिश की संभावना

इस बार मानसून में सामान्य के आस पास बारिश होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर गौर करें तो इस बार सामान्य से सात फीसदी अधिक बारिश होने की संभावना जताई है। समय पर मानसून आया तो यह किसानों के लिए फायदेमंद रहेगा। भारत मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम क्षेत्र यानि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर आदि में मॉनसून ऋतु की वर्षा दीर्घावधि औसत के 107 फीसद, मध्य भारत में 103 फीसद, दक्षिणी प्रायद्वीप में 102 फीसद तथा पूर्वोत्तर भारत में 96 फीसद होने की संभावना है। इसमें 8 फीसद की मॉडल त्रुटि हो सकती है। समूचे देश के लिए जुलाई माह में दीर्घावधि औसत के 103 फीसद तथा अगस्त माह में 97 फीसद वर्षा होने की संभावना है। इसमें 9 फीसद की मॉडल त्रुटि हो सकती।

2019 में साउथ वेस्ट मानसून में बारिश की स्थिति

मानसून का समय- जून से सितंबर

सामान्य बारिश- 438.6

बारिश रिकार्ड की गई- 255.2

ओवरऑल कितनी कम हुई बारिश- 42 फीसद 

कितने जिलों में सामान्य बारिश हुई- 3

सबसे कम बारिश वाले जिला- रोहतक में 72 फीसद कम, पानीपत 62 तो फतेहाबाद में 63 फीसद कम

किस जिले में कितनी कम बारिश 

जिला- कम बारिश (फीसद में)

सिरसा- 13  

यमुनानगर- 15

फतेहाबाद- 63

रोहतक- 72

पानीपत- 62

पंचकूला- 57

अंबाला- 26

कुरुक्षेत्र- 23

कैथल- 50

जींद- 51

हिसार- 48

भिवानी- 45

महेंद्रगढ़- 49

झज्जर- 57

सोनीपत- 56

रेवाड़ी- 26

गुरुग्राम- 43

फरीदाबाद- 41

पलवल- 41

मेवात- 46

करनाल- 23

प्रदेश में कहां-कहां कितना रहा तापमान 

जिला- अधिकतम- न्यूनतम 

अंबाला- 40.8- 26.9 

भिवानी- 43.8- 30.2    

चंडीगढ़- 40.2- 29.6          

पंचकूला- 40.1- 29.5      

फरीदाबाद- 42.5- 28.5    

गुरुग्राम- 42.5- 28.0  

हिसार- 44.2- 28.6

करनाल- 39.5- 28.0           

कुरुक्षेत्र- 41.0- 28.4         

नारनौल- 43.6- 30.2

रोहतक- 43.8- 30.2 

सिरसा- 44.3- 29.5

नोट- तापमान डिग्री सेल्सियस में है।


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